Year Ender 2024: भारतीय क्रिकेट इतिहास में बेहद खास रहा 2024 , टी-20 विश्व कप का खिताब जीत रोहित ब्रिगेड ने खत्म किया 17 सालों का सूखा

भारतीय क्रिकेट इतिहास में बेहद खास रहा 2024 , टी-20 विश्व कप का खिताब जीत रोहित ब्रिगेड ने खत्म किया 17 सालों का सूखा
  • भारतीय क्रिकेट इतिहास में बेहद खास रहा 2024 का साल
  • टी-20 विश्व कप का खिताब जीत रोहित ब्रिगेड ने समाप्त किया 17 सालों का सूखा
  • कोहली ने संभाला था टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने का बेड़ा
  • गेंदबाजों ने बरपाया था कहर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2024 का ये साल भारतीय क्रिकेट इतिहास में बेहद ही खास रहा। इस साल भारतीय पुरुष टीम ने दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया। बता दें, इसी साल रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने टी-20 विश्व कप के खिताबी जंग में प्रोटियाज को 7 रनों से मात देकर दूसरी बार ये ट्रॉफी घर लेकर आई थी। इसी के साथ उन्होंने 11 साल के आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को भी समाप्त किया था। टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने इस जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उस दौरान कोहली की 59 गेंदों में 76 रनों की दमदार पारी की बदौलत टीम ने साउथ अफ्रीका के सामने 176 रनों का स्कोर खड़ा कर पाई थी। वहीं, हार्दिक की कमाल की गेंदबाजी ने अफ्रीका को 169 रनों पर ही रोक दिया था।

कोहली ने संभाला था टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने का बेड़ा

बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल मैदान पर खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। पहले बैटिंग करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत कुछ खास नहीं रही थी। इस दौरान टीम को महज 34 रन के स्कोर पर 3 झटके लग चुके थे। पहले ओपनिंग करने उतरे कप्तान रोहित शर्मा केवल 9 रन बनाकर पवेलियन रवाना हो चले थे। वहीं, इसके बाद विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत बिना खाता खोले आउट हो गए थे। इसके अलावा तूफानी बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव का बल्ला भी नहीं चल सका था। वह भी सिर्फ 3 रन ही बना सके थे। लेकिन इसके बाद स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और दिग्गज खिलाड़ी अक्षर पटेल ने टीम को बड़े स्कोर तक ले जाने का बेड़ा अपने कंधों पर लिया। इसके बाद दोनों ने मिलकर टीम के लिए 72 रनों की शानदार साझेदारी की। लेकिन 106 रनों के स्कोर पर अक्षर रन आउट हो गए। इस दौरान उन्होंने 47 रन बनाए थे। इसके बाद शिवम दुबे और कोहली ने पारी को आगे बढ़ाया।

गेंदबाजों ने बरपाया था कहर

इसके बाद जब प्रोटियाज बल्लेबाजी करने उतरी तो भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया था। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने महज 7 रन के स्कोर पर विपक्षी टीम को पहला झटका रीजा हेंड्रिक्स के रूप में दिया था। इसके तुरंत बाद गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने 12 रन के स्कोर पर कप्तान ऐडेन मार्कराम को भी पवेलियन चलता कर दिया था। लेकिन इसके बाद विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक और ट्रिस्टन स्टब्स ने मिलकर भारतीय गेंदबाजों के लिए मुश्किलें पैदा करनी शुरु कर दी थी। लेकिन टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी मुसीबत तो बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन थे। स्टब्स और डिकॉक के आउट होने के बाद क्लासेन ने रौद्र रूप धारन कर लिया था। उन्होंने 5 छक्के और 2 चौके की मदद से सिर्फ 27 गेंदों में 52 रन जड़ दिए थे। लेकिन भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक ने उसी समय उनकी पारी पर फुल स्टॉप लगा दिया और टीम के लिए जीत का रास्ता साफ कर दिया।

11 सालों का लंबा इंतजार हुआ था खत्म

रोहित शर्मा के नेतृत्व में टीम इंडिया ने आईसीसी ट्रॉफी के 11 सालों के लंबे इंतजार को खत्म किया था। जानकारी के लिए बता दें, भारत ने आखिरी आईसीसी ट्रॉफी साल 2013 में जीता था। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम ने इस दौरान पहली बार मिनी वर्ल्ड कप कहे जाने वाले चैंपियंस ट्रॉफी जीता था। वहीं, आखिरी बार टी-20 विश्व कप का खिताब टीम इंडिया ने धोनी की अगुवाई में साल 2007 में हासिल किया था। इस दौरान टीम इंडिया ने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को 5 रनों से मात दी थी।

Created On :   23 Dec 2024 5:47 PM IST

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