अमेरिका और भारत की नई साझेदारी, एनईपी के जरिए इंटरनेशनल रिसर्च की तैयारी
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय शिक्षा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका की भागीदारी के लिए एक नया मार्ग खोल रहा है। इसके जरिए भारत और अमेरिका एक दूसरे के साथ रिसर्च के क्षेत्र में सहयोग करेंगे। दोनों देशों के बीच छात्रों और शिक्षकों की दोतरफा गतिशीलता तय की जाएगी। साथ ही दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थान आपस में साझेदारी करेंगे। भारत और अमेरिका के बीच यह साझेदारी विशेष रूप से उद्योग केंद्रित शिक्षा और दोनों देशों की उच्च शिक्षा को आपस में जोड़ने के लिए है। भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावासों द्वारा सुगम भारत-अमेरिका शिक्षा भागीदारी को आगे बढ़ाने पर एक गोलमेज सम्मेलन किया गया है।
इस गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की। भारत और अमेरिका के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रधानाचार्य और कुलाधिपति भी इस दौरान मौजूद रहे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत और अमेरिका शिक्षा क्षेत्र में मजबूत संबंध साझा करते हैं। विशेष रूप से हमारे देशों के उद्योग, शिक्षा जगत और नीति निर्माताओं को आपस में जोड़ने में इस सहयोग को और गहरा करने और ज्ञान आधारित भागीदारी का निर्माण करने की अपार संभावनाएं हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने भारत और अमेरिका के लिए एक साथ काम करने, अनुसंधान, छात्रों और शिक्षकों की दोतरफा गतिशीलता, अमेरिका और भारतीय संस्थानों के सहयोग आदि में पारस्परिक रूप से लाभप्रद साझेदारी के लिए नए रास्ते खोले हैं। नए जमाने की ज्ञान साझेदारी बनाने में अमेरिका भारत का स्वाभाविक सहयोगी है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के शिक्षा परि²श्य में अवसरों का लाभ उठाने, साझेदारी करने और एक साथ काम करने में अमेरिका के विश्वविद्यालयों में बहुत उत्साह और आशावाद देखकर खुशी हुई। चर्चाओं को आगे बढ़ाने और शैक्षिक सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए एआईसीटीई इंडिया से एक सूत्री संपर्क होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं उन सभी शिक्षाविदों को धन्यवाद देता हूं जो गोलमेज सम्मेलन में शामिल हुए और हमारे दो महान देशों की संयुक्त शैक्षिक आकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं।
एआईसीटीई एक ऐसे पोर्टल पर भी काम कर रहा है जिसमें उच्च शिक्षा संस्थानों, पाठ्यक्रम विवरण, योग्यता और अन्य आवश्यकताओं के बारे में सभी जानकारी होगी। यह विदेशी छात्रों संकाय या संस्थानों के लाभ के लिए भी होगी। भारतीय संस्थानों में अध्ययन, शिक्षण या सहयोग करने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति इससे जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
(आईएएनएस)
Created On :   11 Nov 2021 3:00 PM IST