2002 के नेशनल गेम्स के बाद मेरे अंतर्राष्ट्रीय करियर ने उड़ान भरी: सानिया मिर्जा
- इस टेनिस दिग्गज ने लगभग दो दशक पहले भारत में खूब टेनिस खेली
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय टेनिस की दिग्गज खिलाड़ी सानिया मिर्जा के मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि राष्ट्रीय खेलों ने उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर को बहुत ज्यादा बढ़ावा दिया। सानिया ने कहा, मैं केवल 16 साल की थी, जब मैंने 2002 के नेशनल गेम्स में हिस्सा लिया था। तब मैंने अच्छा प्रदर्शन किया था और मैं सुर्खियों में आ गई थी। यह मेरे अंतर्राष्ट्रीय करियर के लिए एकदम सही प्रेरणा साबित हुआ। ट्रेंडसेटिंग और पथ-प्रदर्शक हैदराबादी ने अपने शानदार करियर के दौरान छह ग्रैंड स्लैम युगल खिताब जीते।
इस टेनिस दिग्गज ने लगभग दो दशक पहले भारत में खूब टेनिस खेली थी। लेकिन इससे पहले दिल्ली में उन्होंने जूनियर नेशनल से लेकर नेशनल गेम्स और फिर हैदराबाद में डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट तक का सफर तय किया। गुजरात की अंकिता रैना सहित लगभग हर टेनिस खिलाड़ी के लिए उनकी यात्रा प्रेरक रही है।
सुपर मॉम इस बात से उत्साहित हैं कि गुजरात में खेल हो रहे हैं, वो भी सात साल के अंतराल के बाद। वह कहती हैं, यहां आयोजकों की सफलता और प्रतियोगियों को उनकी आकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए शुभकामनाएं दी जा रही हैं। उनके पास न कि केवल टेनिस खिलाड़ियों के लिए बल्कि सभी प्रतियोगियों के लिए एक सरल संदेश है। उन्होंने कहा, यह खुद को परखने और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने के लिए सही मंच है।
हाल ही में यूएस ओपन से पहले कलाई की चोट से उबर रही सानिया मिर्जा ने संकेत किया कि राष्ट्रीय खेल अद्वितीय हैं। यह प्रतियोगिता उभरते खिलाड़ियों और उन अनुभवी खिलाड़ियों का मेल है, जिन्होंने पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई ऊंचाइयों को छू लिया है। उन्होंने कहा, नेशनल गेम्स में शीर्ष एथलीटों की उपस्थिति उभरती प्रतिभाओं के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत है।
(आईएएनएस)
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Created On :   25 Sept 2022 2:30 PM IST