अब फाइनल की बारी: सत्ता का सेमीफाइनल जीतने के बाद बीजेपी के लिए आसान हुई जीत की राह, क्या पुराने सिलेबस पर ही देशभर में जीत मिलना होगा आसान?
- तीन राज्यों में मिली जीत को लोकसभा में भुनाना चाहेगी बीजेपी
- लोकसभा की तैयारी में जुटी बीजेपी
- लोकसभा में जीत की हैट्रिक पर बीजेपी की नजर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले हिंदी भाषी बेल्ट वाले राज्यों में बीजेपी ने जीत का परचम लहरा दिया है। साथ ही, पार्टी ने सेमीफाइनल मुकाबले में 3-1 से भी बढ़त बना ली है। पार्टी मध्यप्रदेश में 163, राजस्थान में 115 और छत्तीसगढ़ में 54 सीटों पर जीत हासिल करके इन सभी राज्यों में सरकार बनाने जा रही है। वहीं, तेलगाना में कांग्रेस ने 64 सीटों पर जीत हासिल करके सरकार बनाने जा रही है।
छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जहां कांग्रेस अपनी सरकार को रिपीट करने की कोशिश में लगी हुई थी तो वहीं मध्य प्रदेश में पार्टी एंटी इनकंबेंसी के फिराक में सत्ता की चाबी लेने में लगी हुई थी। हालांकि, रविवार को चुनावी नतीजे इसके बिल्कुल उलट आए और बीजेपी ने इन तीनों राज्यों में कांग्रेस को क्लीन स्वीप कर दिया। चुनाव परिणाम से सभी राजनीतिक जानकार भी हैरान हो गए। चुनाव से पहले जहां राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को कमजोर बताया जा रहा था। लेकिन नतीजे बेहद ही चौंकाने वाले आए। बीजेपी की इस जीत के बाद अटकलों का भी बाजार गर्म हो गया है। हालांकि, सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या बीजेपी सेमीफाइनल में इस बड़ी जीत के बाद उसके लिए लोकसभा के रास्ते आसान हो गए हैं।
बीजेपी लोकसभा चुनाव में हैट्रिक की फिराक में
मध्यप्रदेश में 29, राजस्थान में 25, छत्तीसगढ़ में 11, तेलंगाना में 17 और मिजोरम में एक लोकसभा सीट हैं। इन सभी राज्यों के लोकसभा की कुल 83 सीटें आती हैं। ऐसे में पार्टी को यहां पर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए अभी से ही जी तोड़ मेहनत करना होगा। तभी जाकर बीजेपी के लिए लोकसभा की राह आसान हो पाएगी। 2003 के बाद भारतीय लोकतंत्र में यह देखा गया है कि विधानसभा और लोकसभा में एक जैसे पैटर्न पर चुनाव नहीं होते हैं। पिछले चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के अलावा कर्नाटक में भी अपनी सरकार बना ली थी। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई थी।
बीजेपी पार्षद से लेकर लोकसभा चुनाव में पूरी मेहनत करती है। वह किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेती है। खास बात यह है कि छोटे चुनाव से लेकर बड़े चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा का साथ मिलता है। जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं का भी हौसला बुलंद हो जाता है। पार्टी के आलाकमान की कोशिश है कि वे इस जीत को लोकसभा चुनाव में भी बरकरार रखें।
पीएम मोदी के नेतृत्व में पार्टी एक बार फिर चुनाव लड़ने जा रही है। नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही बीजेपी एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान का किला भेदने में सफल हो पाई है। बीजेपी की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव में भी वह इसे बरकरार रखें।
Created On :   5 Dec 2023 2:06 PM GMT