केंद्रीय मंत्री आईएएनएस के कार्यक्रम में बोले, सरकार का लक्ष्य स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों को उजागर करना है

Government aims to highlight the unsung heroes of the freedom movement, Union minister said in IANS program
केंद्रीय मंत्री आईएएनएस के कार्यक्रम में बोले, सरकार का लक्ष्य स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों को उजागर करना है
राजनीति केंद्रीय मंत्री आईएएनएस के कार्यक्रम में बोले, सरकार का लक्ष्य स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों को उजागर करना है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने बुधवार को कहा कि जहां कुछ लोगों द्वारा एक नैरेटिव सेट किया गया है कि केवल वे ही हमारे स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य आधार थे, वहीं सरकार का प्रयास अन्य गुमनाम नायकों को उजागर करना रहा है, जिन्होंने राष्ट्र को गौरव बढ़ाया। भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री पांडेय ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम की भूली हुई घटनाओं को उजागर करके राष्ट्रवाद की भावना जगाने में समाचार एजेंसी आईएएनएस के प्रयासों की प्रशंसा की।

सुजय द्वारा निर्देशित भारतीय नौसेना के 1946 के विद्रोह पर आईएएनएस द्वारा प्रस्तुत वृत्तचित्र (डॉक्यूमेंट्री) द लास्ट पुश की आधिकारिक स्क्रीनिंग के दौरान चुनिंदा दर्शकों को संबोधित करते हुए पांडेय ने कहा कि अगर किसी देश के नागरिकों में राष्ट्रवाद की भावना जागृत नहीं होती है, तो वह राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता। डॉक्यूमेंट्री को वैश्विक फैबलेस सेमीकंडक्टर कंपनी, मीडियाटेक और पुरस्कार विजेता पीआर और डिजिटल एजेंसी, कैजेन कम्युनिकेशंस द्वारा सह-प्रस्तुत किया गया है।

पांडेय ने कहा, आईएएनएस और इसके प्रधान संपादक संदीप बामजई का यह प्रयास उस उद्देश्य को हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि पहले भारत के गौरवशाली अतीत के भूले-बिसरे नायकों के योगदान पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था। मुगल सेना के खिलाफ अहोम जनरल लाचित बरफुकन की जीत का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि आज लोग उनके योगदान के बारे में जानते हैं, क्योंकि हमारा प्रयास भारत के ऐसे भूले-बिसरे नायकों के योगदान को उजागर करना है।

पांडेय ने कहा, कुछ लोग कहते हैं कि केवल उन्होंने ही भारत की आजादी में योगदान दिया है। हालांकि, हमारा मानना है कि कुछ और लोग भी रहे हैं, जिन्होंने देश के लिए लड़ाई लड़ी। यह बताते हुए कि वह भी फिल्म पत्रकारिता के छात्र रहे हैं, मंत्री ने वृत्तचित्र के शीर्षक की प्रशंसा करते हुए कहा कि किसी भी संघर्ष में, अंतिम धक्का सबसे महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि नौसेना विद्रोह भी भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के शासन को हिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

30 मिनट की डॉक्यूमेंट्री प्रमोद कपूर द्वारा लिखित 1946 : रॉयल इंडियन नेवी म्यूटिनी, लास्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस नामक पुस्तक पर आधारित है। डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के दौरान कपूर भी मौजूद थे। इससे पहले, इस अवसर पर संदीप बामजई ने कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री आईएएनएस द्वारा फ्रीडम ऑफ इंडिया सीरीज के तहत आजादी से पहले हुई सभी घटनाओं और विद्रोहों को उजागर करने का एक प्रयास है।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   27 Jan 2023 10:00 PM IST

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