मप्र में जलनीति बनेगी : शिवराज

Water policy will be made in MP: Shivraj
मप्र में जलनीति बनेगी : शिवराज
मध्यप्रदेश मप्र में जलनीति बनेगी : शिवराज

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार से शुरू हुए दो दिवसीय प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि प्रदेश में अगले एक-दो माह में जलनीति लाई जाएगी।

राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेशन सेंटर में आयेाजित इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली संबोधित किया। मुख्यमंत्री चौहान तथा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जल-संरक्षण और संचय के प्रतीक स्वरूप छोटे घड़ों से एक बड़े घड़े में जल अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम में नेशनल फ्रेमवर्क ऑन रियूज ऑफ ट्रीट़ेड वेस्ट वॉटर, नेशनल फ्रेमवर्क फॉर सेडीमेन्टेशन मेनेजमेंट और जल इतिहास सब पोर्टल की ई-लांचिंग की गई। साथ ही जल शक्ति अभियान कैच द रेन पर लघु फिल्म का प्रदर्शन भी हुआ।

मुख्यमंत्री चौहान ने वाटर विजन 2047 जैसे महत्वपूर्ण विषय पर विचार-विमर्श के लिए भोपाल का चयन करने पर केंद्र शासन का आभार मानते हुए कहा कि भोपाल, जल-प्रबंधन का ऐतिहासिक रूप से अनूठा उदाहरण रहा है। राजा भोज द्वारा 10वीं शताब्दी में बनाई गई बड़ी झील आज भी भोपाल की एक तिहाई जनता को पेयजल की आपूर्ति कर रही है। प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में 2 हजार जल संरचनाएं हैं। सभी पहलुओं को सम्मिलित करते हुए प्रदेश में अगले एक-दो माह में जल नीति लाई जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में जल-संरक्षण और उसके मितव्ययी उपयोग के लिए संवेदनशीलता के साथ गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। सिंचाई क्षमता सात लाख से बढ़ कर 43 लाख हेक्टेयर हो गई है। जल के मितव्ययी उपयोग के लिए पाइप लाइन और स्प्रिंकलर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश में वर्ष 2007 में जलाभिषेक अभियान शुरू किया गया। प्रदेश में नदी पुनर्जीवन के कार्य को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। नर्मदा सेवा यात्रा में नदी के दोनों ओर पोधरोपण अभियान चलाया गया।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थ-व्यवस्था है। हमारा देश विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है। तेजी से बढ़ते शहरीकरण और प्रदूषण की चुनौती को देखते हुए माइक्रो स्तर पर समग्र जल-प्रबंधन के लिए कार्य योजनाएं बनाना आवश्यक है। देश में जल की भंडारण क्षमता को बढ़ाना भी आवश्यक है। यह छोटी संरचनाओं के निर्माण को प्रोत्साहित करने और भू-गर्भीय जल-संरक्षण से संभव होगा।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   6 Jan 2023 12:30 AM IST

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