Tansen Festival 2025: 'दुनिया भर में सियासत का आधार मजहब हो गया', तानसेन समारोह में न बुलाए जाने पर बोले उस्ताद अमजद अली खां, सीएम से की ये अपील

- ग्वालियर में 100वें तानसेन समारोह का हुआ शुभारंभ
- दुनियाभर से करीब साढ़े पांच सौ कलाकारों ने लिया भाग
- उस्ताद अमजद अली खां ने न बुलाए जाने पर जताया दुख
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रविवार को 100वें तानसेन संगीत समारोह का शुभारंभ हुआ। इस विश्व प्रसिद्ध समारोह में अपनी अनदेखी करने पर पद्म विभूषण से सम्मानित सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खां दुखी नजर आए। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में मुझे कंसर्ट के लिए बुलाया जाता है लेकिन अपने ही प्रांत और शहर में आयोजित समारोह में संस्कृति विभाग द्वारा मुझे नहीं इनवाइट किया गया।
सीएम मोहन यादव से करेंगे मुलाकात
उस्ताद अमजद अली खां ने कहा कि वह सीएम मोहन यादव से मिलकर अपनी पीड़ा रखेंगे। बता दें कि सरोद वादक सोमवार को ग्वालियर पहुंचे। यहां उन्होंने जीवाजीगंज में स्थित अपने पुश्तैनी मकान में कुछ समय बिताया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि आज दुनियाभर में धर्म के आधार पर झगड़े वाली राजनीति हो रही है। उन्होंने कहा कि मैंने हमारे सीएम मोहन यादव से मिलने का वक्त मांगा है। उनके मिलकर मैं उन्हें बताउंगा कि हमें अपने प्रदेश में सेवा करने का मौका दें।
इसके साथ उस्ताद अमजद अली खां ने अपनी एक बड़ी इच्छा भी जताई। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि मेरी तीन पीढ़ियां ग्वालियर में एक कंसर्ट कर सामूहिक प्रस्तुति दें। तानसेन शताब्दी समारोह में संस्कृति विभाग का एजेंडा अलग रहा, लेकिन हम तो तानसेन वंश के गुलाम हैं, ताबेदार हैं और हम प्रतिनिधि हैं। ऐसे में तानसेन समारोह में हर साल कम से कम न्योता तो भेज दें। हम अगर बिजी है तो नहीं आएंगे और अगर फ्री है तो जरूर आएंगे।
बता दें कि सोमवार यूनेस्को की टीम ग्वालियर पहुंची, जहां उसने शहर में संगीत विरासत से जुड़ी जगहों का दौरा भी किया। इस दौरान टीम पद्म विभूषण सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खां के जीवाजीगंज स्तिथ सरोद घर भी पहुंची।
Created On :   4 March 2025 1:35 AM IST