- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- शहडोल
- /
- 25 डिसमिल व कम की रजिस्ट्री पर...
Shahdol News: 25 डिसमिल व कम की रजिस्ट्री पर अनुमति जरूरी, अवैध प्लाटिंग पर लगेगा अंकुश

- 8 अगस्त 2003 को जारी आदेश का हवाला देते हुए कलेक्टर ने जारी किया आदेश
- कलेक्टर द्वारा जारी इस आदेश के बाद भू-माफिया में हडक़ंप मचा है।
- जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों की रजिस्ट्री कृषि भूमि के रूप में की जा रही है। इससे शासन को डायवर्सन शुल्क में बड़ी हानि हो रही है।
Shahdol News: नगरीय क्षेत्र और नगरीय क्षेत्र से लगे हुए विकास योजना में सम्मिलित ग्राम तथा विशिष्ट ग्रामों के भूखंडो की रजिस्ट्री के दौरान अगर जमीन 0.25 एकड़ (25 डिसमिल) व उससे कम है तो ऐसी भूमि की बिक्री से पहले सक्षम अनुमति प्राप्त करना जरूरी होगा। कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने 23 अप्रैल को जारी इस आशय के आदेश का पालन करने के लिए जिला पंजीयक को निर्देश दिए हैं।
आदेश में कलेक्टर कार्यालय से 8 अगस्त 2003 को तत्कालीन कलेक्टर मनीष रस्तोगी द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि जमीन की रजिस्ट्री के दौरान राजस्व संहिता की धारा 165 (6-क) के प्रावधानों के अनुसार सक्षम अनुमति प्राप्त करना आवश्यक किया गया है।
कलेक्टर द्वारा जारी इस आदेश के बाद भू-माफिया में हडक़ंप मचा है। संभाग मुख्यालय के साथ ही नगरीय क्षेत्र व आसपास के विशिष्ट ग्राम में अवैध प्लाटिंग के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी। ऐसे मामलों में रजिस्ट्री के दौरान जरूरी प्रावधानों की खुलेआम अनदेखी के मामले भी सामने आए।
रजिस्ट्री के दौरान मनमानी से बड़ा नुकसान
>> नगरीय क्षेत्र व इससे लगे विकास योजना में सम्मिलित ग्रामों तथा विशिष्ट ग्रामों में छोटे-छोटे भूखंडों का बिना पटवारी प्रतिवेदन प्राप्त किए ही रजिस्ट्री किया जा रहा है। ऐसे मामलों में चौहद्दी का मिलान सही तरीके से नहीं होने के कारण आए दिन विवाद की स्थिति निर्मित होती है।
>> जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों की रजिस्ट्री कृषि भूमि के रूप में की जा रही है। इससे शासन को डायवर्सन शुल्क में बड़ी हानि हो रही है।
>> नगरीय क्षेत्र व नगरीय क्षेत्र से लगे हुए विकास योजना में सम्मिलित ग्रामों तथा विशिष्ट गाम में जमीन को टुकड़ों में काटकर रजिस्ट्री की जाती है, जिसका आवासीय उपयोग होता है।
यह भी पढ़े -मुख्यमंत्री की घोषणा के 19 माह बाद भी शहडोल नगर निगम का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में
ऐसे समझें अवैध प्लाटिंग के मामले और आमजनों को नुकसान
>> सोहागपुर एसडीएम अरविंद शाह ने अवैध प्लाटिंग के 11 मामलों में कार्रवाई करते हुए शासन में अटैच करने प्रबंधन समिति गठित की। एसडीएम ने बताया कि इन मामलों की जांच में पाया गया कि कृषि भूमि को भूखंडो में काटकर रजिस्ट्री करवाई गई।
>> एसडीएम की जांच में यह बात भी सामने आई कि शहर से विशिष्ट ग्राम के 4 गांव में ही 22 खसरा नंबर को टुकड़ों में काटकर 350 से ज्यादा रजिस्ट्री करवाई गई।
>> प्रशासन का मानना है कि अवैध प्लाटिंग में घर निर्माण में आमजनों का लाखों रूपए लग जाता है और उन्हें बेहतर सडक़, पार्क, खेल मैदान व अन्य सुविधाएं नहीं मिलती है। अवैध प्लाटिंग के बाद अवैध कॉलोनी का निर्माण होता है और इन कॉलोनियों में रहने वाले नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ता है।
Created On :   24 April 2025 7:32 PM IST