मंदिर में नए निर्देश: सिद्धिविनायक मंदिर प्रबंधन ने भक्तों के लिए आज से लागू किया ड्रेस कोड , भक्तों ने मंदिर फैसले की तारीफ की

सिद्धिविनायक मंदिर प्रबंधन ने भक्तों के लिए आज से लागू किया ड्रेस कोड , भक्तों ने मंदिर फैसले की तारीफ की
  • मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर का फैसला
  • गणेश भक्तों के आस्था का एक प्रमुख केंद्र
  • नियमों का पालन करना आवश्यक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वैसे तो आपने अलग अलग धर्म और संस्कृति की पोशाक सुनी हुई होगी। न केवल सुनी हो गई बल्कि अलग अलग धर्मों के लोगों का उनके धर्म के मुताबिक कपड़े पहनते हुए देखा भी होगा। लेकिन बच्चों में एकरूपता और अनुशासन बनाए रखने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में चलने वाली यूनीफॉर्म की तरह ही मंदिर में भी ड्रेस कोड चलेगा ये आपको पहली बार मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में देखने को मिलेगा।

सिद्धिविनायक मंदिर प्रबंधन ने भक्तों के लिए आज से ड्रेस कोड लागू कर दिया है। भक्तों ने मंदिर के इस फैसले का स्वागत किया है। मंदिर की इस नई व्यवस्था के तहत, स्कर्ट, कटे-फटे कपड़े और रिवीलिंग ड्रेस पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा।

मंदिर के इस फैसले को लेकर कई भक्तों का कहना है कि गुरुद्वारे, दरगाह और चर्च में पहले से ड्रेस कोड की व्यवस्था चली आ रही है। गुरुद्वारे अगर कोई शख्स प्रवेश करता है , तो सिर ढककर अंदर आता है। चर्च और दरगाह में जाने पर भी नियमों का पालन करना होता है।

समय समय पर अभद्र कपड़ों में मंदिर के पास अलग अलग अंदाज में रील और वीडियो के वायरल होने पर कई दिनों से हिंदू मंदिरों में भी ड्रेस कोड लागू करने की मांग चली आ रही थी। युवाओं में तेजी से पश्चिमी संस्कृति के कपड़ों का रिवाज तेजी से बढ़ रहा है, इसे रोकने के लिए मंदिर ने ऐसा किया है।

डीडी न्यूज के मुताबिक मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर ने भक्तों के लिए ड्रेस कोड को लेकर एक नया दिशा-निर्देश जारी किया है। सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के सनातनी और गणेश भक्तों के आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। यहां पर लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के जीवन की मनोरथ पूरी होती है। लेकिन, जब लोग किसी पवित्र स्थल पर जाते हैं, तो वहां कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, ताकि उस स्थान की पवित्रता बनी रहे।

Created On :   30 Jan 2025 12:47 PM IST

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