सीबीआई ने मेरे गोपनीय,संवेदनशील संसदीय नोट जब्त किये: कार्ति चिदंबरम

CBI confiscated my confidential, sensitive parliamentary notes: Karti Chidambaram
सीबीआई ने मेरे गोपनीय,संवेदनशील संसदीय नोट जब्त किये: कार्ति चिदंबरम
नई दिल्ली सीबीआई ने मेरे गोपनीय,संवेदनशील संसदीय नोट जब्त किये: कार्ति चिदंबरम
हाईलाइट
  • कार्ति चिदंबरम आवास पर छापे

डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। वीजा घोटाले में फंसे कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) पर आरोप लगाते हुए कहा कि जांच एजेंसी ने उनके आवास पर छापे के दौरान उनके गोपनीय एवं संवेदनशील नोट भी जब्त कर लिए।

कार्ति चिदंबरम से गुरुवार को सीबीआई ने छह घंटों तक पूछताछ की थी। उनसे सीबीआई शुक्रवार को भी पूछताछ करेगी। उन्होंने सीबीआई मुख्यालय में जाने से पहले कहा, मैंने इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है कि मेरे विशेषाधिकार का हनन हुआ है। सीबीआई ने मेरे संसदीय नोट भी जब्त किये हैं, जो गोपनीय थे।

सीबीआई शुक्रवार को कार्ति चिदंबरम और उनके चार्टर्ड अकांउटेंट एस भास्कररमन का आमना-सामना करायेगी। एस भास्कररमन फिलहाल सीबीआई की हिरासत में है। सीबीआई ने इस मामले में 65,000 ईमेल भी रिकवर किये हैं, जिन्हें बतौर सबूत इस्तेमाल किया जाएगा।

सूत्रों ने बताया है कि छापे के दौरान दिल्ली के जोरबाग स्थित एक प्रॉपर्टी का दस्तावेज भी मिला है, जिसमें पावर ऑफ अटॉर्नी भास्कररमन के नाम है जबकि प्रॉपर्टी कार्ति और उनकी मॉं के नाम पर खरीदी गई है। कार्ति से इसके बारे में भी पूछताछ की जाएगी। प्राथमिकी के मुताबिक, पंजाब के मनसा स्थित एक निजी फर्म तलवंडी साबो पावर लिमिटेड ने अपनी परियोजना को डेडलाइन से पहले पूरा करने के लिए चीन के नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए एक मध्यस्थ के जरिये कथित रूप से 50 लाख रुपये की रिश्वत दी थी।

सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक यह कंपनी 1,980 मेगावाट क्षमता का तापविद्यत संयंत्र स्थापित कर रही थी। स्थापना का काम चीन की एक कंपनी को आउटसोर्स किया गया था लेकिन परियोजना समय पर पूरी होती नहीं दिख रही थी। परियोजना में होने वाली देर के कारण जुर्माना देने से बचने के लिए कंपनी ने अधिक पेशेवरों को साइट पर लोन की कोशिश कर रही थी। ये पेशेवर चीन के नागरिक थे और उन्हें गृह मंत्रालय द्वारा लगाई गई सीलिंग से अधिक संख्या में यहां लाया जाना था।

सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक इसी कंपनी के प्रतिनिधि ने चेन्नई स्थित एक व्यक्ति से संपर्क किया और वे बैक डोर से चीन के नागरिकों को भारत लाने की जुगत में लग गये। इसी कोशिश के तहत कंपनी के प्रतिनिधि ने गृह मंत्रालय में प्रोजेक्ट वीजा को दोबारा इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी और उसका यह आवेदन एक माह में मंजूर हो गया। इसके लिए चेन्नई के व्यक्ति को 50 लाख रुपये दिये गये थे। ऐसा आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी नियमों की अनदेखी करके चीन के नागरिकों को वीजा दिलाने में मदद की थी। सीबीआई ने कहा कि वह अभी इसकी जांच कर रही है।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   27 May 2022 1:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story