महिलाओं के पोषण के नाम पर मध्यप्रदेश में हुआ करीब 160 करोड़ का राशन घोटाला, ऑडिट रिपोर्ट में हुआ खुलासा
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- विधानसभा की लोक लेखा समिति करेगी जांच
डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्यप्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग के पोषण आहार में चारा घोटाला की तर्ज पर राशन घोटाला सामने आया है। कैग की टेक होम राशन की ऑडिट रिपोर्ट में उत्पादन, वितरण, परिवहन और गुणवत्ता में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है। रिपोर्ट में हुए खुलासों पर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सीएजी की रिपोर्ट कोई फाइनल रिपोर्ट नहीं होती, ये सिर्फ राय देती है। अकाउंट कमेटी और विधानसभा की लोक लेखा समिति के पास भी मामला जांच के लिए जाता है। तब पता चलेगा।
क्या घोटाला हुआ?
आपको बता दें मध्यप्रदेश में पूरक पोषण आहार के अंतर्गत तीन साल की उम्र के बच्चों, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं और 11 से 14 वर्ष के आयु वर्ग में स्कूल से बाहर की किशोरियों की पोषण आहार दिया जाता है। राशन घोटाला की गड़बड़ी मुख्यत: मध्यप्रदेश के धार, मंडला, रीवा, सागर और शिवपुरी में देखने को मिली है। जहां स्टॉक में राशन नहीं होने पर भी 822 मीट्रिक टन राशन सप्लाई कर दिया गया।
बिना सर्वे के किया वितरित
स्कूल शिक्षा विभाग के 9 हजार बच्चों की संख्या को ना मानते हुए बिना सर्वे के 36 लाख से ज्यादा संख्या मान ली, और स्कूल नहीं जाने वाली छात्राओं को बिना सर्वे किए हुए पोषण आहार वितरित कर दिया। 2018- 21 के बीच करीब 48 आंगनवाड़ियों में दर्ज बच्चों की संख्या से ज्यादा 110 करोड़ का राशन कागजों पर बांटा गया हैं।
कागजों में बांटा नकली आहार
2018 से 2021 के बीच करीब 1.35 करोड़ महिलाओं को 2393 करोड़ का 4.05 मीट्रिक टेक होम राशन वितरित किया गया है। ऑडिट रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि टेक होम राशन बड़ी मात्रा में सिर्फ कागजों में बांट दिया गया। साथ ही करीब 58 करोड़ का नकली पोषण आहार का उत्पादन किया गया।
छोटे वाहनों को कागजों में बताया ट्रक
रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि राशन बनाने वाली 6 फर्मो से परिवहन के नाम बाइक, कार, ऑटो और टैंकर के नंबरों को ट्रक बताकर करीब 6.94 करोड़ का 1125.64 मीट्रिक टन राशन के परिवहन होना बताया गया है। ऑडिट रिपोर्ट में उत्पादन और वितरण में घोटाला होना बताया जा रहा है।
सैंपल गुणवत्ता जांच में बड़ी लापरवाही
रिपोर्ट में बताया गया है सैंपल की गुणवत्ता जांच में भी बड़ी लापरवाही सामने आई। टेक होम राशन के पोषण मूल्य का आकलन करने के लिए सैंपल को जांच के लिए संयंत्र, परियोजना और आंगनवाड़ी स्तर पर लेकर राज्य से बाहर स्वतंत्र प्रयोगशालाओं में भेजना था, लेकिन विभाग ने संयंत्र स्तर पर ही स्वतंत्र प्रयोगशालाओं में सैंपल भेजे, जो सैंपल स्वतंत्र प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजे गए और वो जरूरी पोषण मूल्य के अनुरूप मानकों पर खरे नहीं उतरे। रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करनी चाहिए थी, वो नहीं की गई । साथ ही रिपोर्ट में खुलासा हुआ की सीडीपीओ, डीपीओ, प्लांट अधिकारी और परिवहन की व्यवस्था करने वाले अधिकारी इस भ्रष्टाचार में शामिल है।
Created On :   5 Sept 2022 2:22 PM IST