दुनिया में 50 से भी कम इंसान के पास है ये रेयर गोल्डन ब्लड, जाने आखिर क्यों है इतना दुर्लभ
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया में सबसे रेयरेस्ट ब्लड टाइप कौन सा है? आइए जानते है, वैज्ञानिक इसे गोल्डन ब्लड कहते है। 50 से भी कम लोगों में ये ब्लड ग्रुप पाया जाता है। इस ब्लड ग्रुप के लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जब उन्हें खून की आवश्यकता होती है। क्योंकि दुनिया में इस ब्लड ग्रुप के लोग बेहद कम पाए जाते है।
क्यों कहते है इसे गोल्डन ब्लड
जिन लोगों के शरीर में RH फैक्टर null होता है,उन लोगों के शरीर में गोल्डन ब्लड पाया जाता है। इसे लोगों के शरीर में 61 संभावित एंटीजन की कमी पाई जाती है। इसीलिए इस कहा जा सकता है की इसे लोग अपनी जिंदगी तलवार की धार पर रख कर जीते है।
दुनिया में ये खून सिर्फ 43 लोगों के पास है
बिगथिंग डॉटकॉम के मुताबिक ऐसा कहा जाता है की दुनिया में ये ब्लड ग्रुप 43 लोगों में ही पाया जाता है। इसे 1961 में खोज गया था जब ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली एक गर्भवती महिला के खून की जांच की गई और डॉक्टरों ने ये कहा कि RH- null होने के कारण बच्चे की मौत महिला के भ्रूण में ही हो जायेगी।
जानते है गोल्डन खून का इतिहास
इतिहास के पन्ने पलट तो हमारे पूर्वजों को खून के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, उनका यही मानना था की खून अगर शरीर के बाहर आया तो बुरा अंदर है तो अच्छा। कुछ समय तक कोई कुछ जानकारी इखट्टी नही कर पाए। कार्ल लेंस्टाइनर ऑस्ट्रियन फिजिशियन ने 1901 में खून का वर्गीकरण करना शुरू कर दिया। उन्होंने खून के चार प्रकार बताए A,B,AB और O जिसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरुस्कार भी मिला।
जानिए क्या होता है खून में
किसी भी प्रकार के खून में चार चीज पाई जाती है। पूरे शरीर में ऑक्सीजन का संचार करने और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालती है, वाली लाल रक्त कणिकाएं बाहरी और अंदरूनी संक्रमण से बचाने वाली सफेद रक्त कणिकाएं। खून को जमाने में मदद करने वाली प्लेटलेट्स। साल्ट्स और एंजाइम्स का संचार करने वाला तरल पदार्थ।
खून में पाया जाने वाला एंटीजन क्या काम करता है?
ब्लड एंटीजन प्रोटीन जो खून में होते है, जो पूरे शरीर में कई तरह का काम करते है। ये बाहरी बीमारियों की सूचना पहले से ही दे देता है। इम्यूनिटी को बढ़ाता है, किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाता है। एंटीजन के बिना हमारा इम्यूनिटी सिस्टम बीमारियों से बचने की प्रणाली को नहीं रोक सकता।
अगर हम A ब्लड ग्रुप के आदमी को कोई दूसरे ब्लड ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया जाए तो वो इम्यूनिटी सिस्टम RBC का दुश्मन जैसा काम करता है जो इंसान को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है।
क्या है ब्लड ग्रुप में निगेटिव और पॉजिटिव
कई बार हमने सुना है की A पॉजिटिव या B निगेटिव, इसीलिए क्योंकि ये आगे और विभाजित है। सिर्फ एक O निगेटिव एक ब्लड टाइप है जो किसी भी शरीर में चढ़ाया जा सकता है, ये किसी की भी बॉडी में एक घुसपैठिया जैसा काम नही करता है। इसीलिए भी क्योंकि इनके A,B और RhD एंटीजन नही पाए जाते है।
गोल्डन ब्लड क्यों है दुर्लभ?
गोल्डन ब्लड पूरे आठ प्रकार के होते है, लेकिन अगर एंटीजन के बारे में जाने तो इसके प्रकार और ज्यादा बढ़ जायेंगे। उन लोगों का ब्लड नॉर्मल होता है जिसमे RhD प्रोटीन के जिसमे 61 संभावित एंटीजन होते है। जिस खून में 61 संभावित एंटीजन नही होते वो गोल्डन ब्लड होता है। लेकिन ये खून किसी शरीर में नही चढ़ाया जा सकता है, किसी ब्लड ग्रुप से बदला भी नही जा सकता, ये बहुत बेशकीमती होता है इसीलिए इसे गोल्डन ब्लड कहते है।
आखिर गोल्डन ब्लड की क्या जरूरत है
इस ब्लड के साथ जीना तो मुश्किल है ही साथ ही साथ चिकित्सा विज्ञान के लिए भी बहुत ज़रूरी ऐसे ब्लड टाइप के व्यक्ति को अगर खून की आवश्यकता होती है तो, इसे में खून का दान करना मुश्किल हो जाता है।इसीलिए इसे खून वाले व्यक्ति को खून का दान करते रहना चाहिए। ताकि उनका खून, ब्लड बैंक में जमा होते रहे। इसे किसी और को नही दिया जाता वो उनके लिए हानिकारक भी हो सकता है। ऐसे लोगों को खुद ही ब्लड की जरूरत पड़ जाती है।
Created On :   21 Jan 2022 4:46 PM IST