बयान पर बचाव: राष्ट्रपति पर सोनिया गांधी के 'Poor Lady' वाले बयान पर आई प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया, बयान को तोड़-मोड़कर पेश किए जाने का लगाया आरोप

राष्ट्रपति पर सोनिया गांधी के Poor Lady वाले बयान पर आई प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया, बयान को तोड़-मोड़कर पेश किए जाने का लगाया आरोप
  • 'Poor Lady' वाले बयान पर आई प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया
  • सोनिया गांधी के 'Poor Lady' वाले बयान पर सियासत गर्म
  • तोड़-मोड़कर पेश किया जा रहा बयान- प्रियंका गांधी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के Poor Lady (बेचारी महिला) वाले बयान पर बीजेपी काफी हमलावर दिखाई दे रही है। इस कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि उनकी मां राष्ट्रपति का बहुत सम्मान करती हैं। उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि सोनिया गांधी की बयान को लेकर माफी की मांग करने वाली भाजपा को पहले ‘देश को डुबोने’ के लिए माफी मांगनी चाहिए।

बयान पर प्रियंका गांधी का बचाव

संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति को Poor Lady (बेचारी महिला) कहा। उन्होंने आगे कहा कि वह अपने संबोधन के आखिर तक थक गई थीं और बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं। जिस पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बयान सामने आया। उन्होंने सोनिया गांधी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वह राष्ट्रपति और भारत के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगें।

पूरे मामले पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "मेरी मां 70-80 वर्ष की उम्र की महिला है। उन्होंने बस इतना कहा है कि 'राष्ट्रपति ने इतना लंबा भाषण पढ़ा और वे थक गई होंगी, बेचारी'। वे भारत की राष्ट्रपति का पूरा सम्मान करती हैं। वे दोनों सम्मानित लोग हैं और हमसे उम्र में बड़े हैं। उनका कोई अपमान करने का इरादा नहीं था। भाजपा ने इस देश को जिस खाई में धकेला पहले ये उसके लिए माफी मांगे।"

मामले पर राष्ट्रपति भवन की ओर से आई प्रतिक्रिया

सोनिया गांधी के बयान पर राष्ट्रपति भवन की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। राष्ट्रपति भवन ने कहा- कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं की टिप्पणियों से इस शीर्ष पद की गरिमा को ठेस पहुंची है। किसी भी मामले में ऐसी टिप्पणियां दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह से टालने योग्य हैं। राष्ट्रपति भवन ने कहा- राष्ट्रपति किसी भी समय थकी हुई नहीं थीं। उनका मानना ​​है कि हाशिए पर पड़े समुदायों, महिलाओं और किसानों के लिए बोलना,कभी भी थकाऊ नहीं हो सकता। वह यही अपने भाषण के दौरान कर रही थीं। ऐसा हो सकता है कि इन नेताओं ने हिंदी जैसी भारतीय भाषाओं के मुहावरे और प्रवचन से खुद को परिचित नहीं किया है और इस तरह गलत धारणा बनाई है।

Created On :   31 Jan 2025 7:23 PM IST

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