तिरुपति लड्डू विवाद: नायडू सरकार का बड़ा फैसला, मामले की जांच के लिए एसआईटी का किया गठन, डिप्टी सीएम बोले - 'यदि ऐसा मस्जिदों में होता तो देशभर में गुस्सा भड़क उठता'

नायडू सरकार का बड़ा फैसला, मामले की जांच के लिए एसआईटी का किया गठन, डिप्टी सीएम बोले - यदि ऐसा मस्जिदों में होता तो देशभर में गुस्सा भड़क उठता
  • तिरुपति लड्डू विवाद मामले में नायडू सरकार का बड़ा एक्शन
  • मामले की जांच के लिए किया एसआईटी का गठन
  • जांच रिपोर्ट के आधार होगी आगे की कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशुओं की चर्बी मिली होने की रिपोर्ट सामने आने के बाद से इस पर हो रहा सियासी घमासान मचा हुआ है। इस बीच मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने रविवार को विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। सीएम चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि एसआईटी सरकार को मामले में की गई जांच की रिपोर्ट सौंपेगी। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

वहीं इस पूरे विवाद में डिप्टी सीएम और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने कहा है कि इस तरह से धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ होने पर हिंदू चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा, 'जब हिंदू मंदिरों को अपवित्र किया जाता है तो हमें चुप नहीं रहना चाहिए। अगर ऐसा मस्जिदों या चर्चों में होता तो देश में गुस्सा भड़क उठता।'

रखेंगे 11 दिन का प्रायश्चित उपवासTirupati Laddu dispute case SIT formed CM Chandrababu Naidu Deputy CM Pawan Kalyan Jagan Mohan Reddy Andhra Pradesh News

इससे पहले पवन कल्याण ने 11 दिन प्रायश्चित उपवास रखने का फैसला किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "हे, बालाजी भगवन! क्षमा करें प्रभु. तिरुमाला लड्डू प्रसाद जिसे अत्यंत पवित्र माना जाता है... पिछले शासकों की अनियंत्रित प्रवृत्ति के परिणामस्वरूप अपवित्र हो गया था। पशु चर्बी के अवशेषों से दूषित हो गया था। ऐसे पाप क्रूर मन वाले ही करते हैं। इस पाप को शुरुआत में न पहचान पाना हिंदू जाति पर कलंक के जैसा है। जैसे ही मुझे पता चला कि लड्डू प्रसाद में जानवरों के अवशेष हैं, मेरा मन विचलित हो गया। मैं खुद को दोषी मान रहा हूं। मैं जन कल्याण के लिए लड़ रहा हूं। दुख इस बात का हुआ कि शुरुआत में ऐसी समस्या मेरे ध्यान में नहीं आई।"

सनातन धर्म को मानने वालों से की खास अपील

आंध्रप्रदेश के डिप्टी सीएम ने आगे लिखा, "सनातन धर्म में आस्था रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को कलियुग के देवता बालाजी के साथ हुए इस भयानक अपचार का प्रायश्चित करना चाहिए। इसी भावना के अंतर्गत मैंने प्रायश्चित आरंभ करने का निर्णय लिया है। रविवार (22 सितंबर, 2024 ) की सुबह मैं गुंटूर जिले स्थित नंबूर के श्री दशावतार वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में दीक्षा (उपवास) धारण करूंगा। 11 दिनों तक दीक्षा जारी रखने के बाद, मैं तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करूंगा। 'ईश्वर... मैं आपसे विनती करता हूं कि मुझे पिछली सरकारों की ओर से आपके खिलाफ किए गए पापों के प्रक्षालन करने की शक्ति प्रदान करें।"

जनसेना प्रमुख ने कहा कि लोगों की धार्मिक भावनाओं से वे लोग खिलवाड़ करते हैं जो भगवान को नहीं मानते हैं। उन्होंने मैसेज लिखा, "केवल वे ही लोग ऐसे अपराधों में लिप्त होते हैं, जिनका ईश्वर में विश्वास नहीं होता है और पाप कर्म का कोई डर नहीं होता है। मेरा दुख यह है कि बोर्ड के सदस्य और कर्मचारी जो तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम प्रणाली का हिस्सा हैं, वे भी वहां की गलतियों का पता नहीं लगा पाते हैं। अगर उन्हें पता चलता भी है, तो वे इसके बारे में बात नहीं करते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वे उस समय के राक्षसी प्रवृत्ति वाले शासकों से डरते थे।"

Created On :   22 Sept 2024 7:12 PM GMT

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