वेसुवियस ज्वालामुखी, जिसकी भाप ने ही 10 हजार जानें ले लीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इटली के पोम्पई, हर्कुलैनियम, ओप्लोंटिस और स्टेबियाए शहर में दो हजार साल पहले वेसुवियस ज्वालामुखी का विस्फोट इतना भयानक था कि उसमें 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। यह विस्फोट इतना जानलेवा था कि इससे बचना संभव न हो सका और ज्वालामुखी का शिकार होना पड़ा था। विस्फोट इतना डरावना था कि आज भी जब हम इसके बारे में सोचते है तो दिल दहल जाता है। उस समय हुए ज्वालामुखी विस्फोट में जिन लोगों की मौत हुई थी। उनमें से अधिकतर लोगों के शरीर भाप बनकर उड़ गए। केवल एक इंसान का कंकाल मिला है। जिसके अवशेष अभी तक सुरक्षित हैं। यह कंकाल हर्कुलैनियम शहर के प्राचीन तट के पास से मिला है। पुरातत्वविदों का मानना है कि माउंट वेसुवियस ज्वालामुखी AD 79 में भयानक विस्फोट हुआ था। इससे इंसान अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे लेकिन आगे रास्ता न होने की वजह से उनकी मौत हो गई। एक मानव का कंकाल समुद्र से कुछ फीट की दूरी पर मिला है। विस्फोट में रोम का प्रसिद्ध शहर पोम्पई हमेशा के लिए खत्म हो गया था।
आखिर क्या है कंकाल का रहस्य?
हर्कुलैनियम आर्कियोलॉजिकल पार्क के डायरेक्टर फ्रंसेस्को सिरानो का मानना है कि जिस व्यक्ति का कंकाल मिला है वह 40 से 45 साल का रहा होगा। वह विस्फोट के समय अपनी जान बचाने के लिए समुद्र की ओर भागा था और वहां किसी बोट शेड की तलाश कर रहा होगा क्योंकि मछुवारे अपने जाल और यंत्र को पत्थरों के अंदर सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा उपाय मानते थे। वह व्यक्ति वहां तक पहुंचता उससे पहले ही ज्वालामुखी से निकले पाईरोक्लास्टिक मलबे ने उसे निगल लिया। जब इंसानों के पास मलबे के बादल आएं होंगे तब उन बादलों का बहाव 100 किलोमीटर प्रतिघंटा व तापमान 500 डिग्री सेल्सियस रहा होगा। यह तापमान इतना ज्यादा था कि जो भी इसकी चपेट में आया वह भाप बनकर उड़ गया। पाइरोक्लाइस्टिक बादल समुद्र से टकराने के बाद ठंडा हो गया था। इसी वजह से उस इंसान का कंकाल बच गया क्योंकि वह समुद्र से कुछ दूरी पर था। सिरानो ने बताया कि कंकाल को देखने के बाद पता चला कि जब वह मरा था उस समय इसकी शक्ल समुद्र से उलटी तरफ यानी जमीन की तरफ थी। क्योंकि जब यह व्यक्ति मरा था उस समय वह अपनी ओर पाइरोक्लाइस्टिक बादलों में अपनी मौत को देख रहा था। बादलों से जलकर वह समुद्र के किनारे तक चला गया जिसकी वजह से उसका शरीर ने जलना बंद कर दिया और उसका कंकाल बच गया।
कहां है हर्कुलैनियम शहर?
हर्कुलैनियम शहर नेपल्स की खाड़ी के किनारे बसा एक प्राचीन शहर है। यह पोम्पई शहर से 13 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। 18वीं सदी तक इस शहर में कोई इंसान नहीं आया क्योंकि पूरा शहर गर्म राख से ढंका हुआ था। वेसुवियस विस्फोट के फटने से हर्कुलैनियम में 300 लोगों की जान गई थी। शहर में ज्यादातर लोग पत्थरों के बोट शेड में छिपे थे। लोगों का मानना था कि शायद उन्हें समुद्र के रास्ते से कोई मदद मिल जाए। लेकिन यह संभव नहीं हो पाया और उन्हें मौत का शिकार होना पड़ा। घटना के 25 साल के बाद रोमन के एक लेखक प्लिनी द यंगर ने लिखा कि रोमन नौसेना में उनके अंकल प्लिनी द एल्डर, एडमिरल थे। उन्होंने शहर के लोगों को बचाने के लिए आदेश दिए थे। लेकिन उसमें उन्हें सफलता नहीं मिली थी। उनके अंकल पास के स्टेबियाए कस्बे में मारे गए थे। इस बात का खुलासा तब हुआ जब पुरातत्वविदों ने रोमन नौसैनिकों के अवशेषों को खोजा। अभी जो कंकाल मिला है उसी के पास से एक बक्सा भी मिला है। इस बक्से में से कुछ कपड़े के टुकड़े मिले और धातु से बनी एक अंगूठी मिली है। जो कुछ अवशेष मिले है उन पर अध्ययन चल रहा है। पुरातत्वविदों का मानना है कि माउंट वेसुवियस ज्वालामुखी का दो बार विस्फोट हुआ था जिसमें 5 हजार लोगों में से केवल 1 हजार लोग ही बच पाए थे। बचे हुए अवशेषों का अध्ययन करने के बाद कई सारे रहस्य उजागर होंगे।
Created On :   29 Dec 2021 5:57 PM IST