BPSC Protest: प्रशांत किशोर को प्रशासन का नोटिस, धरना प्रदर्शन खत्म करने का दिया निर्देश, PK ने साधा सीएम नीतीश पर निशाना
- बीपीएससी छात्रों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर
- पटना जिला प्रशासन ने पीके को दिया धरना खत्म करने का नोटिस
- न मानने पर दी कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी
डिजिटल डेस्क, पटना। बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जनसुराज पार्टी चीफ प्रशांत किशोर को पटना जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया है। जिसमें उन्हें गांधी मैदान खाली करने का निर्देश दिया है और ऐसा न करने पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी चेतावनी दी है। इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रशासन द्वारा जारी किए गए नोटिस पर जवाब दे दिया गया है।
गांधी मैदान में बैठने पर कोई प्रतिबंध नहीं
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हमें जो नोटिस प्रशासन ने दिया था, उसका पहले ही जवाब दे दिया है। गांधी मैदान में सार्वजनिक स्थान पर बैठने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हम हीरो बनने के लिए नहीं बैठे हैं, बल्कि हमें जो अधिकार है, उसी का उपयोग कर रहे हैं। बिहार के हर नागरिक को यहां बैठने का अधिकार है। हम तब तक यहां बैठेंगे, जब तक हमारी मुख्य मांगें पूरी नहीं होतीं। हमारी सबसे बड़ी मांग यह है कि बिहार के युवाओं के साथ पिछले दस सालों से जो अन्याय हो रहा है, उस पर सरकार को जागना चाहिए।"
'किस दोषी अधिकारी को सजा मिली'
उन्होंने आगे कहा, "नीतीश कुमार ने 10 साल पहले बिहार के गांव-गांव जाकर बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ते का वादा किया था, लेकिन आज तक किसी को एक रुपया भी नहीं मिला। पिछले चार-पांच सालों में हर परीक्षा में पेपर लीक होते रहे हैं, अनियमितताएं होती रही हैं। जब बच्चे आवाज उठाते हैं तो उन पर लाठीचार्ज किया जाता है। धरना-प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, न ही शिक्षा माफिया या किसी जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कोई कदम उठाया गया है। हमारी मांग है कि बताएं कि किस पेपर लीक में किस पर कार्रवाई हुई? किस दोषी अधिकारी को सजा मिली?"
'बिहार में लागू हो डोमिसाइल नीति'
उन्होंने कहा, "हमारी एक और महत्वपूर्ण मांग है कि बिहार में डोमिसाइल नीति लागू की जाए, ताकि बिहार के बच्चों को सरकारी नौकरी मिल सके। आज बिहार के आधे से ज्यादा सरकारी पदों पर बाहरी राज्यों के लोग आकर बैठ जाते हैं। तीसरी मांग यह है कि जो लोकतंत्र को लाठी तंत्र बना दिया गया है, उसका विरोध किया जाए। अगर कोई भी व्यक्ति धरना-प्रदर्शन करने आता है, तो प्रशासन उसे लाठी के दम पर क्यों हटा देता है? पिछले तीन सालों में नीतीश कुमार ने 87 से ज्यादा शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शनों पर लाठी चलवाई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, बच्चियों, छात्रों और शिक्षकों पर लाठीचार्ज करवाया गया। लोकतंत्र की बात की जाती है, लेकिन असल में लाठी तंत्र से काम चलाया जा रहा है।"
क्या कहा था प्रशासन ने?
पटना जिला प्रशासन ने कहा, ''सूचना के मुताबिक जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर की ओर से अपने लगभग 150 कार्यकर्ताओं के साथ गांधी मैदान, पटना स्थित गांधी मूर्ति के समीप 5 सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया जा रहा है। जिला प्रशासन पटना द्वारा पटना हाई कोर्ट के आदेशानुसार धरना-प्रदर्शन के लिए गर्दनीबाग में स्थल चिन्हित किया गया है।''
प्रशासन ने ये भी कहा, ''पिछले 7 वर्षों से सभी राजनैतिक दल अपनी मांगों को लेकर उसी चिन्हित स्थल पर धरना-प्रदर्शन आयोजित करते हैं। बिना अनुमति के प्रतिबंधित और अनधिकृत स्थल पर धरना देना गैर-क़ानूनी और स्थापित परंपरा के विपरीत है।''
Created On :   3 Jan 2025 2:05 AM IST