लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने के क्या है मायने? INDIA के नाम पर एक हुआ विपक्ष क्या मोदी सरकार पर पड़ेगा भारी? 5 प्वाइंट्स में समझें विपक्ष की पूरी रणनीति

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने के क्या है मायने? INDIA के नाम पर एक हुआ विपक्ष क्या मोदी सरकार पर पड़ेगा भारी? 5 प्वाइंट्स में समझें विपक्ष की पूरी रणनीति
  • मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
  • इसी हफ्ते प्रस्ताव पर होगी वोटिंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मानसून सत्र लगातार पांच दिनों से हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। जिसकी मुख्य वजह है मणिपुर में तीन महीने से जारी हिंसा। इस हिंसा के खिलाफ विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोकसभा में जवाब चाहता है। इसी को देखते हुए कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन वाले विपक्ष के सभी दलों एक सुर में मोदी सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने को तैयार हैं। आज सुबह कांग्रेस सांसद गौरव गोगई ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था। जिसको निम्न सदन में प्रस्तुत करने की इजाजत मिल गई है। लोकसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुए कहा है कि उचित समय देखकर चर्चा की जाएगी। तो आइए पांच प्वाइंट्स में जानते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव कब लाया जाता है और इसके क्या नियम और कायदे क्या होते हैं।

  1. अविश्वास प्रस्ताव लाने का नियम सबसे पहले यह है कि इसे कोई भी ला सकता है लेकिन वो लोकसभा सदन का सदस्य होना चाहिए।
  2. जो सदस्य सदन में अविश्वास प्रस्ताव ला रहा है उसके साथ करीब 50 सांसदों का साथ होना चाहिए यानी इसके प्रस्ताव पर 50 सांसदों का हस्ताक्षर होना चाहिए। तभी लोकसभा अध्यक्ष आगे की कार्रवाई के आदेश दे सकते हैं।
  3. अविश्वास प्रस्ताव लाने के करीब 10 दिनों के अंदर सदन में चर्चा और वोटिंग करना, सदन के अध्यक्ष का काम होता है। कहा जा रहा है कि मोदी सरकार के खिलाफ अगले हफ्ते सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है।
  4. यह प्रस्ताव लोकसभा के 198 (1) एवं 198 (5) के तहत लाया जाता है। इस नियम के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सदस्य को लिखित में प्रस्ताव सुबह देना होता है और स्पीकर को उसी दिन इस पर फैसला भी लेना होता है कि यह प्रस्ताव जायज है या नहीं।
  5. यह प्रस्ताव लाने का मुख्य कारण मौजूदा सरकार अल्पत में है या नहीं, इसका टेस्ट करना होता है। अगर सरकार के पास उतने सांसद नहीं हैं जितने सरकार बनाने के लिए चाहिए तो पीएम सहित पूरे केंद्रीय मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना पड़ता है।

सदन में प्रस्ताव टिकेगा नहीं

यह पहली बार नहीं है जब विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाया हो। यह दूसरी बार है जब सदन में विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहा है। इससे पहले 20 जुलाई साल 2018 में भी विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ प्रस्ताव ला चुका है। उस समय यह प्रस्ताव 325 और 126 के साथ गिर गया था। यानी प्रस्ताव के खिलाफ 325 वोट पड़े थे जबकि पक्ष में 126 सांसदों ने वोट किया था। कुछ इस बार भी ऐसा ही होने वाला है क्योंकि बीजेपी के पास अकेले 301 सांसद हैं जबकि एनडीए को मिलाकर 333 सांसदों की संख्या है। विपक्ष एकता यानी इंडिया के पास 142 सांसदों की टोली है। विपक्ष का कहना है कि भले ही सदन में हम जीत न पाए लेकिन मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी जब तक नहीं बोलेंगे, वो भी खामोश रहेंगे।

Created On :   26 July 2023 7:04 PM IST

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