संभल हिंसा और बवाल: गणतंत्र नहीं 'गन तंत्र', संभल हिंसा पर सपा ने लगाए पोस्टर्स, पुलिस ने हटाए, इलाके में अब भी इंटरनेट बंद
- सपा ने प्रयागराज में लगाए हिंसा के पोस्टर्स
- साधा योगी सरकार पर जमकर निशाना
- पुलिस ने चौक से हटाए पोस्टर्स
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद को लेकर हुआ विवाद अब सियासी मोड़ ले चुका है। समाजवादी पार्टी की छात्र सभा यूनिट ने प्रयागराज में एक पोस्टर लगा कर योगी सरकार पर जोरदार निशाना साधा है। पोस्टर में लिखा था कि, "भारतीय जनता पार्टी का चुनावी मूल मंत्र गणतंत्र नहीं बिल्कि 'गन-तंत्र' है। प्रभुता के आवेश में बौखलाया है सुल्तान, सांप्रदायिकता की आग में जल रहा है हिंदुस्तान।" इतना ही नहीं बल्कि पोस्टर में संभल हिंसा की फोटो लगाकर लिखा गया कि- बीजेपी के तानाशाही रवैए का एक दृश्य। यह विवादित पोस्टर सिविल लाइंस इलाके में सुभाष नामक चौक पर लगाया गया जिसके बाद पुलिस ने इसे हटा दिया।
पुलिस ने हटाया पोस्टर
पुलिस के मुताबिक, सुभाष चौक पर लगा यह पोस्टर विवादत और आपत्तिजनक था इसलिए इसे यहां से हटा दिया गया है। पुलिस का कहना है कि इसकी पूरी जांच-पड़ताल के बाद कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इस पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। वहीं, पुलिस काफी ज्यादा चौकन्नी हो गई है ताकि हिंसा दोबारा ना भड़क उठे।
क्या है पूरा मामला?
मालूम हो कि, रविवार (24 नवंबर) सुबह साढ़े सात बजे के करीब सर्वे टीम जामा मस्जिद के पहुंची थी। इस दौरान दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे किया जा रहा था, लेकिन अचानक से इसका विरोध शुरू हो गया और लोगों ने पुलिस पर पत्थराव करना शुरु कर दिया। जानकारी है कि, एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने हालात संभाला और भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। जामा मस्जिद के आसपास के इलाके में इकट्ठा हुई भीड़ को हटाने के लिए मस्जिद के अंदर से अनाउंसमेंट की गई लेकिन कोई नहीं माना और पत्थरबाजी शूरू कर दी। बता दें, इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई।
घरों से मिले अवैध हथियार
यूपी के संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी जिसमें 4 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। जिसके बार पुलिस टीम ने पूरी रात छापा मारा। इस छापेमारी में पुलिस ने घरों से अवैध हथियारों (Illegal Weapons) सहित कारतूस बरामद किए। साथ ही, पुलिस ने दो महिलाओं और 19 लोगों को अरेस्ट कर लिया है। हालात ऐसे हो गए कि स्कूल-कॉलेजों और इंटरनेट की सेवाओं को बंद करने की नौबत आ गई। साथ ही, बाहर से लोगों के आने पर भी प्रतिबंध लगाया गया था।
कोर्ट ने दिए सर्वे के आदेश
इससे पहले 19 नवंबर को संभल जिले की चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की कोर्ट ने जामा मस्जिद के एडवोकेट कमिश्नर को सर्वे का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सिविल जज की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिए थे। और अदालत ने कहा था कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए।
Created On :   26 Nov 2024 2:24 PM IST