पंजाब CM का ऐलान: आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को 5 लाख रुपए और नौकरी देंगे, अब तक 53 की मौत
![Will give 5 lakh more jobs to the relatives of farmers who lost their lives during the movement Will give 5 lakh more jobs to the relatives of farmers who lost their lives during the movement](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2021/01/will-give-5-lakh-more-jobs-to-the-relatives-of-farmers-who-lost-their-lives-during-the-movement_730X365.jpg)
डिजिडल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ा ऐलान किया है। पंजाब सीएम ने शुक्रवार को कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी और पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों पर झूठ फैलाने के लिए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और आम आदमी पार्टी (आप) की जमकर आलोचना की। इसके साथ ही सिंह ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिए जाने को लेकर केंद्र सरकार को भी घेरा।
बता दें कि कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान दिल्ली की सीमाओं पर 58 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं शुक्रवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच 11वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही। वहीं अगली मीटिंग के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने बताया कि सरकार ने हमें अपने प्रस्तावों पर विचार करने के लिए कहा है। वह अब बातचीत का सिलसिला बंद कर रही है। यही बात कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी कही। आंदोलन के बीच आए दिन हो रही किसानों की मौत को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है और इस बीच अब सिंह का यह बड़ा एलान सामने आया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार आखिर कानूनों को रद्द करने में संकोच क्यों कर रही है? सिंह ने केंद्र की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें कानूनों को रद्द करना चाहिए और इसके बाद किसानों के साथ बैठना चाहिए और सभी हितधारकों को विश्वास में लेने के बाद नए कानूनों को लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में पहले ही कई बार संशोधन किया जा चुका है, फिर सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने के बारे में अडिग क्यों है।
बिना किसी चर्चा के संसद के माध्यम से कानूनों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा देश इसके लिए कीमत चुका रहा है। सिंह ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या देश में संविधान है? कृषि, अनुसूची 7 के तहत एक राज्य का विषय है। फिर केंद्र ने राज्य के विषय में हस्तक्षेप क्यों किया है? सीएम ने कहा कि उन्होंने बिना किसी से सलाह लिए इन कानूनों को लागू किया, जिसकी वजह से हम सभी इस स्थिति में आ गए हैं।
हम किसानों के साथ हैं और उनके साथ खड़े रहेंगे: सिंह
सिंह ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि हम किसानों के साथ हैं और उनके साथ खड़े रहेंगे। मुख्यमंत्री ने अपने फेसबुक लाइव हैशटैग आस्क कैप्टन सत्र के 20वें संस्करण के दौरान कहा कि पंजाब सरकार और पंजाब का प्रत्येक व्यक्ति किसानों के साथ खड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हर दिन ठंड से अपने किसानों को खो रहे हैं और अब तक करीब 76 किसान दम तोड़ चुके हैं।उन्होंने कहा कि मृतक किसानों के परिवारों को 5 लाख रुपये के मुआवजे के अलावा उनकी सरकार परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देगी।
अब तक 76 किसानों ने जान गंवाई
बता दें कि बीते साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों के दौरान कई लोगों ने जान भी गंवाई है। पंजाब सरकार के मुताबिक, आंदोलन के दौरान अब तक 76 लोगों की जान जा चुकी है। किसान कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं। जिन कारणों से किसानों की जान गई, उनमें सड़क दुर्घटना से लेकर ठंड तक जैसे कारण शामिल हैं। वहीं कुछ ने खुद अपनी जान ले ली।
तोमर के बयान से लगा, आगे बातचीत के आसार नहीं
शुक्रवार को मीटिंग के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कहा कि हमने 12 राउंड की बैठकें कीं। जब यूनियन कानून वापसी पर अड़ी रही तो हमने उन्हें कई विकल्प दिए। आज भी हमने उन्हें कहा है कि सभी विकल्पों पर चर्चा करके आप अपना फैसला हमें कल बताइए। तोमर ने कहा कि इतने दौर की बातचीत के बाद भी नतीजा नहीं निकला, इसका हमें खेद है। फैसला न होने का मतलब है कि कोई न कोई ताकत है, जो इस आंदोलन को बनाए रखना चाहती है और अपने हित के लिए किसानों का इस्तेमाल करना चाहती है। ऐसे में किसानों की मांगों पर फैसला नहीं हो पाएगा।
पिछली मीटिंग में कानूनों को होल्ड करने पर बात हुई
इससे पहले बुधवार को हुई पिछली बातचीत में सरकार ने प्रपोजल दिया था कि कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक होल्ड कर सकते हैं। इसके बाद उम्मीद जगी कि अब शायद किसान मान जाएं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। किसान नेताओं ने गुरुवार को दिन भर बैठकें करने के बाद देर रात कहा था कि सरकार का प्रपोजल मंजूर नहीं। उन्होंने कहा कि कानून रद्द होने चाहिए, और MSP की गारंटी मिलनी चाहिए।
Created On :   22 Jan 2021 11:27 PM IST