बच्चे की खरीद फरोख्त: संतानविहीन शिक्षक से मोटी कमाई के लिए शिष्य ने पार कर दी हद, आठ लाख में बच्चा खरीद कर 29 लाख में बेंचा
- छह आरोपियों को महाराष्ट्र से लेकर लौटी पुलिस
- अपहृत मासूम के सकुशल मिलने पर हर चेहरे पर खुशी
- छह माह के मासूम के अपहरण का खुलासा
डिजिटल डेस्क, रीवा। मध्यप्रदेश के रीवा में छह माह के मासूम के अपहरण का खुलासा चौकाने वाला रहा। महाराष्ट्र से अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छह माह के मासूम आरेश बागड़ी को सकुशल छुड़ाने के बाद पुलिस रविवार को रीवा लौटी। अपहरण की इस घटना में शामिल छह आरोपियों को महाराष्ट्र से लाया गया है। इस अपहरण कांड के खुलासे में यह बात सामने आई है कि मुंबई में संतानविहीन शिक्षक श्रीकृष्ण संताराम पाटिल से मोटी लेकर उन्हीं के शिष्य अमोल मधुकर ने हद पार कर दी। शिक्षक को लालन-पालन के लिए बच्चे की जरुरत होने पर उनके एक शिष्य ने इसका फायदा उठाने के लिए सौदेबाजी की। इस शिष्य ने बच्चे की व्यवस्था के लिए योजना तैयार की। इस प्लान में वह सफल भी हो गया। छह माह के मासूम को उसने आठ लाख रुपए में खरीदा और फिर अपने गुरु को 29 लाख में बेंच दिया। इस पूरे मामले में 12 आरोपी बनाए गए हैं, जिसमें एक अभी फरार है।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
पुलिस कंट्रोल रूम में खुलासा करते हुए आईजी डॉ. महेन्द्र सिंह सिकरवार ने बताया कि कॉलेज चौराहा के समींप फुटपाथ से सोते समय मासूम के अपहरण की जानकारी आने पर पुलिस की तीन टीमें बनाई गई थीं। इस टीम ने घटना के दूसरे दिन ही मोटर सायकल सवार मो.सलीम एवं अतुल जैसवाल निवासी मऊगंज को चिन्हित कर लिया एवं सलीम को रात्रि मे मऊगंज के निर्जन स्थान पर टीम ने घेराबंदी कर पकड़ा। सलीम से पूछताछ पर पूरी घटना का खुलासा हो गया। पड़ताल में पाया गया कि महाराष्ट्र में रह रहा नितिन सोनी पत्नी स्वाती के साथ मऊगंज आया था और अपने साथी मो.हारून, मो.सलीम, मुस्कान रावत, देवेश जैसवाल, चालक गुड्डू गुप्ता के साथ षड़यंत्र रचकर कालेज चौराहा रीवा के फुटपाथ पर फेरीवाले के बच्चे आरेश को उनके माता-पिता के पास से मोटर सायकल से उठाकर कल्याण मुंबई महाराष्ट्र ले गए। जहां अमोल मधुकर, उसकी पत्नी अरवी उर्फ सेजल एवं प्रदीप कोलंबे को 8 लाख रूपए में बेंचा। जिसे अमोल मधुकर, अरवी उर्फ सेजल ने श्रीकृष्ण संतराम पाटिल को 29 लाख रूपए मे बेच दिया। ये रुपए एकाउंट में ट्रांसफर किए जाने की बात सामने आई है। खुलासा के दौरान डीआईजी साकेत पांडेय, एसपी विवेक सिंह सहित टीम में शामिल अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
तीन टीम हुई थी गठित
आईजी ने बताया कि इस घटना के बाद तीन टीम बनाई गई थी। तकनीकी सेल सीसीटीव्ही निरीक्षक वीरेन्द्र पटेल, फुटेज ट्रैकिंग टीम में उप निरीक्षक अरविन्द सिंह एवं विवेचना हेतु एसआईटी टीम नगर पुलिस अधीक्षक डॉ. रितु उपाध्याय के नेतृत्व में गठित की गई थी। इन टीमों का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर अनिल सोनकर एवं ग्रामीण विवक लाल द्वारा किया जा रहा था।
एक दिन पहले भी किया था प्रयास
महाराष्ट्र से यहां आकर बच्चे के अपहरण की योजना तैयार करने वाला नितिन सोनी मूलत: मऊगंज का ही रहने वाला है। उसकी पत्नी स्वाती सतना जिले की है। इन दोनों ने मऊगंज आकर अपने साथियों से बच्चे की व्यवस्था करने को कहा। इसके बाद प्लान को अंजाम देने के लिए ये लोग जुट गए। पूछताछ में यह भी पता चला है कि घटना के एक दिन पहले भी इन लोगों ने बच्चे को उठाने का प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हो पाए थे।
दीवेश के पास थी रेकी की जिम्मेदारी
इस अपहरण कांड में शामिल दीवेश जायसवाल भी मऊगंज का रहने वाला है और वर्तमान में वह संजय नगर रीवा में रह रहा था। दीवेश को रेकी के लिए जिम्मेदारी दी गई थी। वह इस बच्चे को टारगेट करने के बाद लगातार नजर रख रहा था।
बच्चे को उठाने वाला अतुल अभी फरार
अपहरण के मामले में सिविल लाइन थाना में धारा 363, 370, 34 का अपराध दर्ज है। फुटपाथ से बच्चे का अपहरण करने में मो. सलीम के साथ अतुल जैसवाल भी था। अतुल जैसवाल अभी पुलिस के हाथ नहीं आया है। इस पूरे घटनाक्रम में 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें 11 पकड़े गए हैं।
ये आरोपी हुए गिरफ्तार
इस अपहरण मामले में पकड़े गए आरोपियों में मो.सलीम अंसारी उर्फ असलम 19 वर्ष निवासी वार्ड 6 मऊगंज, मो.हारूल उर्फ मुंगेरी 24 वर्ष निवासी वार्ड 6 मऊगंज, दीवेश जयसवाल उर्फ दादा 24 वर्ष निवासी वार्ड 5 मऊगंज, मुस्कान रावत उर्फ पार्वती उर्फ पारो 19 वर्ष निवासी पथरिया थाना मऊगंज, नितिन सोनी 26 वर्ष निवासी वार्ड 4 मऊगंज हाल कल्याण महाराष्ट्र, स्वाती सोनी पति नितिन सोनी 24 वर्ष निवासी वार्ड 4 मऊगंज हाल कल्याण महाराष्ट्र, अमोल मधुकर अरूणकर 35 वर्ष निवासी कल्याण, अरवी उर्फ सेजल पति अमोल मधुकर अरूणकर 32 वर्ष निवासी कल्याण, प्रदीप कोलांबे 26 वर्ष निवासी कल्याण, श्रीकृष्ण संताराम पाटिल 53 वर्ष निवासी रायगढ़, गुडडू गुप्ता 22 वर्ष निवासी मऊगंज शामिल हैं।
आईजी ने दिया 30 हजार का इनाम
अपहरण कांड की गुत्थी सुलझाने वाली टीम में 48 लोगों के नाम शामिल हैं। इस टीम को शाबाशी देते हुए आईजी डॉ. महेन्द्र सिंह सिकरवार ने 30 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि डीजीपी द्वारा भी टीम को पुरस्कृत किए जाने की बात कही गई है।
मदर्ड-डे पर पुलिस ने दी सबसे बड़ी खुशी
रीवा पुलिस के लिए मदर्ड-डे का दिन यादगार बन गया। अपहरण के छठवें दिन मासूम रीवा लौटा। रीवा में राजस्थान का परिवार बच्चे के लौटने का इंतजार कर रहा था। यह बच्चा जब रीवा आया तो पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी उसे गोद में लेकर दुलार करते नजर आए।
अब खुशी से नहीं रूक रहे आंसू
बच्चे के सकुशल मिलने पर बागड़ी परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मॉ आंनदी बागड़ी एवं पिता अरविंद की आंखों से पहले बच्चे के अपहृत होने की वजह से आंसुओं की धार नहीं थम रही थी, वहीं अब बच्चे को सकुशल पाकर आंसू खुशी से छलक रहे हैं। मॉ आनंदी ने बताया कि उसकी भूख-प्यास और नींद छिन गई थी। हर समय यहीं सोच रही थी कि बेटा किस हाल में होगा, वह कैसे मिलेगा।
रीवा पुलिस का धन्यवाद
मासूम आरेज के बाबा धीरज प्रसाद बागड़ी ने कहा कि रीवा पुलिस का धन्यवाद। पूरे देश में पुलिस ऐसी हो जाए तो फिर क्या बात है। रीवा पुलिस ने खाना-पीना छोड़कर बच्चे की तलाश की। महाराष्ट्र से बच्चे को अपहरण करने वालों से छुड़ाकर हमें वापस दिलाया है।
Created On :   13 May 2024 10:40 AM IST