बयान से मुकरी भाजपा: BJP ने निशिकांत दुबे के बयान से खुद को किया सेफ, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उठाए सवाल, पूछा- 'क्या आपने नोटिस भेजा?

- निशिकांत दुबे के बयान पर सियासी बवाल
- भाजपा ने बयान पर दी सफाई
- कांग्रेस ने जमकर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई को लेकर बयान दिया है। जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में जमकर बवाल देखने को मिल रहा है। दरअसल, निशिकांत दुबे ने शनिवार को कहा था कि यदि कानून सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगी तो संसद को बंद कर देना चाहिए। इस पर विपक्षी दलों ने कहा कि यह न केवल कहा कि यह न केवल न्यायपालिका की प्रतिष्ठा पर हमला है, बल्कि संसद और संविधान की आत्मा पर भी सवाल खड़े करता है।
निशिकांत दुबे के बयान पर कांग्रेस हमलवार
इस बयान के बाद सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों तक में हलचल तेज हो गई। एक तरफ जहां कांग्रेस भाजपा पर जमकर हमलावर हो गई है। तो, वहीं अब भाजपा अध्यक्ष ने सफाई दी है कि बीजेपी का निशिकांत दुबे के बयान से कोई वास्ता नहीं है। भाजपा के मुकरने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर आड़े हाथों लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए कहा कि भाजपा सांसदों की तरफ से भारत के मुख्य न्यायाधीश पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों से भाजपा के निवर्तमान अध्यक्ष की ओर से खुद को अलग करने की कोई विशेष अहमियत नहीं रह जाती।
निशिकांत दुबे के बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था, "निशिकांत दुबे के विचार उनके निजी हैं, पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।" इस पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने हमला बोला। उन्होंने कहा कि निवर्तमान भाजपा अध्यक्ष का स्पष्टीकरण डैमेज कंट्रोल के अलावा कुछ नहीं है। इससे कोई मूर्ख नहीं बनेगा। यह Entire Political Science नहीं बल्कि Entire Political Hypocrisy की मिसाल है। उन्होंने पूछा कि निवर्तमान भाजपा अध्यक्ष ने अपनी ही पार्टी के उच्च संवैधानिक पद पर बैठे एक अति विशिष्ट व्यक्ति द्वारा न्यायपालिका पर बार-बार की जा रही अस्वीकार्य टिप्पणियों पर पूरी तरह चुप्पी साध रखी है। क्या इन टिप्पणियों पर उनका कोई मत नहीं है? क्या भाजपा इन बयानों का समर्थन करती है?
जयराम रमेश ने भाजपा को घेरा
इसके बाद जयराम रमेश ने कहा कि अगर संविधान पर इस तरह के निरंतर हमलों को प्रधान मंत्री मोदी की मौन स्वीकृति नहीं है तो इस सांसद के खिलाफ कड़े कदम क्यों नहीं उठा रहे? क्या नड्डा जी ने इन्हें कारण बताओ नोटिस दिया?
सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई को लेकर निशिकांत दुबे की इस टिप्पणी ने राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है। जिससे संविधान, व्याख्या और उसमें निहित शक्तियों की सीमाओं को फिर से परिभाषित करने पर जोर दे रही है। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट अपने फैसलों के जरिए सामाजिक न्याय, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा कर रही है। वहीं दूसरी ओर कुछ राजनीतिक बयान न्यायपालिका की भूमिका पर सवाल उठाकर संस्थाओं के बीच टकराव की स्थिति बना रहे हैं।
Created On :   20 April 2025 4:52 PM IST