अधिकतर लोगों ने माना, राजस्थान सरकार बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार : आईएएनएस सर्वे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान एक बार फिर से राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा में है। हाल ही में राजस्थान के जालौर जिले में दलित छात्र की हत्या का मामला सामने आया। परिवार का कहना है कि पानी का मटका छूने पर उसके टीचर ने छात्र की जमकर पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके अलावा, अलवर जिले में चोरी के शक के चलते एक विक्रेता को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला।
इन दोनों घटनाओं ने राज्य में अशोक गहलोत सरकार द्वारा किए जा रहे मजबूत कानून व्यवस्था के दावे पर सावलिया निशान लगा दिया। इसके लिए उन्हें न केवल विपक्ष से बल्कि अपनी ही पार्टी से भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। दलित लड़के की हत्या पर दुख जताते हुए बारां के अटरू से विधायक पानाचंद मेघवाल ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की और कहा, सरकार घटनाओं को हल्के में नहीं ले सकती।
इस घटना पर विपक्ष की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा और बसपा ने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर काम करने में विफल रही है। राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में लोगों की राय जानने के लिए सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने आईएएनएस की ओर से एक जनमत सर्वे कराया।
सर्वे के दौरान, 74 प्रतिशत लोगों ने जोर देकर कहा कि राजस्थान सरकार राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में विफल रही है। वहीं 26 प्रतिशत लोगों ने इस विचार पर अपनी असहमति व्यक्त की। सर्वे के दौरान, एनडीए और विपक्षी दोनों मतदाताओं ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए।
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, एनडीए के 81 प्रतिशत और विपक्षी 68 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में अपराध को रोकने में नाकामयाब रहे हैं। वहीं 73 प्रतिशत शहरी मतदाताओं और 71 प्रतिशत ग्रामीण मतदाताओं ने कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण करने में विफल रही है।
(आईएएनएस)
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Created On :   17 Aug 2022 1:30 PM IST