भास्कर एक्सक्लूसिव: पहले चरण की 6 में से 2 सीटों पर हो सकता है बीजेपी को नुकसान, कांग्रेस को हो सकता है एक सीट का फायदा, समझिए चुनावी समीकरण
- 19 अप्रैल को हुआ लोकसभा चुनाव का पहला चरण
- मध्यप्रदेश की 6 लोकसभा सीटों पर हुआ चुनाव
- मौजूदा 2 सीटों पर हार सकती है भाजपा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। पहले चरण में मध्यप्रदेश की छह लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ है। इन छह सीटों में से सिर्फ एक सीट कांग्रेस के पास है और बची खुची सीटों पर बीजेपी काबिज है। अपनी पुरानी बड़ी जीत को देखते हुए बीजेपी ने इस बार चार सौ पार का लक्ष्य रखा है और एमपी की सारी सीटें जीतने की कोशिश है। लेकिन पहले चरण में ही बीजेपी को नुकसान होता नजर आ रहा है। चुनावी अटकलें हैं कि बीजेपी के हाथ छिंदवाड़ा तो आने से रहा, मंडला भी हाथ से निकलने की संभावनाएं ज्यादा हैं। बता दें कि पहले चरण में मध्यप्रदेश समेत 21 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान हुआ। मध्यप्रदेश में पहले चरण के तहत 6 लोकसभा सीटें ( छिंदवाड़ा, मंडला, सीधी, बालाघाट, शहडोल और जबलपुर) पर मतदान हुआ। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि कांग्रेस 1 सीट को ही जीतने में सफल रही थी। राज्य में पहले चरण की इन 6 सीटों में से भाजपा के पास 5 और कांग्रेस के पास एक, छिंदवाड़ा सीट हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य की कुल 29 लोकसभा में से 28 सीटें जीतने वाली भाजपा की नजरें इस बार कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा पर टिकी हुई है। इस सीट पर सेंध लगाने और राज्य की कुल 29 सीटों का आकड़ा छूने के लिए भाजपा ने हर संभव प्रयास किए। इसके बावजूद क्यों छिंदवाड़ा बीजेपी की पहुंच से दूर नजर आ रहा है और मंडला में बीजेपी की जीत क्यों मुश्किल लग रही है, वो इन चुनावी समीकरणों से समझिए।
छिंदवाड़ा सीट पर मजबूत कांग्रेस
मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट 44 साल से कमलनाथ और उनके परिवार का अभेद किला रही है। 2019 में मोदी की आंधी के बीच भी कांग्रेस अपना ये गढ़ बचाने में कामयाब रही थी। हाल ही में कमलनाथ और छिंदवाड़ा से उनके सांसद बेटे नकुलनाथ की भाजपा ज्वाइन करने की खबरें काफी दिनों तक सुर्खियों में बनी हुई थी। इसके बाद भाजपा को लगने लगा था कि राज्य की छिंदवाड़ा सहित राज्य की पूरी 29 लोकसभा सीट उसके पाले में आ जाएंगी। हालांकि, कमलनाथ तो भाजपा में नहीं जा सके, मगर उनके कई करीबी नेताओं ने लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले भाजपा का दामन थाम लिया था। जिस वजह से कमलनाथ और उनके परिवार को अकेले ही चुनाव प्रचार का मोर्चा संभालना पड़ा। इस बार छिंदवाड़ा सीट पर बीजेपी ने कमलनाथ से दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके विवेक बंटी साहू को कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ के सामने उतारा है।
मंडला सीट पर बीजेपी को हार का खतरा
मध्यप्रदेश में पहले चरण की हाईप्रोफाइल सीटों की लिस्ट में से मंडला लोकसभा सीट भी काफी अहम है। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते और कांग्रेस प्रत्याशी ओमकार सिंह मरकाम की सीधी टक्कर हो रही है। इस सीट पर एससीएसटी , राम मंदिर और मोदी की गारंटी चुनाव के परिणामों पर प्रभाव डाल सकती है। भाजपा साल 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणाम को रिपीट कराने की जिद्दोजहद में जुटी है। कांग्रेस साल 2023 में मंडला विधानसभा की 8 सीटों में से 5 सीट को जीतने के बाद कॉन्फिडेंट दिखाई दे रही है। इस लिहाज से मंडला में दो फेक्टर हैं जो कांग्रेस के फेवर में जा सकते हैं। पहला तो ये कि मंडला जिले की ज्यादा विधानसभा पर उसकी जीत और दूसरा एक हारे हुए प्रत्याशी पर बीजेपी का दांव लगाना। बीजेपी ने फग्गन सिंह कुलस्ते को ही यहां से मैदान में उतारा है। जबकि वो विधानसभा चुनाव हार गए थे। अब आदिवासी मतदाता ही यहां ये तय करेंगे कि वो बीजेपी के हारे हुए चेहरे को चुनते हैं या कांग्रेस के फेस का चुनाव करते हैं।
Created On :   19 April 2024 6:20 PM IST