MP: भार्गव का कांग्रेस को फ्लोर टेस्ट का चैलेंज, कमलनाथ बोले- नो प्रॉब्लम
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा का सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट कराने की बीजेपी की मांग पर सहमति जताई है। कमलनाथ ने कहा कि "भाजपा के लोग पहले ही दिन से सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले पांच महीनों में हम चार बार बहुमत साबित कर चुके हैं। वे लोग इसे फिर से कराना चाहते हैं, हमें कोई समस्या नहीं है। खुद को बचाने के लिए वे लोग वर्तमान सरकार को परेशान करने की पूरी कोशिश करेंगे। फ्लोर टेस्ट के लिए सरकार तैयार है।"
इससे पहले लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर तमाम एग्जिट पोल के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग की थी। गोपाल भार्गव ने कहा था प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटों में से बीजेपी को 26-27 सीटें मिलने की संभावना है। इससे साबित होता है कि कांग्रेस के पास विश्वास नहीं बचा। ये जनमत राज्य सरकार के खिलाफ आया है और इसलिए सरकार को जल्द विधानसभा का सत्र बुलाकर सदन में विश्वास साबित करना चाहिए।
भार्गव ने कहा था, विधानसभा सत्र में सत्ताधारी दल की शक्ति का भी परीक्षण हो जाएगा। कांग्रेस के पास दूसरों के सहयोग से बहुमत है, भाजपा चाहती तो वह भी जोड़-तोड़ करके सरकार बना सकती थी, मगर भाजपा ने ऐसा नहीं किया। बता दें कि मध्यप्रदेश में पिछले साल नवंबर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी हुई है। वर्तमान में 230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास 114 और भाजपा के पास 109 सीटें हैं।
गोपाल भार्गव के इस बयान के बाद मध्य प्रदेश में मंत्री गोविन्द सिंह ने कहा था, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव शेख चिल्ली के सपने देखने बंद कर दे। मध्य प्रदेश में कमलनाथ जी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ही रहेगी। वहीं मंत्री जीतू पटवारी ने ट्विट करते हुए कहा था, मप्र सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग रहे है गोपाल भार्गव जी को विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है। अब भार्गव जी को मंत्री रहते हुए पंचायती विकास मंत्रालय में किए गए की जांच का डर सता रहा है। यह कमलनाथ जी की सरकार है, जहां भाजपा की सोच खत्म होती है, वहां से कमलनाथ जी की सोच शुरू होती है। जीतू पटवारी ने कहा, भार्गव जी, आप कितने भी फ्लोर टेस्ट करवा लो आप आपके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से बच नहीं सकते।
मप्र सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग रहे है गोपाल भार्गव जी को विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव में मुँह की खानी पड़ी है..।
— Jitu Patwari (@jitupatwari) May 20, 2019
- अब भार्गव जी को मंत्री रहते हुए पंचायती विकास मंत्रालय में किए गए "कारनामों की जांच" का डर सता रहा है..।
कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने ट्वीट करते हुए दावा किया था कि बीजेपी के कुछ विधायक उनके संपर्क में हैं। सलूजा ने कहा, गोपाल भार्गव जी, अभी 23 मई का इंतज़ार करिये। उसके बाद आपकी पार्टी के ही विधायक, नेता, प्रत्याशी आपके ख़िलाफ़ विरोध का बिगुल बजाने वाले हैं। आपके पद पर ही संकट आने वाला है। अपने विधायकों को भी संभाल कर रखिये 109 में से कई संपर्क में हैं।
गोपाल भार्गव जी, अभी 23 मई का इंतज़ार करिये।
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) May 20, 2019
उसके बाद आपकी पार्टी के ही विधायक, नेता , प्रत्याशी आपके ख़िलाफ़ विरोध का बिगुल बजाने वाले है।
आपके पद पर ही संकट आने वाला है।
अपने विधायकों को भी संभाल कर रखिये 109 में से कई .....संपर्क में है।
गोपाल भार्गव के बयान से पहले मायावती भी कमलनाथ सरकार को समर्थन वापस लेने की चेतावनी दे चुकी हैं। मायावती ने एक प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाते हुए कहा था कि हाल ही में मध्य प्रदेश के गुना संसदीय क्षेत्र से बसपा के प्रत्याशी को कांग्रेस ने डरा धमकाकर और खरीद फरोख्त के जरिए अपने पक्ष में किया है, जो एक बड़ा धोखा है। कांग्रेस के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा था कि भविष्य में उनकी पार्टी मध्य प्रदेश या कहीं भी कांग्रेस और भाजपा के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी। मायावती ने कांग्रेस सरकार को चेतावनी दी कि वह सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर बसपा में तोड़फोड़ का काम न करे, नहीं तो उसे भविष्य में काफी महंगा पड़ेगा और वह इन करतूतों का ब्याज सहित बदला लेंगी। उन्होंने कहा कि ऐसा ही काम करने के लिये हमने केंद्र की पूर्व अटल बिहारी सरकार को गिरा दिया था।
सिर्फ 22 दिन की कमलनाथ सरकार !
बीजेपी महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की 22 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद मुझे इस बात में भी संशय लगता है कि उनकी सरकार 22 दिन भी रहती है या नहीं।
बीजेपी के संपर्क में कांग्रेस के विधायक
लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की विदिशा में हुई रैली में उमा भारती के निशाने पर राज्य की कमलनाथ सरकार भी रही थी। उमा ने कहा था कि प्रदेश सरकार को बीजेपी नहीं बल्कि खुद कांग्रेस के लोग ही गिरा देंगे। कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं।
अपने बोझ से गिर सकती है सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संकेतों में इशारा किया था कि बीजेपी का ऐसा कोई इरादा नहीं है कि वह कमलनाथ सरकार को गिराए। हालांकि, बीजेपी की चंद सीटें ही कम थीं लेकिन सोच समझकर ही पार्टी ने तय किया कि वह राज्य में सरकार नहीं बनाएगी। उनकी सहयोगी मायावती भी नाराज हैं। ऐसे में अगर यह सरकार अपने बोझ से गिरती है तो उसमें बीजेपी कुछ नहीं कर सकती।
Created On :   20 May 2019 2:14 PM IST