Zaheer Khan Baby Name: सिक्खों के महान योद्धा के नाम पर जहीर ने रखा है अपने बच्चे का नाम! जाने इस वीर की पूरी कहानी

  • जहीर खान की पत्नी सागरिका घटगे ने बेटे को दिया जन्म
  • फतेहसिंह खान नाम है जहीर-सागरिका के बच्चे का नाम
  • भारतीय इतिहास के महान योद्धा का नाम था फतेह सिंह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी और कमेंटेटर जहीर खान और उनकी पत्नी सागरिका घाटगे के घर शादी आठ सालों बाद किलकारी गुंजी है। उनकी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया है। दोनों ने सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर कर इस बात की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने इस पोस्ट में अपने बच्चे के नाम के नाम का भी ऐलान किया। सोशल मीडिया पर शेयर किए तस्वीर में जहीर अपने बच्चे को गोद में लेकर बैठे हैं और सागरिका पीछे खड़ी उनके कंधे पर हाथ रखे हुए हैं।


पोस्ट में जहीर ने अपने बच्चे के नाम के बारे में बताते हुए कहा, "प्यार, कृतज्ञता और दिव्य आशीर्वाद के साथ हम अपने प्यारे छोटे बच्चे, फतेहसिंह खान का स्वागत करते हैं।" बता दें, जहीर के बच्चे का नाम फतेहसिंह खान है। वैसे तो फतेहसिंह का मतलब होता है कभी ना हारने वाला शेर होता है। लेकिन भारत के इतिहास में एक ऐसा वीर भी था जिसका नाम भी फतेह सिंह था। बता दें, फतेह सिंह बंदा सिंह बहादुर के नेतृत्व वाली सिक्खों की सेना के महान योद्धा थे। इसके अलावा वह वो वीर योद्धा थे जिन्हें सरहिंद के मुगल डिप्टी गवर्नर वजीर खान का सिर काटने के लिए जाना जाता है। तो चलिए जानते हैं फतेह सिंह की कुछ वीर गाथाओं के बारे में।

सन् 1699 की है कहानी

दरअसल, ये कहानी है सन् 1699 की जब सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने बैसाखी के दिन खालसा पंथ की नींव रखी थी। उनके चार बेटे अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह भी इस खालसा पंथ का हिस्सा थे। उस दौर में भारत पर मुगल बादशाह औरंगजेब का राज हुआ करता था और उसके शासन काल में सतलुज और यमुना नदियों के बीच मुगल साम्राज्य के इलाके पर वजीर खान का राज हुआ करता था। सन् 1704 में मुगल बादशाह औरंगजेब ने गुरु गोबिंद सिंह के दो बेटों साहिजादे फतेह सिंह और जोरावर सिंह की हत्या करने का आदेश दिया था। जिसकी वजह से गुरु गोबिंद सिंह को अपने परिवार से अलग होना पड़ा था।

बच्चों की मौत के बाद गूजरी देवी ने भी त्याग दिए थे प्राण

ऐसी स्थिती में गुरु गोविंद सिंह की पत्नी गूजरी देवी दो छोटे बेटों बाबा जोरावर साहिब और बाबा फतेह साहिब को लेकर अपने रसोइए गंगू के साथ कहीं छिप गई थी। लेकिन लालच ने गंगू की आंखे अंधी कर दी और उसने गूजरी देवी और उनके बच्चों को मुगलों के हवाले कर दिया। जिसके बाद मुगल गवर्नर वजीर खान ने उनपर खूब अत्याचार किए। और अंत में 26 दिसंबर को बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह साहिब को दीवार में जिंदा चुनवा दिया। बच्चों की मौत की जानकारी मिलते ही गूजरी देवी ने भी अपने प्राण त्याग दिए थे।

चप्पर चिरी की लड़ाई में फतेह सिंह ने लिया बदला

इसी का बदला सन् 1710 में चप्पर चिरी की लड़ाई में भाई फतेह सिंह ने वजीर खान का सिर काटकर लिया। बता दें, चप्पर चिरी की लड़ाई सन् 1710 में हुई थी। इस युद्ध में एक तरफ बंदा सिंह बहादुर की सिक्ख सेना थी तो दूसरी तरफ वजीर खान की मुगलों की सेना। दोनो के बीच हुए इस महायुद्ध में फतेह सिंह ने बाज सिंह की मदद से वजीर खान से गुरु गोबिंद सिंह के बच्चों की हत्या का बदला लिया। उन्होंने अपनी तलवार से वीजर खान का सर धड़ से अलग कर दिया था। जिसके बाद मुगलों की सेना ने घुटने टेक दिए। हालांकि, इसी साल दिसंबर में मुगलों ने फतेह सिंह को पकड़ लिया और तकरीबन छह सालों तक प्रताड़ित किया। इसके बाद जून 1716 में बंदा सिंह बहादुर, और फतेह सिंह समेत कई महान सिक्ख योद्धाओं को मौत के घाट उतार दिया।

Created On :   16 April 2025 5:18 PM IST

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