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मध्य प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी: 68 साल में न्यूनतम वेतन बढ़ने के बाद घटा, सीबीआई से जांच हो : मनोज भार्गव
डिजिटल डेस्क, भोपाल। न्यूनतम वेतन की मांग को लेकर हजारों आउटसोर्स, अस्थाई, अंशकालीन, ग्राम पंचायतों के कर्मचारी रविवार को चिनार पार्क में जुटे, पुलिस द्वारा वहां से भगाने के बाद यह कर्मचारी रैली निकाल भाजपा कार्यालय के लिए निकले, पुलिस ने इन्हें बोर्ड आफिस चौराहे पर रोक दिया। इससे नाराज होकर कर्मचारियों ने संगठन के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा की अगुआई में चक्काजाम किया। यह चक्काजाम करीब दो घंटे चला।
ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स संयुक्त संघर्ष मोर्चा प्रान्तीय संयोजक मनोज भार्गव ने धरना प्रदर्शन को अध्यक्ष संबोधित करते हुए मप्र के लाखों आउटसोर्स, अंशकालीन व पंचायत-स्वास्थ्य कर्मी 68 साल के इतिहास में पहली बार न्यूनतम वेतन घटने से आर्थिक रूप से आहत हैं, पर तब भी प्रदेश के पंचायत विभाग, मेडिकल कॉलेज एवं शासकीय चिकित्सालयों में कार्यरत आउटसोर्स व अंशकालीन कर्मियों की आधी से अधिक न्यूनतम वेतन राशि प्रतिमाह मानव बल ठेकेदारों द्वारा हड़पी जा रही है। इस बात को लेकर मप्र ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स संयुक्त संघर्ष मोर्चे के प्रांतीय संयोजक वासुदेव शर्मा एवं मनोज भार्गव के नेतृत्व में रविवार को भोपाल के एमपी नगर चौराहे के समीप प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर आउटसोर्स-अंशकालीन एवं पंचायत कर्मियों को संबोधित करते हुए भार्गव ने कहा समूचे प्रदेश में के सभी मेडिकल कॉलेजों व सरकारी चिक्त्सिलयों में मानव बल ठेकेदार सरेआम वहां कार्यरत हाउस कीपिंग, वार्ड बॉय, सिक्युरिटी गार्ड, सफाई कर्मी, चपरासी जैसै छोटे कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन की आधी से अधिक राशि प्रतिमाह हड़प रहे हैं।
धरना प्रदर्शन को अध्यक्ष संबोधित करते हुए वासुदेव शर्मा ने कहा प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं देने के बाद भी बडी संख्या में कर्मचारियों का शामिल होना बताता है कि प्रदेश के न्यूनतम वेतन से वंचित लाखों कर्मचारी सरकार से निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार है, वह न्यूनतम वेतन की लडाई को जीतने के लिए ही भीषण गर्मी में भोपाल आया है, इसलिए हम लोग इस संघर्ष को जारी रखने का संकल्प लेते है।
Created On :   17 Jun 2024 2:21 PM IST