Budget 2025: 12 लाख की कमाई पर अब बिल्कुल नहीं देना होगा टैक्स, नए टैक्स रिजीम में हुआ टैक्स कट को लेकर बड़ा बदलाव, जानें पूरा टैक्स स्लैब

12 लाख की कमाई पर अब बिल्कुल नहीं देना होगा टैक्स, नए टैक्स रिजीम में हुआ टैक्स कट को लेकर बड़ा बदलाव, जानें पूरा टैक्स स्लैब
  • इनकम टैक्स को लेकर निर्मला सीतारमण की बड़ी घोषणा
  • बदलेगा टैक्स दर
  • 12 लाख की आय पर नहीं देना होगा टैक्स

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इनकम टैक्स को लेकर वित्त मंत्री सीतारमण ने बड़ी घोषणा की है। बता दें, 12 लाख रुपए तक की आय पर अब किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं लगेगा। भारत में इनकम टैक्स की दरें समय के साथ बदलती आई हैं। जो कि आर्थिक विकास और जनसंख्या की आवश्यकता के मुताबिक होती हैं। इन दरों में बढ़ोतरी और गिरावट का सीधा प्रभाव आम आदमी पर पड़ता है। जिससे ये पक्का करना बहुत ही जरूरी है कि टैक्स प्रणालियां सभी वर्गों के लिए सामान्य हो। ऐसे में चलिए जानते हैं कि कब और कितना टैक्स दर में बदलाव देखने को मिला है।

अब कितना देना होगा टैक्स?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि, अब 12 लाख की सालान कमाई पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होगा। ये बदलाव न्यू टैक्स रिजीम के तहत हुई है। इससे पहले ही 7 लाख रुपए की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होता था। स्टैंडर्ड डिस्कशन को 75 हजार रुपए ही रखा गया है। बता दें, अब 24 लाख की आय पर 30 प्रतिशत तक का टैक्स लगेगा। 75 हजार रुपए तक के स्टैंडर्ड डिस्कशन की छूट मिलेगी। 15 से 20 लाख रुपए की आय पर 20 प्रतिशत तक का टैक्स देना होगा और 8 से 12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत तक का टैक्स देना होगा।

बदलने के बाद कैसा रहा टैक्स स्लैब?

0-4 लाख तक शून्य टैक्स होगा

4-8 लाख रुपए की आय पर 5 प्रतिशत तक का टैक्स

8-12 लाख रुपए की आय पर 10 प्रतिशत तक का टैक्स

12-16 लाख रुपए की आय पर 15 प्रतिशत तक का टैक्स

16-20 लाख रुपए की आय पर 20 प्रतिशत तक का टैक्स

20-25 लाख रुपए की आय पर 25 प्रतिशत तक का टैक्स

पुराने टैक्स स्लैब में नहीं है कोई बदलाव

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ओल्ड टैक्स स्लैब में ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिला है। ओल्ड टैक्स स्लैब में पहले की तरह ही 5 लाख रुपए की आय पर कोई टैक्स नहीं देने की आवश्यकता है। वहीं, 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिस्कशन भी है।

क्या है पुरानी टैक्स रिजीम टैक्स स्लैब?

0 से 2.5 लाख रुपये तक की आय पर शून्य टैक्स

2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5प्रतिशत तक का टैक्स

05 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत तक का टैक्स

10 लाख से ज्यादा की आय पर 30 प्रतिशत तक का टैक्स

कब और कितना टैक्स दर बदला?

1997-98 में पहला बड़ा बदलाव

साल 1997 में, तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आयकर की दरों में महत्वपूर्ण बदलाव किए थे। उस साल 5 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 40% का कर लगाया गया था, जो उस समय का सबसे उच्चतम स्तर था।

2009-10 में अधिभार का समावेश

वित्त वर्ष 2009-10 में, सरकार ने व्यक्तिगत आयकर पर अधिभार को समाप्त कर दिया था। हालांकि, इसके बाद 2010-11 में, 10 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 10% का अधिभार लागू किया गया था।

2014-15 में नई कर व्यवस्था

साल 2014 में, नरेंद्र मोदी सरकार ने नई कर व्यवस्था पेश की थी। उस वर्ष, आयकर स्लैब में कुछ बदलाव किए गए थे। 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं था, लेकिन 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर 10% और 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20% कर लगाया गया था।

2018-19 में स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर

साल 2018 में, सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर को बढ़ाकर 4% कर दिया था। इसने उच्च आय वर्ग पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाला था। इसके अलावा, इस वर्ष से नए टैक्स स्लैब भी लागू किए गए थे।

2020-21 में कोविड-19 के प्रभाव

कोविड-19 महामारी के दौरान, सरकार ने राहत उपायों के तहत कुछ करों को स्थगित किया, लेकिन इसके बावजूद, उच्च आय वर्ग के लिए टैक्स दरें स्थिर रही थीं।

2021-22 में स्थिरता का प्रयास

इस वर्ष में भी सरकार ने टैक्स दरों को स्थिर रखा था। हालांकि, कुछ विशेष प्रावधानों के तहत उच्च आय वर्ग के लिए टैक्स दरें बढ़ाई गई थीं।

2024-25 वर्तमान स्थिति

इस समय न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं लगता। 3 से 7 लाख तक की इनकम पर अभी 5 फीसदी टैक्स लगता है। 7 से 10 लाख रुपये तक की इनकम पर 10 फीसदी टैक्स देना होता है। 10 से 12 लाख रुपये तक की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स लगता है।

Created On :   1 Feb 2025 12:41 PM IST

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