भाजपा की सोनिया गांधी से माफी की मांग को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया!

Peoples mixed reaction to BJPs demand for apology from Sonia Gandhi!
भाजपा की सोनिया गांधी से माफी की मांग को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया!
नई दिल्ली भाजपा की सोनिया गांधी से माफी की मांग को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया!

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने 29 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उनकी विवादास्पद राष्ट्रपत्नी टिप्पणी के लिए माफी मांगी। राष्ट्रपति को संबोधित अपने पत्र में, चौधरी ने लिखा, मैं अपनी स्थिति का वर्णन करने के लिए गलती से गलत शब्द का इस्तेमाल करने के लिए खेद व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यह जुबान फिसलने से कारण हुआ। मैं माफी मांगता हूं और आपसे आग्रह करता हूं कि आप इसे स्वीकार करें।

28 जुलाई को देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति के बारे में चौधरी की अपमानजनक टिप्पणी ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था। भाजपा नेताओं ने मौके का फायदा उठाते हुए मुख्य विपक्षी दल को घेरा और न केवल चौधरी से बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी माफी की मांग की।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा में इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी के बीच तीखी नोकझोंक हुई। संसद के निचले सदन में बोलते हुए, ईरानी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने द्रौपदी मुर्मू के अपमान को मंजूरी दी है। सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने पूरे मामले पर लोगों की राय जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण में पाया गया कि चौधरी की आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए सोनिया गांधी से माफी मांगने की भाजपा की मांग पर लोग बंटे हुए (अलग-अलग प्रतिक्रिया) थे।

सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 56 प्रतिशत उत्तरदाताओं (सर्वे में शामिल लोग) ने भाजपा नेताओं की मांग को सही ठहराया और कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए। हालांकि, 44 फीसदी उत्तरदाताओं ने इससे असहमति जताई। सर्वेक्षण ने इस मुद्दे पर एनडीए के मतदाताओं और विपक्षी समर्थकों के विचारों में एक तीव्र राजनीतिक विभाजन का खुलासा किया। एक तरफ जहां एनडीए के 83 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि सोनिया गांधी को भी चौधरी की अपमानजनक टिप्पणी के लिए खेद कहना चाहिए, वहीं 60 प्रतिशत पूरी तरह से विपरीत विचार रखते हैं।

सर्वेक्षण में इस मुद्दे पर विभिन्न सामाजिक समूहों की राय में अंतर का पता चला। उच्च जाति के अधिकांश हिंदू (67 प्रतिशत) और अन्य पिछड़ा वर्ग का एक बड़ा हिस्सा (53 प्रतिशत), इस मुद्दे पर भाजपा नेताओं की मांग से सहमत दिखाई दिए। इसके अलावा बड़ी संख्या में मुसलमान (68 प्रतिशत) और अनुसूचित जाति (55 प्रतिशत) के साथ ही अनुसूचित जनजाति (53 प्रतिशत) से संबंध रखने वाले लोगों ने भगवा पार्टी की मांग का विरोध किया।

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि इस मुद्दे पर संसद में अनियंत्रित दृश्यों के बारे में लोग अपने विचारों में विभाजित थे। जहां 52 फीसदी लोगों ने सदन में हंगामे के लिए ईरानी को जिम्मेदार ठहराया, वहीं 48 फीसदी ने इस अप्रिय घटना के लिए सोनिया गांधी को जिम्मेदार ठहराया। जाहिर है, इस मुद्दे पर राजनीतिक और वैचारिक विभाजन स्पष्ट थे। 68 फीसदी विपक्षी मतदाताओं ने केंद्रीय मंत्री पर हंगामा करने का आरोप लगाया, जबकि 67 फीसदी एनडीए मतदाताओं ने सोनिया गांधी पर निशाना साधा।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   30 July 2022 5:00 PM IST

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