महाराष्ट्र में गहराता जा रहा भाषा विवाद: हिंदी के खिलाफ राज ठाकरे के सुर पर एकनाथ शिंदे की पार्टी का पलटवार, MNS पर ढोंग करने का लगाया आरोप

- महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर सियासत तेज
- हिंदी के खिलाफ राज ठाकरे का सख्त रुख
- शिवसेना (शिंदे गुट) ने मनसे पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में मराठी भाषा पर विवाद दिन पर दिन गरमाता जा रहा है। राज्य की फडणवीस सरकार ने सभी विद्यालयों में कक्षा 1 से कक्षा 5 तक हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा। इस पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना चीफ राज ठाकरे ने जमकर विरोध किया है। इसके बाद अब महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने राज ठाकरे पर पलटवार किया है।
राज ठाकरे पर शिंदे गुट का हमला
शिवेसना (शिंदे गुट) नेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने एमएनएस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि ये एमएनएस वालों का बहुत बड़ा ढोंग है। मराठी भाषा का महाराष्ट्र में मान सम्मान है और होना चाहिए। इसके साथ कोई किसी प्रकार का समझौता नहीं कर सकता। हम होने भी नहीं देंगे।"
इसके आगे उन्होंने कहा, "लेकिन अगर नहीं शिक्षा नीति के आधार पर सरकार कह रही है कि पहली से लेकर पांचवीं तक के सभी बच्चों को अनिवार्यत: मराठी भाषा, हिंदी भाषा और अंग्रेजी भाषा तीनों पढ़ाया जाए तो इससे उन बच्चों की स्किल बढ़ेगी।"
शिवसेना नेता ने कहा, "मराठी भाषा की अनिवार्यता पर किसी ने सवाल नहीं उठाया। उसके साथ किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं है लेकिन साथ में अगर सरकार कह रही है कि हिंदी भी सीखिए और अंग्रेजी भी सीखिए तो अगर हिंदी सीखेंगे तो देश में जो नया जेनरेशन तैयार होगा, वो पूरे देश में कॉन्फिडेंस के साथ जाकर काम करेगा।"
राज ठाकरे को लेकर शिवसेना का सख्त रुख
बता दें, हाल ही में डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और राज ठाकरे की मुलाकात के बाद शिवसेना (शिंदे गुट) का ये सख्त रुख देखने को मिला है। शिंदे राज ठाकरे के आवास शीवतीर्थ पर गए थे। बीएमसी चुनाव से पहले सूत्रों का दावा है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन की बातचीत चल रही है।
मालूम हो कि गुरुवार को राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि हम हिंदू हैं लेकिन हिंदी नहीं हैं। हम राज्य में ऐसा नहीं होने देंगे। राज ठाकरे की पार्टी ने दादर इलाके में शिवसेना भवन परिसर में लगा दिया। इस पर राज ठाकरे की तस्वीर दिखी और लिखा है, "हम हिंदू हैं लेकिन हिंदी नहीं।" एमएनस ने आक्रामक रुख अपनाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
Created On :   18 April 2025 6:44 PM IST