पेरिस पैरालंपिक: पेरिस पैरालंपिक में भारत के नाम आठवां मेडल, योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में जीता सिल्वर

पेरिस पैरालंपिक में भारत के नाम आठवां मेडल, योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में जीता सिल्वर
  • पांचवे दिन भारत को मिला आठवां मेडल
  • योगेश ने डिस्कस थ्रो में 42.22 मीटर के साथ जिताया सिल्वर
  • ऐसे कारनामे को पहले भी अंजाम दे चुके हैं योगेश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय पैरालंपिक एथलीट योगेश कथुनिया ने सोमवार को पेरिस पैरालंपिक खेलों में भारत को एक और मेडल जीता दिया है। पेरिस पैरालंपिक में यह भारत का आठवां मेडल है। पैरालंपिक खेलों के पांचवे दिन योगेश ने डिस्कस थ्रो एफ56 स्पर्धा में 42.22 मीटर के साथ सिल्वर मेडल को अपने नाम किया। बता दें, योगेश ऐसे कारनामे को पहले भी अंजाम दे चुके हैं। इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक गेम्स में भी योगेश ने भारत को रजत पदक दिलवाया था।

पैरालंपिक गेम्स के पांचवे दिन 27 वर्षीय योगेश ने अपने पहले ही 42.22 मीटर के थ्रो के साथ सिल्वर मेडल पर कब्जा जमा लिया था। इसी क्रम में उन्होंने 41.50 मीटर, 41.55 मीटर, 40.33 मीटर 40.89 मीटर और 39.68 मीटर के थ्रो किए और सिल्वर अपने नाम किया। बता दें, इस गेम में ब्राजील के क्लॉडनी बतिस्ता डॉस सैंटोस ने 46.86 मीटर रिकॉर्ड थ्रो के साथ गोल्ड पदक जीता और ग्रीस के कोंस्टेंटिनोस त्जूनिस ने 41.32 मीटर थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता।

हरियाणा के योगेश कथुनिया को महज 9 साल की उम्र से ही गिलियन-बैरे सिंड्रोम से ग्रसित हैं। आपको बता दें, गिलियन-बैरे सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम शरीर के तंत्रिकाओं पर हमला करती है। इससे कमजोरी, सुन्नपन या लकवा हो सकता है।

भारतीय एथलीट योगेश ने चंडीगढ़ के इंडियन आर्मी पब्लिक स्कूल से अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक कि डिग्री ली। योगेश के पिता चंडीमंदिर कैंटोंनमेंट में सेना में थे, वहीं उनकी मां ने फिजियोथेरेपी सीखी और महज 3 सालों में योगेश की मांसपेशियों में फिर से चलने की ताकत आ गई।

अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हैं योगेश

योगेश की पैरा स्पोर्ट्स की जर्नी 2016 से शुरु हुई। किरोड़ीमल कॉलेज के छात्र संघ के महासचिव सचिन यादव ने योगेश को पैरा एथलीट के बारे में बता कर उन्हें इसमें हिस्सा लेने को प्रेरित किया। बता दें, योगेश ने पैरालंपिक 2020, विश्व चैंपियनशिप 2023 और एशियाई पैरा गेम्स 2022 जैसे टूर्नामेंट्स में भी कई पदक जीतकर देश का नाम ऊंचा किया है। योगेश को उनके हुनर के बदौलत अर्जुन परस्कार से भी नवाजा जा चुका है।

Created On :   2 Sept 2024 10:40 AM GMT

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