राजस्थान, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हराने का भाजपा का मिशन, संघ का भी साथ

BJPs mission to defeat Congress in Rajasthan, Chhattisgarh, also with Sangh
राजस्थान, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हराने का भाजपा का मिशन, संघ का भी साथ
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं। इससे पहले महंगाई और ईडी समेत अन्य जांच एजेंसियो के दुरुपयोग के खिलाफ भी कांग्रेस नेताओं ने देशभर में सड़क पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन किया था। कांग्रेस के प्रदर्शन, रैली और यात्रा में उसके दो मुख्यमंत्रियों की भूमिका काफी अहम होती है - राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल।

राजस्थान और छत्तीसगढ़, दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार है और दोनों ही मुख्यमंत्री कांग्रेस आलाकमान या यूं कहें कि गांधी परिवार के बेहद करीबी हैं। भाजपा, कांग्रेस मुक्त भारत बनाने के जिस सपने को साकार करना चाहती है उसके लिए इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को हराना बहुत जरूरी है। इसलिए भाजपा के कुशल रणनीतिकार एवं गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा इन राज्यों में मोर्चा संभालते नजर आ रहे है। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी इन दोनों राज्यों में बैठक कर माहौल बनाने और अपने कैडर को सक्रिय करने का पूरा प्रयास कर रहा है।

शनिवार को राजस्थान में अमित शाह ने भाजपा के अन्य पिछड़ा वर्ग अर्थात ओबीसी मोर्चे की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करने के साथ-साथ जोधपुर में बूथ अध्यक्ष संकल्प महा सम्मेलन की बैठक को भी संबोधित करते हुए राहुल गांधी, उनकी भारत जोड़ो यात्रा और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा।

शाह ने कन्हैया लाल की हत्या, दलितों की हत्या, अवैध खनन को रोकने के लिए महंत विजय दास द्वारा आत्मदाह के लिए मजबूर होने, महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 56 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने और प्रदेश की लगातार खराब होती जा रही कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा।

गहलोत सरकार पर किसानों और बेरोजगारों के साथ किए गए वायदे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार हिंदुओं के त्योहारों को मनाने पर प्रतिबंध लगाने का काम कर रही है और हिंदू संस्कृति का अपमान करने वाली ऐसी सरकार को हम सहन नहीं कर सकते हैं।

कांग्रेस आलाकमान के करीबी मुख्यमंत्री पर पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम नहीं करने और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए अमित शाह जिस अंदाज में अशोक गहलोत पर हमला बोल रहे थे उससे यह साफ-साफ नजर आ रहा था कि राजस्थान का विधान सभा चुनाव भाजपा के लिए कितना अहम होने जा रहा है।

दरअसल, राजस्थान के चुनावी परि²श्य को देखते हुए राज्य के ओबीसी मतदाताओं को साधना काफी अहम हो जाता है। इसके साथ ही गुटों में बंटे पार्टी के सभी नेताओं को एक साथ लाकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को जीत के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है और इन तीनों ही मोचरें पर शाह की इस बार की यात्रा को काफी अहम माना जा रहा है।

सबसे बड़ी बात यह है कि अमित शाह स्वयं लगातार राजस्थान के दौरे पर जा रहे हैं और ओबीसी मोर्चे की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले भाजपा और संघ दोनों ही संगठन प्रदेश में कई अहम बैठक कर चुके हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान राजस्थान में भाजपा और संघ की सक्रियता की बात करें तो इसी वर्ष मई में भाजपा ने अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक जयपुर में की थी वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक जुलाई में राजस्थान के झुंझुनू में हुई थी।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को चुनाव हराने के लिए भाजपा पुरजोर कोशिश कर रही है। शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी ओम माथुर को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया है

पिछले कई दिनों से संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ-साथ संघ के कई नेता राज्य में विचार विमर्श कर रहे हैं तो वहीं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी शुक्रवार को छत्तीसगढ़ पहुंचकर भव्य रोड शो किया और उसके बाद कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य की कांग्रेस सरकार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस आलाकमान पर जमकर निशाना साधते हुए यह आरोप लगाया कि बघेल ने छत्तीसगढ़ को कांग्रेस पार्टी का एटीएम बना दिया है। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल, भाई-बहन की पार्टी को चला रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के रायपुर में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी सबसे महत्वपूर्ण-अखिल भारतीय समन्वय बैठक कर रहा है। संघ प्रमुख मोहन भागवत की अध्यक्षता में शनिवार को शुरू हुई इस अति महत्वपूर्ण बैठक में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत संघ से जुड़े 36 संगठनों के अध्यक्ष या संगठन महासचिव अपने-अपने संगठन के कामकाज और उपलब्धियों की रिपोर्ट देंगे। तीन दिनों तक चलने वाली इस बैठक में भाजपा समेत संघ से जुड़े सभी संगठन भविष्य की रणनीति भी तय करेंगे।

राजस्थान और छत्तीसगढ़, दोनों ही राज्यों में अगले वर्ष यानी 2023 में विधान सभा के चुनाव होने है और भाजपा इन दोनों ही राज्यों में कांग्रेस को हराने का दावा कर रही है। शनिवार को जोधपुर में बूथ अध्यक्ष संकल्प महा सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने यह दावा किया कि 2023 में कांग्रेस के हाथ से छत्तीसगढ़ और राजस्थान, दोनों का जाना तय है।

 

एसटीपी/एसकेपी

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Created On :   11 Sept 2022 12:00 PM IST

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