'देश में मोदी का करिश्मा है, उसका इस्तेमाल महाराष्ट्र में करेंगे.....'- उपमुख्यमंत्री अजित पवार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीड में 27 अगस्त को रात के समय सभा में लोगो को संबोधित करते हुई उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा की सरकार की भूमिका किसानों का समर्थन करना और उनकी मदद करना है। गन्ना मजदूर बोर्ड की स्थापना की। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि मजदूरों के बच्चों को शिक्षा मिले। मैं यहां के लोगों को गोदावरी बेसिन से पानी देना चाहता हूं । इसलिए कितना भी खर्च होगां हम खर्च करेंगे।
लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुई अजित पवार ने कहा, बीड मेहनती लोगों की भूमि है। हम सरकार के माध्यम से जनता का भला करना चाहते हैं। राजनीतिक जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। हम महापुरुषों के आदर करने वाले हैं। भले ही महायुति सरकार में है, लेकिन उसका रुख यह है । सभी धर्मों में सांप्रदायिक सद्भाव कायम रहना चाहिए। किसानों के हित के मामले या समस्याएं तुरंत हल हो जाती हैं, लेकिन विरोधी हमेशा गलतबयानी करते हैं। सत्ता आम लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए है। किसानों के लिए दो लाख क्विंटल प्याज खरीदने का फैसला लिया गया।
ऐसे में अलग-अलग परिस्थितियाँ आती हैं और रास्ता निकालना पड़ता है। हम अपनी बात रखते हैं।मेरा जन्म एक किसान के घर हुआ है। किसान मेरी जाति है। मराठवाड़ा में पानी की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जायेगा।जनता की समस्याएँ, पानी की समस्याएँ, सहयोग की समस्याएँ हल करनी हैं, जनता द्वारा दिया गया पैसा मेहनत और टैक्स का है, उसे अच्छे काम में खर्च करना चाहिए। देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार है।हमने तय किया कि उनके करिश्मे का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अजित पवार ने यह भी कहा कि हम अब पीछे केंद्र व राज्य सरकार की योजनाएं लोगों तक पहुंचनी चाहिए।
फसल बीमा हेतु बीज पैटर्न तैयार किया गया। आपके पैसे का भुगतान राज्य और केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसमें एक रुपया कम हुआ और सरकार पर साढ़े चार हजार करोड़ रुपये का कर्ज हो गया।लेकिन, किसानों को लाभ मिलना जरूरी है। मराठवाड़ा में पानी की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। अजित पवार ने बोलते हुई कहा की मराठवाडे में कुछ जिले में कुछ बहुत आच्छी बारीश हुई किंतु कुछ जिलो में अभी किसान आच्छी बारीश के प्रतिक्षा में है।मराठवाडे के जायकवाडी जलाशय पिछले साल में यह दिनो में 100 प्रतिशत जलभंडार था।अभी 33 प्रतिशत जलभंडार है।माजलगांव जलाशय में पिछले साल में यह दिनो में 60 प्रतिशत जलभंडार था अभी 14 प्रतिशत जलभंडार है।बाकी जलाशय में भी जलभंडार कम है। इसलिए किसान परिशान किंतु हम किसान की परिशानी हाल करेंगे।
Created On :   28 Aug 2023 4:33 PM GMT