Govt. of Rajasthan: हेल्थ रिएक्टिव के ऐतिहासिक आयुर्वेदिक क्लिनिकल ट्रायल की रिपोर्ट राजस्थान के राज्यपाल को सौंपी

हेल्थ रिएक्टिव के ऐतिहासिक आयुर्वेदिक क्लिनिकल ट्रायल की रिपोर्ट राजस्थान के राज्यपाल को सौंपी
भारत की पहली आयुर्वेदिक कंपनी ने कैंसर रोगियों पर सफलतापूर्वक पूरा किया मानव परीक्षण

जयपुर, 10 फ़रवरी: आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के संगम से भारत में चिकित्सा के नए आयाम खुल रहे हैं।

इसी कड़ी में हेल्थ रिएक्टिव के सीईओ मुनिश खान ने राजस्थान के माननीय राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागड़े से मुलाकात कर बॉडी रिवाइवल के क्लिनिकल मानव परीक्षण की विस्तृत 300 पृष्ठों की शोध रिपोर्ट सौंपी।

यह परीक्षण भारत में कैंसर रोगियों पर आयुर्वेद आधारित अपनी तरह का पहला सफल मानव परीक्षण है, जिसे चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

यह अध्ययन जे.बी. रॉय स्टेट आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, कोलकाता में अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान मानकों (CTRI/2023/11/059465) के तहत किया गया। इस शोध का उद्देश्य बॉडी रिवाइवल के प्रभाव से जीवन की गुणवत्ता (QoL) में सुधार और कैंसर उपचार के दुष्प्रभावों को कम करने पर केंद्रित था।

इस परीक्षण की सफलता ने आयुर्वेद को वैज्ञानिक स्वीकृति की दिशा में एक महत्वपूर्ण बढ़ावा दिया है।

शोध के प्रमुख निष्कर्ष

  • जीवन की गुणवत्ता में सुधार – प्रतिभागियों में ऊर्जा स्तर बढ़ा, तनाव कम हुआ और समग्र स्वास्थ्य में सुधार देखा गया।
  • कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के दुष्प्रभावों में कमी – मतली, थकान और चक्कर आने जैसी समस्याओं में राहत मिली।
  • ट्यूमर मार्कर अवलोकन – स्तन कैंसर के लिए महत्वपूर्ण CA-15.3 ट्यूमर मार्कर में गिरावट दर्ज की गई।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती – श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC) और न्युट्रोफिल काउंट में सकारात्मक वृद्धि हुई।
  • यकृत एवं रक्त स्वास्थ्य में सुधार – यकृत एंजाइम संतुलन, प्रोटीन संश्लेषण और हीमोग्लोबिन स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
  • सुरक्षा और सहनशीलता – बॉडी रिवाइवल को पूरी तरह सुरक्षित पाया गया, और कोई प्रतिकूल प्रभाव दर्ज नहीं किया गया।

राज्यपाल से भेंट और शोध रिपोर्ट का प्रस्तुतिकरण

बैठक के दौरान राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि यदि पारंपरिक चिकित्सा को कठोर वैज्ञानिक परीक्षणों और प्रमाण-आधारित अनुसंधान के माध्यम से मजबूत किया जाए, तो यह आधुनिक चिकित्सा पद्धति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।

हेल्थ रिएक्टिव के सीईओ मुनिश खान ने सरकार के समर्थन के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा: "मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का तहे दिल से धन्यवाद करता हूँ, जिनकी 'आयुष मंत्रालय' के प्रति प्रतिबद्धता ने आयुर्वेद को नए अनुसंधान आयामों तक पहुँचाने में मदद की। उनकी दूरदृष्टि ने पारंपरिक चिकित्सा को नवाचार के साथ जोड़कर वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाई है।"

"मेरा सपना है कि आयुर्वेद वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में अग्रणी बने और इसकी वैज्ञानिक प्रमाणिकता पूरी दुनिया पहचाने। यह क्लिनिकल अध्ययन उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दर्शाता है कि जब पारंपरिक चिकित्सा को आधुनिक अनुसंधान के कठोर मापदंडों पर परखा जाता है, तो यह मुख्यधारा की चिकित्सा का अभिन्न हिस्सा बन सकती है।"

आगे की योजना : नए क्लिनिकल ट्रायल्स पर कार्य जारी

"हमारा शोध यहीं खत्म नहीं होता। हम बॉडी रिवाइवल की पूरी क्षमता को समझने के लिए लगातार गहन अध्ययन कर रहे हैं। हमारे अगले क्लिनिकल परीक्षण पहले से ही शुरू हो चुके हैं, जो यकृत कैंसर (लिवर कैंसर) और नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) से प्रभावित रोगियों पर केंद्रित हैं। वैज्ञानिक प्रमाणों के माध्यम से, हम आयुर्वेद को चिकित्सा जगत की सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए और अधिक प्रभावी बनाना चाहते हैं।"

यह शोध भारतीय आयुर्वेद को वैज्ञानिक स्वीकृति की ओर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा और इसे वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाने में मदद करेगा।

नोट: क्लिनिकल ट्रायल के विस्तृत विवरण के लिए कृपया आधिकारिक लिंक पर जाएं।

CTRI

Created On :   11 Feb 2025 1:02 PM IST

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