70 साल पहले स्वतंत्रता के बाद लोकसभा का पहला चुनाव 25 अक्टूबर, 1951 को हुए थे शुरू

The first elections to the Lok Sabha after independence 70 years ago were held on October 25, 1951.
70 साल पहले स्वतंत्रता के बाद लोकसभा का पहला चुनाव 25 अक्टूबर, 1951 को हुए थे शुरू
भारत 70 साल पहले स्वतंत्रता के बाद लोकसभा का पहला चुनाव 25 अक्टूबर, 1951 को हुए थे शुरू

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । देश में 70 साल पहले 25 अक्टूबर, 1951 को चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई थी और भारतीय संविधान के तहत 1952 में परिणाम घोषित किए गए थे। अगस्त 1947 में स्वतंत्रता के बाद यह लोकसभा का पहला चुनाव था। अधिकांश राज्य विधानसभाओं के चुनाव भी एक साथ हुए थे। उस चुनाव में लगभग 17.3 करोड़ लोगों ने मतदान किया।हालांकि 36 करोड़ पात्र मतदाता थे। 45.7 प्रतिशत मतदान हुआ था।

उन मतदाताओं में से कुछ अभी भी जीवित है। साल 1928 में जन्मे सुल्तान सिंह बैकलीवाल, दिल्ली के पहले आम चुनाव के अनुभव को स्पष्ट रूप से याद करते हैं। बैकलीवाल का परिवार मुगल काल से पुरानी दिल्ली में रह रहाअब नई दिल्ली में शिफ्ट हो गए। वह इंडिया आर्ट्स पैलेस के मालिक हैं, जो कला, प्राचीन वस्तुओं और आभूषणों के लिए भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित शोरूमों में से एक है। उनके जैसे कई युवा 70 साल पहले चुनाव प्रचार और मतदान प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित थे। हालांकि, युवाओं से ज्यादा उत्साहित महिलाएं थीं। यह पहला मौका था जब स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनाव में सभी महिलाओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का मौका मिला।

बैकलीवाल ने कहा पंजाब की महिलाएं, जो कुछ साल पहले विभाजन के बाद दिल्ली चली गई थीं अधिक स्वतंत्र थीं। पुरानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पर्दा पहने महिलाओं की तुलना में अधिक स्वतंत्रता थीं। वे इस बात से आशंकित थीं कि क्या उन्हें वोट देने दिया जाएगा।

चुनाव प्रचार के दौरान, विपक्ष से प्रतिस्पर्धा का कोई सवाल ही नहीं था, क्योंकि यह समझा जाता था कि पंडित नेहरू ही जीतेंगे।  लेकिन उत्साह इस तथ्य से अधिक था कि स्वतंत्र भारत के पहले चुनाव में नेहरू को वोट देने का मौका मिलने पर युवाओं ने गर्व महसूस किया। कुछ प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार चुनाव के लिए खड़े हुए, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई। आखिर नेहरू युवाओं के चहेते थे।

कांग्रेस ने 489 में से 364 सीटों पर जीत हासिल की और उसे 45 फीसदी वोट मिले। जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस संसदीय दल के नेता के रूप में प्रधानमंत्री चुने गए थे। चुनाव में 53 पार्टियां और 1949 उम्मीदवार थे, जिनमें से 533 निर्दलीय थे। राजनीतिक दलों में जेबीए कृपलानी के नेतृत्व वाली किसान मजदूर प्रजा परिषद, सोशलिस्ट पार्टी जिसमें राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण थे और अजय घोष के नेतृत्व वाली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी शामिल थी। चुनाव आयोग आम चुनाव से पहले अस्तित्व में आया था। आयोग के पास संविधान के तहत उचित तरीके से कार्य करने की शक्तियां हैं। 

(आईएएनएस)

Created On :   26 Oct 2021 1:00 AM IST

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