Manipur Violence: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच बीरेन सरकार का बड़ा ऐलान, विस्थापित लोगों को मिलेंगे 50 हजार रुपये

- पिछले साल से मणिपुर में जारी है हिंसा
- राज्य की बीरेन सरकार ने किया बड़ा ऐलान
- हिंसा से विस्थापित लोगों को देगी 50 हजार रुपये
डिजिटल डेस्क, इंफाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मंगलवार को यहां घोषणा की कि सरकार मुख्यमंत्री 'उद्यमिता सहायता योजना' (सीएमईएसएस) के तहत जातीय हिंसा से विस्थापित लोगों को 50 ,हजार रुपये तक का बिना किसी जमानत के ऋण उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस योजना के तहत लगभग 426 विस्थापित लोगों को उनकी उद्यमशीलता गतिविधियों को समर्थन देने के लिए ऋण प्रदान किया है। उन्होंने लोगों से इस योजना के तहत वित्तीय सहायता के लिए आवेदन करने का भी आग्रह किया।
बीरेन सरकार का बड़ा ऐलान
मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित और सफलतापूर्वक चल रहे स्टार्टअप हिंसा प्रभावित विस्थापित लोगों को रोजगार देंगे। सात ऐसे स्टार्टअप की पहचान की गई है जो 432 विस्थापित लोगों को रोजगार देने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि 'एक परिवार, एक आजीविका योजना' के तहत 5,000 लाभार्थियों को 30 प्रतिशत सब्सिडी के साथ 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि अब तक 745 को शॉर्टलिस्ट किया गया है और नौ को सहायता के लिए ऋण प्रदान किया गया है। उन्होंने युवाओं को योजना के तहत आवेदन करने और लाभ प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।
सरकार ने 280 करोड़ रुपए जारी किए
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के अथक प्रयासों से कुल 2,058 विस्थापित परिवार (7,549 व्यक्ति) अपने मूल निवास स्थान पर लौटने में सक्षम हुए हैं। सरकार ने राहत शिविरों में शरण लेने वाले लोगों के लिए प्रति व्यक्ति 1,000 रुपये के वितरण के लिए 30 करोड़ रुपये जारी किए हैं और अब तक पांच किस्त पूरी हो चुकी हैं। राहत शिविर संचालन के लिए अब तक कुल 280 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
बीरेन सिंह ने कहा कि राहत शिविरों में रहने वाले छात्रों को सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में मुफ्त प्रवेश दिया गया है, जबकि निजी स्कूलों में पढ़ने वालों के लिए सरकार ने 50 प्रतिशत खर्च वहन किया है।
Created On :   1 Jan 2025 3:38 AM IST