Rani Rampal Retirement: पूर्व भारतीय कप्तान ने हॉकी को कहा अलविदा, अपने 16 सालों के करियर को दिया विराम

पूर्व भारतीय कप्तान ने हॉकी को कहा अलविदा, अपने 16 सालों के करियर को दिया विराम
  • देश की सबसे कम उम्र की महिला हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल ने लिया संन्यास
  • अचानक अपने 16 सालों के करियर को दिया विराम
  • शानदार प्रदर्शन के लिए 'पद्म श्री' और 'मेजर ध्यान चंद खेल रत्न' से नवाजा गया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन विमेंस हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर हर किसी को हैरत में डाल दिया है। उन्होंने गुरुवार 24 अक्टूबर को अपने 16 साल के करियर के अंत का फैसला किया। 29 साल की महिला खिलाड़ी ने भारत के लिए अब तक कुल 254 मैच खेल चुकी हैं, जिनमें उन्होंने 120 गोल दागे हैं। जानकारी के लिए बता दें, 2020 टोक्यों ओलंपिक में उन्होंने टीम इंडिया का नेतृत्व किया था। उनकी कप्तानी के अंदर टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल तक पहुचने में कामयाब रही थी।

मीडिया एजेंसी से बात करते हुए पूर्व महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल ने अपने संन्यास लेने के फैसले पर कहा, "यह शानदार सफर रहा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतने लंबे समय तक भारत के लिए खेल पाउंगी। मैंने बचपन से ही बहुत गरीबी देखी है, लेकिन ध्यान हमेशा कुछ बड़ा करने पर था। मैं हमेशा देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती थी।"

रानी रामपाल पूर्व महिला खिलाड़ी होने के साथ-साथ एक कोच भी हैं। उन्होंने पिछले साल सब-जूनियर विमेंस जूनियर टीम को कोचिंग दी थी। वहीं, फिलहाल वह हॉकी इंडिया लीग के सूरमा हॉकी क्लब में बतौर कोच कार्यरत हैं।

आपको बता दें, रानी अभी महज 29 साल की हैं। उन्होंने साल 2008 में महज 14 साल की उम्र में अपना इंटरनेशनल डेब्यू कर लिया था। इसी के साथ वह भारतीय महिला हॉकी की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी भी हैं। इसके अलावा वह 2010 वर्ल्ड कप टीम की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी थी। उस वक्त उनकी उम्र केवल 15 साल थी।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी रानी ने महज 6 साल की उम्र से ही शहर की टीम के लिए हॉकी खेलना शुरु कर दिया था। शुरुआती दिनों में कम उम्र की वजह से उनपर कई सवाल खड़े हुए थे। लेकिन अपने प्रदर्शन के बदौलत उन्होंने सभी बाधाओं को दूर किया।

रानी ने साल 2009 में रूस के कजान में आयोजित चैंपियन चैलेंज टूर्नामेंट में खेला और फाइनल में 4 गोल करके भारत को जीत दिलाई। उन्हें इस शानदार खेल के प्रदर्शन के लिए 'टॉप गोल स्कोरर' भी चुना गया था। साथ ही उन्होंने इसी साल आयोजित एशिया कप में टीम इंडिया के लिए रजत पदक जीतने में अहम भूमिक निभाई थी।

साल 2010 में पहली बार टीम इंडिया की ओर से विमेंस वर्लड कप खेल रही रानी ने टीम के लिए 7 गोल दागे थे। जिसकी वजह से भारत पॉइंट्स टेबल के नौवें स्थान पर था। रानी को अपने करियर में शानदार खेल के प्रदर्शन के बदौलत साल 2020 में सर्वोच्च खेल सम्मान 'मेजर ध्यान चंद केल रत्न' और देश का चौथा सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'पद्म श्री' से भी सम्मानित किया जा चुका है।

Created On :   24 Oct 2024 8:37 PM IST

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