'ड्रैगन' का एक्शन: ताइवान को हथियार मुहैया कराने पर एक्शन मोड में आया चीन, 13 अमेरिकी कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
- ताइवान को हथियार मुहैया कराने पर एक्शन मोड में आया चीन
- 13 अमेरिकी कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
- एफ-16 फाइटर जेट और राडार संबंधित स्पेयर पार्ट्स देने पर शुरु हुआ था विवाद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कमान संभालने से पहले ही चीन ने यूएस पर हमला करना शुरु कर दिया है। चीन ने ताइवान को हथियार बेचने वाली 13 अमेरिकी सैन्य कंपनियों पर गुरुवार 13 नवंबर को प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें, हाल ही में इन कंपनियों ने ताइवान को खतरनाक अमेरिकी हथियारों की सप्लाई की थी। उन्होंने ताइवान को एफ-16 फाइटर जेट और 385 मिलियन डॉलर के राडार संबंधित स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध कराए थे। जिसके लिए चीन ने पहले भी अमेरिका के इस फैसले पर आपत्ति जताई थी।
दरअसल, चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है। इसके अलावा वहां के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते को एक अलगाववादी नेता मानता है। वहीं, देश के नेताओं के विदेशी संपर्क का भी पूरा विरोध करता है। चीन ने कुल 13 अमेरिकी कंपनियों पर बैन लगाया है। इनमें रैपिड फ्लाइट एलएलसी, रेड सिक्स सॉल्यूशंस, सिनेक्सस इंक, फायरस्टॉर्म लैब्स इंक, क्रेटोस अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स इंक, हैवोकएआई, नेरोस टेक्नोलॉजीज, साइबरलक्स कॉर्पोरेशन, डोमो टैक्टिकल कम्युनिकेशंस, ग्रुप डब्ल्यू, टेलीडाइन ब्राउन इंजीनियरिंग इंक, ब्रिंक ड्रोन्स इंक और शील्ड एआई इंक शामिल हैं।
इसके अलावा, चीन रेथियॉन, बीएई सिस्टम्स और यूनाइटेड टेक्नोलॉजीज सहित पांच कंपनियों के अधिकारियों के चीन की संपत्तियों को भी जब्त करेगा और देश में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध भी लगाएगा।
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन अमेरिकी कंपनियों पर बैन के साथ-साथ उन्होंने चीनी कंपनियों को उनके साथ कोई व्यापार न करने के सख्त निर्देश दिए हैं। अगर ऐसा किया जाता है तो उन्हें भी बैन किया जा सकता है। दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका ताइवान की सुरक्षा के प्रति चिंतित हो गया था। जिसकी वजह से उसने ताइवान को यह हथियार मुहैया कराई।
Created On :   5 Dec 2024 8:29 PM IST