तामिलनाडू सीएम के बेटे उदयनिधि के हिंदू धर्म पर दिए विवादित बयान पर गरमाई सियासत, बीजेपी हुई हमलावर, दिल्ली में केस दर्ज

तामिलनाडू सीएम के बेटे उदयनिधि के हिंदू धर्म पर दिए विवादित बयान पर गरमाई सियासत, बीजेपी हुई हमलावर, दिल्ली में केस दर्ज
  • सनातन धर्म को जड़ से खत्म करने की कही थी बात
  • बीजेपी ने साधा निशाना
  • उदयनिधि के बयान को बताया हिंदुओं के नरसंहार का आह्वान करने वाला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तामिलनाडू के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि के सनातम धर्म पर दिए बयान पर देश की सियासत गरमा गई है। बीजेपी नेताओं से लेकर आम लोगों भी उनके इस बयान की निंदा कर रहे हैं। दरअसल, उदयनिधि ने अपने बयान में सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि इसका केवल विरोध नहीं बल्कि इसे जड़ से समाप्त कर देना चाहिए। उन्होंने यह बयान 2 सितंबर को आयोजित सनातन उन्मूलन सम्मेलन के दौरान दिया था।

दिल्ली में केस दर्ज

उदयनिधि स्टालिन के इस बयान पर सुप्रीम कोर्ट के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत में आईपीसी की धाराएं 120बी,153ए, 295, और 504 और आईटी एक्ट शामिल हैं। जिंदल के अलावा, हिंदू सेना ने भी उदयनिधि के खिलाफ दिल्ली पुलिस कमिश्नर से शिकायत दर्ज कराई है।

सनातन धर्म सामाजिक न्याय के खिलाफ

सम्मेलन में दिए अपने बयान में उदयनिधि ने कहा, सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। उन्होंने कहा ''मुझे विशेष संबोधन देने का अवसर देने के लिए मैं इस सम्मेलन के आयोजकों को धन्यवाद देता हूं। आपने सम्मेलन का नाम 'सनातन विरोधी सम्मेलन' के बजाय 'सनातन उन्मूलन सम्मेलन' रखा है, मैं इसकी सराहना करता हूं।''

राज्य के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री ने आगे कहा कि "कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, हमें इसे मिटाना है, ऐसे ही हमें सनातन को मिटाना है, बल्कि सनातन का विरोध कर उसे खत्म करना चाहिए। सनातन नाम संस्कृत से है। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।

उन्होंने कहा, ''सनातन ​​नाम संस्कृत से आया है और कहा कि इसका ​​का मतलब स्थिर और अपरिवर्तनीय होता है। सब कुछ बदलना होगा।''

बीजेपी ने साधा निशाना

उदयनिधि के इस बयान पर बीजेपी नेता और पार्टी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि तामिलनाडू के मंत्री का यह बयान दरअसल देश की 80 फीसदी के नरसंहार का आह्वान है। मालवीय ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा, "तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य की डीएमके सरकार में मंत्री उदयनिधि ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू के साथ जोड़ा है। उनके मुताबिक इसका केवल विरोध नहीं बल्कि इसे पूर्ण रूप से खत्म कर देना चाहिए। संक्षेप में वह सनातन धर्म का पालन करने वाली भारत की 80 फीसदी आबादी के नरसंहार के लिए आह्वान कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "डीएमके विपक्षी गठबंधन की एक प्रमुख सदस्य और कांग्रेस की दीर्घकालिक सहयोगी है। क्या मुंबई बैठक में इस पर ही सहमति बनी थी?"

उदयनिधि के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला इंडिया गठबंधन और राहुल गांधी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि, "इंडिया गठबंधन का भारत विरोधी और हिंदू विरोधी चेहरा आज साफ तरीके से उजागर हो चुका है। जिस प्रकार से DMK के नेता ने कहा कि वे न केवल सनातन धर्म का विरोध करते हैं बल्कि उसकी तुलना बीमारियों से करते हुए उसे खत्म करने की बात करते हैं। जिस धर्म में भारत के 80 फीसद लोगों की आस्था है उसे खत्म करने की बात हैं। उनका समर्थन कांग्रेस पार्टी के कार्ति चिदंबरम भी करते हैं। क्या यही मोहब्बत की दुकान है राहुल गांधी जी?"

वहीं इंडिया गठबंधन व राज्य में डीएमके की सहयोगी पार्टी कांग्रेस उदयनिधि के इस बयान पर बंटी हुई नजर आई। जहां एक और राज्य से कांग्रेस सांसद कीर्ति चिदंबरम ने उदयनिधि के बयान का समर्थन किया। वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने उनके इस बयान से किनारा किया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस का रुख साफ है, हम किसी धर्म पर टिप्पणी नहीं करना चाहते या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं चाहते। हम बाबा साहब अंबेडकर के 'सर्वधर्म समभाव' की भूमिका साथ लेकर चलते हैं, किसने क्या बोला वे हमारे हाथ में नहीं है।"

बयान पर उदयनिधि की सफाई

अपने बयान पर विवाद बढ़ता देख उदयनिधि ने सफाई दी है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा, मैंने ऐसा बिल्कुल नहीं कहा कि जो लोग सनातन का पालन करते हैं उनका नरसंहार कर दिया जाए। उन्होंने कहा, "मैं अपनी टिप्पणी को लेकर किसी भी कानूनी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूं। डीएमके सरकार एमके स्टालिन के नेतृत्व में सामाजिक न्याय को बनाए रखने और समतावादी समाज की स्थापना करने के लिए संघर्ष करती रहेगी। इस तरह की भगवा धमकियों से डरेंगे नहीं। हम, पेरियार, अन्ना और कलैगनार (करुणानिधि) के अनुयायी हैं और सामाजिक न्याय को बनाए रखने के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे।"

Created On :   3 Sept 2023 9:37 AM IST

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