Nishikant Dubey Controversy: पहले BJP ने किया किनारा, अब निशिकांत दुबे के खिलाफ क्रिमिनल कंटेंप्ट याचिका दायर! SC पर कमेंट करना पड़ गया भारी

पहले BJP ने किया किनारा, अब निशिकांत दुबे के खिलाफ क्रिमिनल कंटेंप्ट याचिका दायर! SC पर कमेंट करना पड़ गया भारी
  • निशिकांत दुबे की बढ़ी मुश्किलें!
  • आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दायर की याचिका
  • SC के खिलाफ दुबे ने की थी टिप्पणी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक तरफ वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी सांसद निशिकांत दुबे की विवादित टिप्पणी के बाद से माहौल गरमाया हुआ है। दुबे ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना को लेकर बयान दिया था जिसके बाद कई पार्टियां उनपर हमलावर हैं। इस कड़ी में पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना (Azad Adhikar Sena) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने रविवार (25 अप्रैल) को इस मामले को लेकर क्रिमिनल कंटेंप्ट याचिका दाखिल कर दी है जिससे भाजपा सांसद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

निशिकांत दुबे के विवादित बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ती जा रही है। पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिताभ ठाकुर इससे काफी नाराज नजर आ रहे हैं। उन्होंने उच्चतम न्यायालय में क्रिमिनल कंटेंप्ट याचिका दायर कर दी है। साथ ही, नियमानुसार दंडित करने की मांग की है।

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कैसे शुरू हुआ विवाद?

यह मामला शनिवार (19 अप्रैल) को शुरू हुआ जब निशिकांत दुबे ने मीडिया से बात करते समय SC को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर अदालत ही कानून बनाएगी, तो संसद को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, 'भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना इस देश में हो रहे सभी गृहयुद्धों के लिए जिम्मेदार हैं।' उन्होंने आर्टिकल 141 और अनुच्छेद 368 का हवाला देते हुए तर्क दिया कि अनुच्छेद 368 संसद को कानून बनाने का अधिकार देता है। आर्टिकल 141 के तहत सुप्रीम कोर्ट के निर्णय सभी अदालतों पर बाध्यकारी होते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि सुप्रीम कोर्ट कानून बना सकती है। इतना ही नहीं बल्कि दुबे ने सवाल भी किया कि जब राम मंदिर, ज्ञानवापी या कृष्ण जन्मभूमि की बात आती है तो उच्चतम न्यायालय कागज मांगता है, लेकिन वक्फ संपत्तियों के लिए ऐसा नहीं करता?" दुबे ने यह भी पूछा कि सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति को कैसे निर्देश दे सकती है कि विधेयकों पर कितने समय में निर्णय लिया जाए?

बीजेपी ने किया किनारा

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका और देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। यह उनका व्यक्तिगत बयान है, लेकिन भाजपा ऐसे बयानों से न तो कभी भी कोई इत्तेफाक रखती है और न ही कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन करती है। भाजपा इन बयान को सिरे से खारिज करती है।

Created On :   20 April 2025 11:43 AM IST

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