श्रीनगर से वापस भेजे जाने के बाद बोले राहुल- घाटी में हालात सामान्य नहीं
- कश्मीर प्रशासन ने डेलिगेशन को श्रीनगर एयरपोर्ट से ही वापस दिल्ली भेज दिया था
- राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को श्रीनगर पहुंचा था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर का दौरा करने की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, इससे संकेत मिलता है कि घाटी में हालात सामान्य नहीं हैं। राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के 12 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को श्रीनगर एयरपोर्ट पर उतरते ही रोक लिया गया था। उन्हें दूसरी ही फ्लाइट से वापस भेज दिया गया। दूसरी उड़ान से दिल्ली भेजे जाने तक एयरपोर्ट पर ही उन्हें इंतजार करना पड़ा। वे शाम 6.45 बजे वापस दिल्ली पहुंचे।
श्रीनगर से दिल्ली पहुंचने पर राहुल गांधी ने मीडिया को बताया कि कुछ दिनों पहले राज्यपाल ने उनको जम्मू-कश्मीर आने के लिए आमंत्रित किया था और उन्होंने उनके आमंत्रण को स्वीकार किया था। उन्होंने कहा, हम लोगों का हालचाल लेना चाहते थे लेकिन हमें हवाईअड्डे से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई। कांग्रेस नेता ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, हमारे साथ जो प्रेस के लोग थे, उनके साथ बदसलूकी की गई और उनको पीटा गया। इससे जाहिर है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं।
The govt is saying everything is okay here everything is normal. If everything is normal why are we not allowed out?: Shri @RahulGandhi
— Congress (@INCIndia) August 24, 2019
Was it not Governor Satya Pal Malik that invited Mr. Gandhi to come to JK and assess the situation for himself? #RahulGandhiWithJnK pic.twitter.com/jneIkpOJve
कांग्रेस नेताओं के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल घाटी का दौरा कर हालात का जायजा लेना चाहता था। घाटी में पांच अगस्त से ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पांच अगस्त को ही सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की घोषणा की थी।
विपक्षी नेताओं को जब रोका गया तो राहुल गांधी ने श्रीनगर प्रशासन से कहा कि सरकार ने उनको राज्य का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा, जब हम यहां आए हैं तो आप कह रहे हैं कि मुझे अनुमति नहीं है। यह हैरानी की बात है। राहुल ने कहा, सरकार कह रही है कि यहां सब कुछ सामान्य है। अगर ऐसा है तो यह काफी हैरानी की बात है कि हमें एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। कांग्रेस नेता ने कहा, हम ऐसे किसी इलाके में जाना चाहते हैं जहां शांति है और पांच से 10 लोगों से बात करना चाहते हैं। अगर धारा 144 लागू है तो मैं समूह में न जाकर अलग-अलग व्यक्तिगत रूप से जाना चाहते हैं।
The delegation of Opposition leaders detained at Srinagar Airport. #RahulGandhiWithJnK pic.twitter.com/16SZUz0meO
— Congress (@INCIndia) August 24, 2019
बता दें कि, विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता डी. राजा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और के.सी. वेणुगोपाल, लोकक्रांति जनता दल (लोजद) प्रमुख शरद यादव, तृणमूल कांग्रेस नेता दिनेश त्रिवेदी, द्रमुक के त्रिचि शिवा, राकांपा नेता मजीद मेमन, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मनोज झा और जनता दल (सेकुलर) के डी.कुपेंद्रा रेड्डी शामिल थे।
घाटी में पांच अगस्त से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने और जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद से सुरक्षा कारणों से लॉकडाउन है। जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को विपक्ष के नेताओं को सलाह दी थी कि वे यहां दौरे पर न आएं और राज्य में किए जा रहे शांति प्रयासों को बिगाड़ने का प्रयत्न न करें।
श्रीनगर जाने से पहले भाकपा नेता डी. राजा ने कहा था कि वह घाटी का दौरा कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने के मकसद से नहीं कर रहे हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह जिम्मेदार पार्टी के नेता हैं और वह वहां किसी प्रकार का कानून तोड़ने नहीं जा रहे हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा , सरकार कहती है कि जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति सामान्य है, लेकिन वह नेताओं को जाने की इजाजत नहीं देती है? ऐसा विरोधाभास कहीं नहीं देखा। यदि हालात सामान्य हैं, तो हमें वहां जाने से क्यों रोका जा रहा है?
इससे पहले राहुल गांधी और जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बीच ट्विटर वार हो गया था। राज्यपाल ने कहा था कि राहुल फर्जी खबरों पर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं और स्थिति का राजनीतिकरण करने का प्रयास कर रहे हैं। राज्यपाल ने 12 अगस्त को राहुल गांधी को कहा था कि वह उनके लिए एक विमान भेजेंगे, ताकि वह खुद अपनी आंखों से देखें कि जमीनी हकीकत क्या है। इसके जवाब में राहुल ने कहा था कि उन्हें विमान नहीं चाहिए, सिर्फ यात्रा करने और लोगों से मिलने की अनुमति चाहिए।
Created On :   25 Aug 2019 8:43 AM IST