Chhindwara News: सरकार ने सैनिक को दी सरकारी जमीन, बिना अनुमति बेच दी, 33 साल बाद कलेक्टर ने किया विक्रय पत्र निरस्त

सरकार ने सैनिक को दी सरकारी जमीन, बिना अनुमति बेच दी, 33 साल बाद कलेक्टर ने किया विक्रय पत्र निरस्त
  • काराबोह की बेशकीमती जमीन को लेकर कलेक्टर की कार्रवाई
  • 33 साल बाद कलेक्टर ने किया विक्रय पत्र निरस्त
  • पांच एकड़ जमीन राजस्व अभिलेख में दर्ज करने के आदेश

Chhindwara News: सैनिक को दी गई सरकारी जमीन की नियम विरुद्ध विक्रय करने पर कलेक्ट्रेट न्यायालय ने 33 साल बाद विक्रय पत्र निरस्त कर दिया है। मामला काराबोह की पांच एकड़ कीमती सरकारी जमीन का है। जिसे अब फिर से सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। जांच में पाया गया कि बिना सक्षम अधिकारी से अनुमति लिए बगैर जमीन का विक्रय कर दिया गया था। मामले को लेकर प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकारी नियमों के तहत 1975-76 काराबोह के खसरा नं. 69/3 की जमीन को भूतपूर्व सैनिक सूरजनारायण पिता हिरदेराम को आवंटित की गई थी। सूरज ने 1992 में ये जमीन छिंदवाड़ा निवासी शाहजहां पति अख्तर खान को बेच दी, लेकिन नियम है कि सरकारी जमीन की बिक्री करने के पहले भूतपूर्व सैनिक को सक्षम अधिकारी की अनुमति हासिल करनी थी, लेकिन बिना कोई अनुमति के विक्रय कर दिया गया था। हाल ही में इस जमीन को विक्रय करने की परमिशन शाहजहंा खान ने कलेक्टर से मांगी। लेकिन इसके बाद जब सरकारी रिकॉर्ड खंगाले गए तो पता चला कि उक्त जमीन को नियम विरुद्ध 33 साल पहले बेचा गया था। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने आदेश जारी करते हुए उक्त जमीन का विक्रय पत्र निरस्त करते हुए फिर से सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।

छोटे झाड़, बड़े झाड़ के जंगल में दर्ज थी जमीन

सरकारी रिकॉर्ड खंगालने पर अधिकारियों ने पाया कि जिस जमीन को विक्रय करने के लिए अनुमति मांगी जा रही है, वो छोटे झाड़ व बड़े झाड़ के जंगल के नाम पर सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है। आवेदिका ने उक्त जमीन पर भवन निर्माण और बीमारी के इलाज के लिए विक्रय की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद ये गड़बड़ी सामने आई है।

33 साल तक किसी को खबर नहीं

काराबोह की बेशकीमती जमीन का ये मामला 33 साल तक दबा रहा। इस दौरान किसी भी अधिकारी ने ये जानने की कोशिश नहीं करी कि पांच एकड़ की सरकारी जमीन को किस आधार पर बेच दिया गया। यदि फिर से उक्त जमीन के विक्रय का आवेदन अधिकारियों के पास नहीं आता तो ये मामला अभी भी सरकारी राजस्व रिकॉर्ड में दबा रहता।

इनका कहना है...

जांच में सामने आया था कि शहाजहां खान ने जमीन विक्री के समय नियमों का पालन नहीं किया। जिसके बाद कलेक्टर महोदय ने विक्रय पत्र निरस्त कर दिया है। उक्त जमीन फिर से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज की जा रही है।

-सुधीर जैन, एसडीएम, छिंदवाड़ा

Created On :   19 March 2025 1:58 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story