म्यांमार के 151 सैनिक भागकर मिजोरम आए
आइजोल, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। सशस्त्र लोकतंत्र समर्थक जातीय समूहों द्वारा सैन्य शिविरों पर कब्जा किए जाने के बाद म्यांमार के और कम से कम 151 सैनिक भागकर मिजोरम आ गए। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के अनुसार, म्यांमार सेना के जवान, जिन्हें 'टाटमाडॉ' के नाम से भी जाना जाता है, अपने हथियार और गोला-बारूद के साथ मिजोरम के लॉन्ग्टलाई जिले में भाग गए और शुक्रवार शाम को असम राइफल्स से संपर्क किया, जब भारत-म्यांमार सीमा के पास उनके शिविरों पर अराकान सेना के लड़ाकों ने कब्जा कर लिया था।
बंदूक की लड़ाई में म्यांमार के कुछ सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए और असम राइफल्स द्वारा उन्हें बुनियादी चिकित्सा उपचार प्रदान किया गया।
ये सैनिक अब म्यांमार सीमा के पास लॉन्ग्टलाई जिले के पर्व में असम राइफल्स की सुरक्षित हिरासत में हैं।
पिछले कुछ दिनों के दौरान भारतीय सीमा के करीब के इलाकों में म्यांमार सेना और सशस्त्र लड़ाकों के बीच तीव्र गोलीबारी फिर से शुरू हो गई है, जिससे सैनिकों की ताजा आमद हुई है।
पिछले अवसरों की तरह भारतीय अधिकारी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मणिपुर में मोरेह सीमा के रास्ते म्यांमार के सैनिकों को उनके देश वापस भेज देंगे।
नवंबर में सीमा के पास उनके शिविरों पर लोकतंत्र समर्थक सशस्त्र समूहों द्वारा कब्जा कर लिए जाने के बाद विभिन्न चरणों में अधिकारियों सहित कुल 104 म्यांमार सैनिक भागकर मिजोरम आ गए।
चिन नेशनल ऑर्गनाइजेशन (सीएनओ) की सशस्त्र शाखा चिन नेशनल डिफेंस फोर्स (सीएनडीएफ) द्वारा चिन राज्य में उनके शिविरों पर कब्जा करने के बाद 13 नवंबर से म्यांमार के सैनिक अलग-अलग चरणों में भारतीय क्षेत्र में भाग गए।
उन्हें भारतीय वायुसेना द्वारा मणिपुर के मोरेह में हवाई मार्ग से ले जाया गया, जहां से वे म्यांमार के निकटतम सीमावर्ती शहर तमू में वापस आ गए।
सैनिकों के अलावा, म्यांमार के तातमाडॉ (सैन्य) और सीएनडीएफ कैडरों के बीच गोलीबारी के बाद पिछले महीने से महिलाओं और बच्चों सहित कई हजार से अधिक म्यांमारियों ने मिजोरम के चम्फाई और अन्य जिलों में शरण ली है।
जिला प्रशासन ने शरणार्थियों को भोजन और राहत सामग्री उपलब्ध कराई है। उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराई गई है।
म्यांमार से पहली आमद फरवरी 2021 में हुई जब सैन्य शासन ने वहां सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया।
तब से, महिलाओं और बच्चों सहित 32,000 से अधिक लोगों ने म्यांमार से पूर्वोत्तर राज्य में शरण ली है।
मिजोरम के छह जिले - चम्फाई, सियाहा, लॉन्गत्लाई, सेरछिप, हनाथियाल और सैतुअल - म्यांमार के चिन राज्य के साथ 510 किमी लंबी बिना बाड़ वाली सीमा साझा करते हैं।
16 दिसंबर को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि मौजूदा अशांति के कारण हाल के दिनों में म्यांमार के लगभग 6,000 लोगों ने उनके राज्य में शरण ली है।
--आईएएनएस
एसजीके
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Created On :   31 Dec 2023 5:39 PM IST