Shahdol News: एनसीईआरटी की किताबें लागू करवा पाने पर प्रशासन नाकाम

  • निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान अभिभावक
  • जबलपुर की तरह शहडोल में भी लागू करवाने की मांग
  • शहडोल जिला प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण भी अभिभावकों को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।

Shahdol Newa: शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के साथ ही बच्चों की पढ़ाई में किताब व कॉपियों की मंहगाई से अभिभावक परेशान हैं। जिले में अधिकांश निजी स्कूल हैं जहां निजी पब्लिशर्स की किताबें चलाई जा रही है। अभिभावकों का कहना है कि जबलपुर में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जिस तरह से एनसीईआरटी की किताबें लागू करवाने के लिए निजी स्कूलों को मजबूर किया।

उसी प्रकार से शहडोल में भी व्यवस्था लागू होनी चाहिए। एनसीईआरटी की किताबों का बड़ा फायदा यह होगा कि हर साल किताबों पर खर्च होने वाली राशि 5 से 6 हजार घटकर एक हजार के नीचे आ जाएगी। इस मामले में शहडोल जिला प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण भी अभिभावकों को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।

प्रशासन को दी एनसीईआरटी किताबों की जानकारी

डीपीसी अमरनाथ सिंह ने बताया कि निजी स्कूलों द्वारा स्कूलों में संचालित किताबों की जानकारी दी गई उसमें एनसीईआरटी किताबों की ही जानकारी दी गई है। इसके अलावा अगर निजी पब्लिशर्स की किताबें चलाई जा रही है तो अभिभावकों की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी।

जिले में नियमों को ताक पर रखकर संचालित 13 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है। शिकायत मिलने पर आगे भी ऐसी ही कार्रवाई की जाएगी।

Created On :   24 April 2025 7:04 PM IST

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