बदरुद्दीन अजमल ने कहा, असमिया भाषा को जिंदा रख रहे मुसलमान

Badruddin Ajmal said, Muslims are keeping the Assamese language alive
बदरुद्दीन अजमल ने कहा, असमिया भाषा को जिंदा रख रहे मुसलमान
असम बदरुद्दीन अजमल ने कहा, असमिया भाषा को जिंदा रख रहे मुसलमान
हाईलाइट
  • अजमल की आलोचना

डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने रविवार को कहा कि असम में मुस्लिम लोग असमिया भाषा को जीवित रखे हुए हैं।

धुबरी में एक समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा, असमिया भाषा की विरासत को संरक्षित किया गया है, और इसे असम में रहने वाले मुसलमानों द्वारा भी संरक्षित किया गया है। मैं इसे चुनौती दे सकता हूं। लेकिन इसके बाद भी असमिया लोग हमें बांग्लादेशियों के रूप में संदर्भित करते हैं।

अजमल ने टिप्पणी की कि बांग्लादेश में असमिया नहीं पढ़ाया जाता। उन्होंने सवाल किया, फिर एक बांग्लादेशी उस भाषा को कैसे सीख सकता है।

एआईयूडीएफ नेता ने आगे कहा कि असम के चार इलाकों में मुस्लिम लोग अपने बच्चों को असमिया माध्यम के स्कूलों में भेजते हैं। उन्होंने कहा, समस्या यह है कि हमारे (मुस्लिम) लोग बच्चों को असमिया माध्यम के स्कूलों में भेजते हैं, लेकिन उन्हें घर पर असमिया बोलने की आदत नहीं है।

इस बीच, असम के मंत्री पीयूष हजारिका ने अजमल की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की है। उन्होंने कहा : यह एक हास्यास्पद दावा है। मैंने देखा है कि बदरुद्दीन अजमल भी आधी असमिया भाषा बोलते हैं और इसमें बांग्ला और हिंदी मिलाते हैं।

हजारिका ने अजमल से यह भी पूछा कि क्या वह वास्तव में उनकी तरह असमिया बोल सकते हैं। भाजपा ने कहा, बदरुद्दीन अजमल को हमारी भाषा की रक्षा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि असमिया लोग इसे अच्छी तरह से जानते हैं और इसे संरक्षित और संरक्षित करना चाहते हैं।

धुबरी में एक समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा, असमिया भाषा की विरासत को संरक्षित किया गया है, और इसे असम में रहने वाले मुसलमानों द्वारा भी संरक्षित किया गया है। मैं इसे चुनौती दे सकता हूं। लेकिन इसके बाद भी, असमिया लोग हमें बांग्लादेशियों के रूप में संदर्भित करते हैं। अजमल ने टिप्पणी की कि बांग्लादेश में असमिया नहीं पढ़ाई जाती।

उन्होंने सवाल किया, फिर एक बांग्लादेशी उस भाषा को कैसे सीख सकता है। एआईयूडीएफ नेता ने आगे कहा कि असम के चार इलाकों में मुस्लिम लोग अपने बच्चों को असमिया माध्यम के स्कूलों में भेजते हैं।

उन्होंने कहा, समस्या यह है कि हमारे (मुस्लिम) लोग बच्चों को असमिया माध्यम के स्कूलों में भेजते हैं, लेकिन उन्हें घर पर असमिया बोलने की आदत नहीं है। इस बीच, असम के मंत्री पीयूष हजारिका ने अपनी टिप्पणी के लिए अजमल की आलोचना की।

उन्होंने कहा : यह एक हास्यास्पद दावा है। मैंने देखा है कि बदरुद्दीन अजमल भी आधी असमिया भाषा बोलते हैं और इसमें बांग्ला और हिंदी मिलाते हैं। हजारिका ने अजमल से यह भी पूछा कि क्या वह वास्तव में उनकी तरह असमिया बोल सकते हैं। भाजपा मंत्री ने कहा, हमारी भाषा की रक्षा के लिए बदरुद्दीन अजमल की बिल्कुल जरूरत नहीं है, क्योंकि असमिया लोग इसे अच्छी तरह से जानते हैं और इसकी रक्षा और संरक्षण करते हैं।

 

आईएएनएस

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Created On :   30 Jan 2023 1:00 AM IST

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