पड़ोसी मुल्क और तनातनी: भारत-पाकिस्तान के बीच कब कब हुए युद्ध, हर बार घुटने पर बैठा पाक

- आजादी के बाद से भारत-पाकिस्तान संघर्ष की कहानी
- पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब आलोचना
- कब तक आतंकी करतूतों को अंजाम देता रहेगा पाकिस्तान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जब से पाकिस्तान बना है तब से लेकर अब तक पाक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हर दिन वह सीमावर्ती इलाकों में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता रहता है। पाकिस्तान की इन करतूतों से भारत के साथ साथ पूरी दुनिया परिचित है। हाल ही में पाकिस्तान के आतंकियों ने पहलगाम में हमलाकर अपनी घिनौनी करतूतों को एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर किया है। पाक की इन नापाक हरकतों से आज दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच युद्ध जैसी नौबत आ गई है। मानों ऐसा लग रहा है जैसा बारूद हथियार जंग की दहलीज पर तैयार है। आज हम आपको बताएंगे कब भारत और पाक के बीच युद्ध हुए।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष की कहानी
1947 में ब्रिटिश से आजादी मिलने के साथ ही भारत के विभाजन से भारत और पाकिस्तान एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आए। प्रभुत्व होने के बाद भी दोनों देशों कई बार युद्धों, संघर्षों और सैन्य गतिरोधों का सामना कर चुके है।पाकिस्तान सीमा पार से सीमावर्ती इलाकों में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता रहता है। दोनों राज्यों के बीच संघर्ष का प्रमुख कारण सीमा विवाद माना जाता है। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के अपवाद के साथ , जो तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश ) में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध से भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुई शत्रुता आज भी जिंदा है। पाकिस्तान बांग्लादेश की आजादी को लेकर आज भी भारत से बैर मानता है।
1947-1948 का भारत-पाकिस्तान युद्ध
आजादी मिलते ही अक्टूबर 1947 से दोनों देशों के बीच तनाव,दुश्मनी और युद्ध की शुरुआत हुई। पहले युद्ध को प्रथम कश्मीर युद्ध के नाम से जाना जाता है। पाकिस्तान को डर था कि कश्मीर और जम्मू रियासत के महाराजा भारत में विलय हो जाएंगे। हालांकि आपको बता दें ब्रिटिश हुकुमत ने रियासतों को स्वतंत्र रूप से यह चुनने के लिए छोड़ दिया गया था कि वे भारत या पाकिस्तान में किसी में भी शामिल हो सकते है।
रियासतों में सबसे बड़ी जम्मू और कश्मीर में बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी और महत्वपूर्ण अनुपात में हिंदू आबादी थी, इन सभी पर हिंदू महाराजा हरि सिंह का शासन था । पाकिस्तान की सेना के समर्थन से कबायली इस्लामी ताकतों ने रियासत के कुछ हिस्सों पर आक्रमण किया और कब्जा कर लिया। महाराजा हरि सिंह ने तुरंत भारतीय सेना से सहयोग मांगा। भारतीय सेना के सहयोग से हरि सिंह ने अपनी रियासत को भारत में विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों के बीच जांरी जंग के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 22 अप्रैल 1948 को प्रस्ताव 47 पारित किया। 1 जनवरी 1949 की रात 23:59 बजे औपचारिक युद्ध विराम की घोषणा की गई।
भारत ने राज्य के लगभग दो-तिहाई हिस्से ( कश्मीर घाटी , जम्मू और लद्दाख ) पर नियंत्रण किया ,जबकि पाकिस्तान ने कश्मीर के लगभग एक तिहाई हिस्से ( आज़ाद कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान ) पर कब्ज़ा किया। पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्रों को पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर कहा जाता है।
1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध
यह युद्ध पाकिस्तान के ऑपरेशन जिब्राल्टर के बाद शुरू हुआ था, जिसे भारत के शासन के खिलाफ विद्रोह को तेज करने के लिए जम्मू और कश्मीर में सेना घुसपैठ कराने के लिए तैयार किया गया था। भारत ने पश्चिमी पाकिस्तान पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमला करके पाकिस्तान को मुहंतोड़ जवाब दिया। सत्रह दिनों तक चले इस युद्ध में दोनों पक्षों के हजारों लोग हताहत हुए और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से बख्तरबंद वाहनों की सबसे बड़ी मुठभेड़ और सबसे बड़ा टैंक युद्ध हुआ।
सोवियत संघ और अमेरिका के कूटनीतिक हस्तक्षेप और उसके बाद ताशकंद घोषणा जारी होने के बाद युद्ध विराम की घोषणा के बाद दोनों देशों के बीच शत्रुता समाप्त हो गई। युद्ध विराम की घोषणा के समय भारत का पाकिस्तान पर पलड़ा भारी था।
1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध या बांग्लादेश मुक्ति युद्ध
पाकिस्तान पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए. ए. के. नियाज़ी ने 16 दिसंबर 1971 को भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा की मौजूदगी में ढाका में आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर साइन किए । पाकिस्तान की पीएनएस गाजी , पाकिस्तानी पनडुब्बी जो 1971 के भारत-पाकिस्तान वार के दौरान रहस्यमय परिस्थितियों में विशाखापत्तनम तट पर डूब गई थी। आपको बता दें भारत पाक का ये युद्ध इसलिए खास माना जाता है क्योंकि यह दोनों देशों के बीच ऐसा युद्ध था जो जम्मू कश्मीर को लेकर नहीं था। समें कश्मीर का मुद्दा शामिल नहीं था, बल्कि यह पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश ) में पूर्वी पाकिस्तान के नेता शेख मुजीबुर रहमान और पश्चिमी पाकिस्तान के नेताओं याह्या खान और जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच चल रहे राजनीतिक युद्ध से पैदा हुए संकट के कारण हुआ था। इस युद्ध के बाद बांग्लादेश स्वतंत्र हुआ। ऑपरेशन सर्चलाइट इसका प्रमुख हिस्सा था।
इस युद्ध के बाद पाकिस्तान ने भारत की पश्चिमी सीमा पर कई स्थानों पर हमले किए। लेकिन भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक अपनी स्थिति कायम रखी। भारतीय सेना समय समय पर पश्चिम में पाकिस्तानी सेना की हरकतों का जवाब देती रही।
भारत ने लगभग 15,010 वर्ग किलोमीटर (5,795 वर्ग मील) पाकिस्तानी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। जिनमें पाकिस्तानी कश्मीर, पाकिस्तानी पंजाब और सिंध क्षेत्र शामिल थे। लेकिन भारत द्वारा प्राप्त की गई भूमि को सद्भावना के संकेत के रूप में 1972 के शिमला समझौते में पाकिस्तान को वापस कर दिया गया था। दो सप्ताह की भीषण लड़ाई के भीतर, पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय और बांग्लादेशी सेना की संयुक्त कमान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया , जिसके बाद पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ बांग्लादेश का निर्माण हुआ।
युद्ध के परिणामस्वरूप 90,000 से अधिक पाकिस्तानी सेना के सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया। एक पाकिस्तानी लेखक के मुताबिक इस जंग में पाकिस्तान ने अपनी आधी नौसेना, अपनी वायु सेना का एक चौथाई और अपनी सेना का एक तिहाई हिस्सा खो दिया था।
1999 का कारगिल युद्ध
1999 की शुरुआत में, पाकिस्तानी सैनिकों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर घुसपैठ की और ज्यादातर कारगिल जिले में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। भारत ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए एक प्रमुख सैन्य और कूटनीतिक आक्रमण शुरू करके जवाब दिया। संघर्ष के दो महीने बाद, भारतीय सैनिकों ने धीरे-धीरे अधिकांश पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया, जिन पर घुसपैठियों ने अतिक्रमण किया था जुलाई 1999 के अंत तक, कारगिल जिले में संगठित शत्रुता समाप्त हो गई थी। ये युद्ध पाकिस्तानी सेना के लिए एक बड़ी सैन्य हार थी। इस युद्ध में पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब आलोचना हुई थी।
उक्त सभी सशस्त्र मुठभेड़ों के अलावा भारत-पाक के बीच समय-समय पर सीमावर्ती इलाकों में झड़पें की वारदातें सामने आती रहती है। दोनों देशों के बीच कई बार पूर्ण युद्ध की स्थिति पैदा हुई, जबकि कई बार अन्य का दायरा सीमित था। दोनों पक्षों की ओर से युद्ध जैसी मुद्रा के बाद 1955 में दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका थी, लेकिन पूर्ण पैमाने पर युद्ध नहीं छिड़ा। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरी इंसानियत को झकझोंर दिया है। आतंकी हमले को लेकर दुनियाभर के देश पाकिस्तान की आलोचना कर रहे है। पहलगाम आतंकी हमले ने दोनों देशों के बीच तकरार को बढ़ा दिया है।
Created On :   25 April 2025 8:05 AM IST