खड़गे और अधीर रंजन के नाम अमित शाह का खुला खत, मणिपुर हिंसा पर लिखी बड़ी बात, चर्चा के लिए तैयार
- मणिपुर मुद्दे पर सदन में गतिरोध जारी
- हंगामें की भेंट चढ़ रहा मानसून सत्र
- अमित शाह ने नेता प्रतिपक्षों को लिखा पत्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मणिपुर मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। मानसून सत्र के 4 दिन बीत जाने के बाद भी इस अहम मुद्दे पर केवल बयानबाजियां और हंगामा ही हो रहा है, बहस नहीं। जहां एक ओर विपक्ष मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी का बयान चाहता है तो वहीं दूसरी ओर सरकार का कहना है कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष इसके लिए राजी नहीं है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इस मामले पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, ''मणिपुर पर लंबी चर्चा करने के लिए सरकार को कोई डर नहीं है। जनता आपको देख रही है। चुनाव में जाना है। जनता के खौफ को ध्यान में रखें।"
मणिपुर के मुद्दे पर पिछले चार दिनों से संसद में हर रोज हो रहे हंगामे के बीच शाह ने विपक्षी नेताओं से कहा कि वह इस संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन में उचित माहौल बनाए। उन्होंने कहा कि मैंने इसके लिए दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्षों को चिट्ठी लिखी है। बता दें कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन और लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी हैं।
अमित शाह ने दोनों नेता प्रतिपक्षों को लिखी चिट्ठी अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर भी की है। शाह ने कहा है कि, 'सरकार मणिपुर पर बात करने के लिए राजी है और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी दलों का इसमें सहयोग भी चाहती है।'
पत्र में शाह ने ये लिखा
अमित शाह ने अपने पत्र में लिखा, "मैं आपको यह पत्र लोकसभा में मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा के लिए आपके सहयोग मांगने के लिए लिख रहा हूं। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे में लोकसभा का विशेष स्थान है। हमारा देश जो लोकतंत्र की जननी और सबसे बड़ा लोकतंत्र है, यह 140 करोड़ भारतीयों का सदन है जो उनकी आशाओं, आकांक्षाओं, समस्य़ाओं और चिंताओं का प्रतिनिधित्व करता है। लोकसभा हमारे जीवंत लोकतंत्र की आधाशिला है, जहां लोगों की आवाज उनके निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से अभिव्यक्त होती है। विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को अपनी विविधता के साथ यह सदन राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर रचनात्मक बहस में शामिल होने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है।"
शाह ने पत्र में आगे लिखा, "मैं आपका सहयोग लेने के लिए आपको यह पत्र लिख रहा हूं। जैसा कि आप जानते हैं मणिपुर एक महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्य है। मई महीने में कुछ अदालती फैसलों और कुछ घटनाओं के कारण मणिपुर में हिंसा देखी गई। कुछ शर्मनाक घटनाएं भी हुईं, जिसके बाद देश के लोग और विशेष रूप से मणिपुर के लोग संसद की ओर देख रहे हैं कि इस कठिन समय में सभी दल दलगत राजनीति से ऊपर उठें और मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हों।"
केंद्रीय मंत्री ने लिखा, "इस समय मणिपुर की जनता चाहती है कि हम सभी पार्टियों के संसद सदस्य उन्हें यह भरोसा दिलाएं कि हम एक होकर मणिपुर की शांति के लिए संकल्पबद्ध हैं। पूर्व में हमारी महान संसद ने यह करके भी दिखाया है।"
मणिपुर की स्थिति पर विस्तृत बयान दें पीएम - खरगे
वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर पीएम मोदी को संसद में विस्तार से बयान देना चाहिए और देश को भरोसे में लेना चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, ‘‘मणिपुर में 83 दिनों से जारी हिंसा पर पीएम मोदी को संसद में विस्तृत बयान देने की जरूरत है। बेहद भयावह कहानियां अब धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) ने मणिपुर हिंसा पर मोदी सरकार से जवाब मांगा।’’
खरगे ने आगे कहा, ‘‘पूर्वोत्तर में हालात नाजुक हैं और मणिपुर हिंसा का असर दूसरे राज्यों पर भी पड़ता दिख रहा है। यह हमारे संवेदनशील सीमावर्ती राज्यों के लिए अच्छा नहीं है। अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री मोदी अपना अहंकार त्यागें और मणिपुर पर देश को विश्वास में लें।’’ उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को बताना चाहिए कि उनकी सरकार हालात सुधारने के लिए क्या कर रही है और मणिपुर में हालात कब सामान्य होंगे।’’
बता दें कि 'इंडिया' गठबंधन में शामिल सभी दल कल सुबह 10 बजे मल्लिकार्जुन खड़गे के चैंबर में अहम मुद्दे पर बैठक करेंगे।
Created On :   25 July 2023 3:32 PM GMT