Medical Camp: राजस्थान औषधालय फ्री मेडिकल कैंप के माध्यम से आयुर्वेद को दे रहा मजबूती
मुंबई। आयुर्वेद चिकित्सा की प्राचीन परंपरा को आधुनिक युग में पुनर्जीवित करते हुए, राजस्थान औषधालय प्राइवेट लिमिटेड ने समाज की सेवा और स्वास्थ्य सुधार के क्षेत्रा में अद्वितीय स्थान बनाया है। कंपनी हर महीने देशभर में 2,100 से अधिक फ्री मेडिकल कैंप्स का आयोजित करती है, जिनमें मरीजों को फ्री आयुर्वेदिक दवाइयाँ प्रदान की जाती हैं। यह पहल ‘‘रोग मुक्त भारत अभियान’’ के तहत की जा रही है, जो पूरे भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा योगदान है।
कैंप में जोड़ो के दर्द, नशा मुक्ति, अस्थमा, पीसीओडी महिलाओं से संबंधित दवा मरीजों को निःशुल्क प्रोवाईड करवाई जाती हैं, इसके साथ ही मरीजों को अगर आराम मिलता हैं, और उनके पास पैसों का आभाव रहता हैं, तो कंपनी द्वारा एक बार पुन्हः फ्री दवा मरीजों को उपलब्ध करवाती है। व्यक्तिगत अनुभव होने के कारण कह सकता हूं, कि इस तरह से आयुर्वेद में कोई भी कंपनी काम नहीं करती हैं, लेकिन जिस तरह से राजस्थान औषधालय प्राईवेट लिमिटेड मानव सेवा को अपना धर्म मानते हुये कार्य कर रही हैं, वो समाज हित के साथ-साथ आयुर्वेद के क्षेत्रा में अनूठा कदम हैं, इससे आयुर्वेद को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिल रहा है।
कंपनी लगातार देशभर में ‘‘रोग मुक्त भारत’’ अभियान के तहत हर वर्ष 2100 से अधिक फ्री मेडिकल कैंप का आयोजन करती है, जिसके लिये लगातार भारत के हर जिले के ताल्लुका और गांवों में डॉक्टर्स अपने क्लीनिक में फ्री मेडिकल कैंप का आयोजन करते है, जिसमें मरीजों को जोड़ो के दर्द, अस्थमा, नशा छुड़ाने, पीसीओडी से से संबंधित दवा मरीजों को निःशुल्क प्रोवाईड करवाई जाती है।
राजस्थान औषधालय के बारे में क्या कहते हैं, देशभर से जुड़े हुये डॉक्टर्स - सुनिये उन्हीं की जुबानी
जोड़ों के दर्द का समाधान संभव - डॉ. दीपक मौर्या (दिल्ली)
पिछले 26 वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे डॉ. दीपक मौर्या ने बताया राजस्थान औषधालय की पैन निवारण चूर्ण और डॉ. रिलैक्सी कैप्सूल ने मेरे क्लीनिक में असंख्य मरीजों को जोड़ों के दर्द से राहत दी है। कैंप्स के माध्यम से जरूरतमंद मरीजों को यह दवाइयां फ्री प्रदान करना मानवीयता की मिसाल है।
काफी मरीजों को नशे से मुक्त किया है - डॉ. प्रकाश वायकर (पुणे)
युवा पीढ़ी में बढ़ते नशे की लत को देखते हुए राजस्थान औषधालय की सुरारी चूर्ण बहुत प्रभावी साबित हुई है। कैंप्स के दौरान मरीजों को यह दवा देकर उन्हें नशे से मुक्ति दिलाई है।
अस्थमा के अनगिनत मरीजों को ठीक किया - डॉ. सिदन गौवड़ा पाटिल (कर्नाटक)
पिछले 6 वर्षों से अस्थमा के मरीजों को अस्थालैक्स कैप्सूल दे रहा हूँ। इसका जो रिजल्ट हैं काफी अद्भुत हैं। इस दवा से प्रेक्ट्सिकाल में 380 से अधिक मरीजों को अस्थमा से राहत दिलाई है।
मरीजों की इस दवा से डायबिटीज काफी कंट्रोल हुई - डॉ. रिया देशाई (गोवा)
डायबिटीज के मरीजों को सुगाजेन कैप्सूल से काफी राहत मिली है। इस दवा ने न केवल शुगर लेवल को कंट्रोल किया बल्कि मनुष्य के जीवनशैली में काफी सुधार लेकर आ रही है। वहीं कंपनी द्वारा फ्री मेडिकल कैंप के माध्यम से मरीजों को कैंप में 5 दिनों की फ्री दवाइयाँ दी जाती हैं। जरूरत पड़ने पर फॉलो-अप में भी फ्री दवा दी मरीजों को प्रोवाईड करवाई जाती है। कैंप के माध्यम से मरीजों को जोड़ों का दर्द (अर्थराइटिस, कमर दर्द, गर्दन दर्द), अस्थमा और सांस संबंधी प्रोब्लमस, नशा मुक्ति (शराब और अन्य नशे की लत से छुटकारा) , महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याएँ पीसीओडी, डयबिटीज सहित अनेकों गम्भीर बिमारियों की दवा उपलब्ध करवाई जाती है।
मुंबई के कलवा में प्रेक्टिस कर रहे बीएएमएस डॉ. राणा पी. हीरा ने बताया कि जोड़ों के दर्द में मरीजों की गर्दन में दर्द, कमर दर्द, घुटनों का दर्द, गठिया, और जोड़ो में लालिमा जैसी समस्याएं प्रमुख रूप से देखी जाती हैं। ऐसे मरीजों के लिए मैं डॉ. रिलैक्सी कैप्सूल की सलाह देता हूं। इसमें हरिद्रा और अश्वगंधा जैसे आयुर्वेदिक तत्व शामिल हैं, जो सूजन को कम करने, रक्त परिसंचरण को सुधारने और मांसपेशियों के तनाव को दूर करने में मदद करते हैं। इस दवा से मरीजों को तुंरत आराम मिलता है और इसका रेगलुर सेवन से उनकी समस्या जड़ से खत्म होने लगती है। यह कैप्सूल जोड़ो के दर्द के लिए वैज्ञानिक दृष्टि से भी काफी प्रभावी सिद्ध हुआ है।
मुंबई वसई में प्रेक्टिस कर रहे एमडी आयुर्वेदा डॉ. सरवर खान कहते हैं, कि कई दवाएं जोड़ो के दर्द के लिए ईस्तेमाल की हैं, लेकिन पेन निवारण चूर्ण जैसा असर किसी में नहीं देखा। इसमें मौजूद कुटुज, हरिद्रा, अमलकी, शुंठी हैं, जो कि सूजन को कंट्रोल करती हैं, और दर्द को तेजी से कम करते हैं। राजस्थान औषधालय द्वारा आयोजित फ्री मेडिकल कैंप्स में यह दवा प्रेक्ट्सि के दौरान काफी मरीजों को फ्री भी दी गई हैं, जिससे असहाय, मजदूर तबके के लोगों को मुफ्त दी जाती है। इस चूर्ण से मरीजों में कुछ ही दिनों में पॉजिटिव रिजल्ट दिखने लगता है।
कर्नाटक धारवाड़ के बी.ए.एम.एस डॉ. रितैश औपनाल ने राजस्थान औषधालय के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुये बताया कि करीब 6 वर्षो से अस्थमैटिक मरीजों को राजस्थान औषधालय की दवा दे रहा हूॅ, जिसके रिजल्ट बेहद शानदार हैं, इसके साथ ही लगातार कंपनी के मिशन ‘‘ रोग मुक्त भारत‘‘ अभियान की मुहीम से जुड़ा हुआ हैं, जिसके तहत क्लीनिक पर फ्री मेडिकल कैंप का आयोजन कंपनी करवा रही हैं, जिसमें अब तक करीब 380 मरीजों को अस्थमा से ठीक कर चुका हूॅ। इस मुहीम से लगातार आमजन को फायदा पहुंच रहा है।
शहर के साथ-साथ गांवों में भी फ्री मेडिकल कैंप की सुविधा राजस्थान औषधालय हर जिले, तालुका और गाँव तक अपनी सेवाएँ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही आयुर्वेद का प्रचार- प्रसार भी विश्व स्तर पर कर रहे है। यह पहल न केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा को लोकप्रिय बना रही है, बल्कि समाज को प्राकृतिक चिकित्सा की ओर भी प्रेरित कर रही है। शहर ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे गांव ताल्लुकाओं कस्बों में फ्री मेडिकल कैंप की सुविधा आमजन तक पहुंचाई जा रही है।
आने वाले वर्षों के लक्ष्य
हर साल कैंप्स की संख्या 2,100 से बढ़ाकर 3,000 करना राजस्थान औषधालय प्राईवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सलीम दिवान ने बताया कि कंपनी ‘‘ रोग मुक्त भारत‘‘ अभियान के तहत एक्सपर्ट डॉक्टर्स द्वारा देशभर में टेलीमेडिशन जरिये हर मरीज को दवा के फ्री कंसलटेशन और दवा के बारे में सलाह दी जा रही है। जिसके माध्यम से दूर-दराज के मरीजों को ऑनलाइन परामर्श मिलने में आसानी हो रही है।
राजस्थान औषधालय ‘‘रोग मुक्त भारत‘‘ अभियान के तहत मानवता की सेवा को अग्रणी मानते हुये फ्री मेडिकल कैंप के माध्यम से आयुर्वेद को एक मॉडल के रूप में बनाकर नए आयाम पर ले जा रहा है। यह पहल न केवल बीमारियों के इलाज में कारगर है, बल्कि यह सामाजिक सेवा का बेहतरीन उदाहरण भी प्रस्तुत करती है। आयुर्वेद को प्रोत्साहित करने और समाज को स्वस्थ बनाने की दिशा में यह कंपनी एक सशक्त भूमिका निभा रही है। हर साल कंपनी भारत भर में करीब 2100 फ्री मेडिकल कैंप का आयोजन करती हैं, इसके साथ ही उसी संख्या को कंपनी बढ़ाकर 3000 से अधिक कर रही हैं, ये कैंप्स भारत भर के हर जिले, गांव, कस्बों में आयोजित किये जा रहे है।
डॉ. ड़ावरे कहते हैं, कि जोड़ो के दर्द के लिए डॉ. रिलैक्सी कैप्सूल की प्रभावशीलता और इसके रिजल्ट बहुत अच्छे हैं, पैसेंट को दर्द से आराम दिलवाने में इस दवा के रिजल्ट मरीज को काफी राहत और रिलिफ वाले आ रहे है। डॉ. रिलैक्सी कैप्सूल में मौजूद हर्बल तत्व जैसे निरगुंड़ी, पुदिना, अश्वगंधा और शल्लकी, नीम जो कि सूजन को कम करने और जोड़ों की गतिशीलता सुधारने में सहायक हैं। यह दवा आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार, वात दोष को कंट्रोल करने में काफी मदद करती है।
डॉ. मिलिंद सजनवार (वर्धा, महाराष्ट्र)
डॉ. सजनवार बताते हैं कि सुरारी चूर्ण ने नशा मुक्ति में उनके मरीजों को बहुत राहत दी है। जो लम्बे समय से नशा का सेवन कर रहे थे, इसके साथ ही इस दवा का असर कुछ दिनों बाद ही देखने को मिलता हैं, वहीं इस दवा के ईस्तेमाल करने के बाद शराब पीने की ईच्छा नहीं होती है। सुरारी चूर्ण में मौजूद विद्यारीखणड़, ज्यातिष्मति, अमलकी, भीभीतकी, हरिद्रा जैसी जड़ी-बूटियों का समावेश किया गया हैं, जिससे मानसिक तनाव को कम करने और तंत्रिका तंत्रा को शांत करने में मदद करती हैं। यह आदत छोड़ने के दौरान होने वाले लक्षणों को रोकने में कारगर है।
डॉ. ईरशाद खान (धुले, महाराष्ट्र)
बीएएमएस डॉ. ईरशाद खान ने बताया कि अस्थालैक्स कैप्सूल से बड़े से बड़ा और पुराने से पुराना दमा और श्ंवास का मरीज ठीक किया हैं, इसके निरंतर ईस्तेमाल से अस्थमा जैसी बिमारी को आसानी से ठीक किया जा सकता है। वहीं शराब जैसे नशे को छोड़ने में सुरारी चूर्ण का उपयोग करते बेहद कारगर है।
डॉ. अब्दुल कलाम (जौनपुर, उत्तर प्रदेश)
डॉ. अब्दुल कलाम का कहना हैं, कि राजस्थान औषधालय की राजऑर्थाे टैबलेट का असर ये रहा हैं, कि इसके ईस्तेमाल से पुराने से पुराना जोड़ों के दर्द को दूर किया हैं, वहीं जोड़ो के घसने और जॉइंट्स में आवाज आना जैसी तकलीफ में इसका असर काफी असरकारक है। राजऑर्थाे टैबलेट में शुद्ध और आयुर्वेदिक हर्ब जैसे गौक्षुर, शंख भस्म, निरगुंठी, अमलकी और हल्दी जैसे तत्व होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करने के लिए वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हैं।
डॉ. गिरिजा प्रसाद (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)
डॉ. प्रसाद कहते हैं, एक लेडिज के घुटना सीधा ही नहीं हो पा रहा था, ये दिक्कत काफी टाईम से थी, और चलना-फिरना बड़ा मुश्किल हो गया, उस मोमेंट पर मेने पैन निवारण ऑयल की मसाज करने के लिये दिया, करीब 2 हफ्तों में घुटनों मे आराम दिखा और पैसेंट को आराम मिला, अब उस पैसेंट की कंडीशन ये हैं, कि वो चल रहा हैं, और आसानी से घुम रही है। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बने पैन निवारण ऑयल में मौजूद करपुरा का ऑयल, निरगुंठी, तिला का ऑयल, पुदीना, सरल के ऑयल का समावेश किया गया हैं, जिससे मरीज को आराम मिलता है। ये त्वरित प्रभाव के लिए त्वचा में गहराई तक प्रवेश करते हैं।
डॉ. सिमरनजीत सिंह (तरनतारण, पंजाब)
डॉ. सिंह कहते हैं, करीब 150 से ज्यादा मरीजों को जोड़ो के दर्द में आराम होने के सबूत हैं, इसके साथ ही डॉ. रिलैक्सी कैप्सूल में जो इंग्रीडेंस ड़ाले हुये हैं, वो सभी गुणकारी है, जिससे मरीज को कुछ दिनों में आराम दिखने लगता है।
डॉ. पुरूषोतम (जलंधर, पंजाब)
डॉ. पुरूषोतम कहते हैं, कि डायबिटिज ऐसी बिमारी हैं, जो शरीर में एक बार प्रवेश कर जायें, तो वो आसानी से एक मनुष्य का पीछा नहीं छोड़ती हैं, लेकिन डायबिटीज के इलाज में सुगाजैन कैप्सूल के प्रभाव को सराहा है।
सुगाजैन कैप्सूल में मेथी और जामुन जैसे तत्व होते हैं, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
छतीसगढ़ सहारणगढ़ के बीएएमएस डॉ. चैतन पटेल कहते हैं, कि जॉइंट्स पैन के मरीजों को खासकर घुटनों के दर्द की समस्या बहुत रहती हैं, जिसके चलते उनको चलने फिरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं, इसी प्रोब्लम को देखते हुये राजस्थान औषधालय का हर्बल प्रोडक्ट डॉ. रिलैक्सी कैप्सूल ईस्तेमाल करता हूॅ, जिसके काफी फायदे हैं, इसके साथ ही पैसेंट का फीडबैक भी बहुत अच्छा आ रहा है।
साऊथ गोवा की बीएएमएस डॉ. रिया देशाई कहती हैं, कि डायबिटिज के लिये काफी मरीजों को राजस्थान औषधालय का सुगाजैन कैप्सूल ईस्तेमाल करने के लिये दिया, जिसके परिणाम बहुत अच्छे मिले, अब पैसेंट को केवल ये दवा देने की देरी रहती हैं, तुरंत ये दवा अपना असर दिखाना शुरू कर देती है।
तमिलनाडु चैन्नई के डॉ. वी. नमल्लर कहते हैं, कि प्रैक्ट्सि के दौरान अस्थमा को लेकर काफी मरीजों की करीब से परेशानी देखी हैं, इसमें मरीज सांस लेने में बहुत कठिनाईयों का सामना करता हैं, इसी को देखते हुये प्रेक्ट्सि में दमा बूटी चूर्ण का ईस्तेमाल किया, जिसके ऐक्सीलेंट रिजल्ट्स मिलने लगे।
तमिलनाडु रामनाथपुरम के बीएएमएस डॉ. कालीमूतू कहते हैं, कि अस्थमा के ऐसे ऐस पैसेंट देखे हैं, जिनका जिना मुश्किल हो गया था, लेकिन उनका सहारा बना हैं, राजस्थान औषधालय का अस्थालैक्स कैप्सूल जिससे पैसेंट को काफी आराम मिला है।
बिहार लखीसराय के बीएएमएस डॉ. रविकुमार कहते हैं, कि जॉइंट्स पैन की समस्या एक आम समस्या बन चुकी हैं, लेकिन डॉक्टर के पास सबसे बड़ी चुनौती बनकर आता हैं, पैसेंट को ऐसी कौनसी दवा देंवे, जिससे उसको तुरंत आराम मिले, इसको लेकर राजस्थान औषधालय का राजऑर्थो कैप्सूल ईस्तेमाल किया, जिसका बहुत अच्छा रिजल्ट मिल रहा है।
बिहार पटना के बीएएमएस डॉ. पंछु शर्मा कहते हैं, कि जॉइंट्स पैन को लेकर काफी मेडिसिन पैसेंट पर ईस्तेमाल किया हैं, जिसमें बेहतर की अगर बात करें, तो राजऑर्थो टैबलेट और डॉ. रिलैक्सी कैप्सूल का बेहद शानदार असर दिखा हैं, जिसके बहुत अच्छे रिजल्ट भी आ रहे है।
राजस्थान औषधालय के मैनेजिंग डायरेक्टर सलीम दिवान बताते हैं, कंपनी का लक्ष्य हैं, कि कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी और गुजरात से मनीपुर तक देशभर में ‘‘रोग मुक्त भारत‘‘ अभियान की अलख जगाई जायें, जिसके माध्यम से भारत की प्राचीनतम पद्धति आयुर्वेद को देशभर में और अधिक बढ़ावा मिले। इसको लेकर हर जिला और ताल्लुका वाईज प्लान तैयार किया गया हैं, पूरे देशभर में करीब 4 हजार से भी अधिक की टीम इस लक्ष्य को कम्लीट करने में जुटी हुई है।
Created On :   30 Dec 2024 5:01 PM IST