Shahdol News: भवन और संसाधन के बाद भी सीएम की घोषणा पर 14 माह में अमल नहीं

भवन और संसाधन के बाद भी सीएम की घोषणा पर 14 माह में अमल नहीं
  • शासकीय महाविद्यालय की सुविधा संभाग मुख्यालय में नहीं
  • एडी रीवा ने 15 दिन पहले संचालक उच्च शिक्षा को भेजा प्रस्ताव
  • रिकॉर्ड में यह भवन और संसाधन वर्तमान में भी उच्च शिक्षा विभाग के अधीन है

Shahdol News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पहली बार 13 जनवरी 2024 को शहडोल दौरे पर आए तो शहर को शासकीय महाविद्यालय की सौगात दिलाए जाने की घोषणा की। यह घोषणा जहां हुई वहां पहले से ही पंडित शंभूनाथ शासकीय महाविद्यालय का संचालन होता था, जिसे अपग्रेड कर विश्वविद्यालय बनाया गया तो डिग्री कॉलेज का पुराना भवन विश्वविद्यालय के अधीन आ गया।

जानकार बताते हैं कि रिकॉर्ड में यह भवन और संसाधन वर्तमान में भी उच्च शिक्षा विभाग के अधीन है और यहां कई स्टॉफ को वेतन भी उच्च शिक्षा विभाग से मिलती है। इधर, मुख्यमंत्री की घोषणा पर 14 माह में अमल नहीं होने पर उच्च शिक्षा विभाग रीवा के एडी डॉ. आरपी सिंह बताते हैं कि 15 दिन पहले ही संचालक उच्च शिक्षा भोपाल को प्रस्ताव भेजा गया है।

इसमें कहा गया है कि शहडोल शहर में कई दशकों से संचालित पुराना डिग्री कॉलेज में ही पहले की तरह शासकीय महाविद्यालय का संचालन किया जा सकता है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि विश्वविद्यालय का आधिपत्य बरकरार रहता है तो शासकीय महाविद्यालय के लिए नए स्थान पर भवन का निर्माण किया जा सकता है।

अभिभावक बोले-डिग्री कॉलेज में संचालन आसान

डिग्री कॉलेज कैंपस में पहले सभी जरूरी विषयों की कक्षाओं का संचालन होता था। यहां खेल मैदान, लाइब्रेरी, प्रैक्टिकल लैब के साथ ही दूसरी अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। जो छात्र यहां पढ़ाई कर रहे हैं, उनके अभिभावक लगातार मांग करते रहे हैं कि शासकीय महाविद्यालय का संचालन पुराने डिग्री कॉलेज कैंपस में ही किया जाए। ऐसा करने से सीएम की घोषणा पर अमल ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन को शहर में सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए आबादी के समीप कहीं और जमीन उपलब्ध करवाई जा सकती है। जहां वे परीक्षा विभाग व दूसरे विभागों का संचालन कर सकें।

विश्वविद्यालय बनने के बाद 50 एकड़ जमीन, भवन के लिए 50 करोड़ मंजूर- प्रदेश सरकार ने पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय की घोषणा के साथ ही 50 एकड़ जमीन नवलपुर में आबंटित कर भवन व अन्य संसाधन तैयार करने के लिए 50 करोड़ रूपए मंजूर किया। इस राशि से सुविधायुक्त कैंपस तैयार होने के बाद भी पुराना डिग्री कॉलेज भवन में विश्वविद्यालय का आधिपत्य है।

अभिभावकों का दो टूक कहना है कि शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ नहीं होने से एसटी, एससी छात्रों को शासकीय महाविद्यालय में मिलने वाली मुफ्त किताबें व स्टेशनरी की सुविधा नहीं मिल पा रही। शासकीय महाविद्यालय की तुलना में दो गुना ज्यादा फीस भी भरनी पड़ती है।

जब पंडित शंभूनाथ महाविद्यालय को विश्वविद्यालय में अपग्रेड किया गया तो सभी एसेट और लायब्लिटी के साथ अपग्रेड किया गया है। इसके साथ ही शहडोल कैंपस (डिग्री कॉलेज) में आर्ट्स, कामर्स व फिजिकल एजुकेशन की कक्षाओं में चार हजार से ज्यादा छात्र अध्ययनरत हैं। इससे ज्यादा छात्र नवलपुर कैंपस में दूसरे विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से आधे छात्र भी एक दिन में कॉलेज आ जाएं तो उनके बैठने के लिए जगह नहीं मिलेगी। इसलिए शहर कैंपस का संचालन विश्वविद्यालय के अधीन करना जरूरी है।

प्रो. रामशंकर कुलगुरू पंडित शंभूनाथ विश्वविद्यालय शहडोल

Created On :   24 April 2025 7:00 PM IST

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