JD Vance's India Visit: जयपुर में जेडी वेंस ने दिया भाषण, भारत-अमेरिका संबंध के बारे में बोले अमेरिकी उपराष्ट्रपति, जानें AI को लेकर क्या कहा?

- जयपुर में जेडी वेंस ने दिया संबोधन
- परिवार के साथ पहुंचे आमेर किला
- चार दिवसीय दौरे पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के उपराष्ट्रपति डेजी वेंस चार दिवसीय भारत के दौरे पर हैं। मंगलवार (22 अप्रैल) को उनका दूसरा दिन है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद आज वह अपने परिवार के साथ राजस्थान पहुंचे। उन्होंने जयपुर स्थित आमेर किले का दौरा किया। साथ ही, जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान भाषण भी दिया। इस दौरान उन्होंने भारत और अमेरिका के संबंध के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमारे देशों के पास एक-दूसरे को देने के लिए बहुत कुछ है। इसलिए हम आपके पास साझेदार के रूप में आते हैं, ताकि अपने संबंधों को मजबूत कर सकें।
'अपने इतिहास की सराहना करते हैं'
डेजी वेंस ने कहा कि आपकी तरह, हम भी अपने इतिहास, अपनी संस्कृति, अपने धर्म की सराहना करना चाहते हैं, हम व्यापार करना चाहते हैं और अपने दोस्तों के साथ अच्छे सौदे करना चाहते हैं। हम भविष्य के लिए अपनी दृष्टि को अपनी विरासत की गौरवपूर्ण पहचान पर आधारित करना चाहते हैं, न कि आत्म-घृणा और भय पर राष्ट्रपति ट्रंप ने इन सभी बातों को बहुत पहले ही समझ लिया है, चाहे वह अमेरिकी इतिहास को मिटाने की कोशिश करने वालों से लड़ने के माध्यम से हो या विदेशों में निष्पक्ष और व्यापार सौदों के समर्थन के माध्यम से। वे दशकों से इन मुद्दों पर लगातार बने हुए हैं। परिणामस्वरूप, ट्रम्प प्रशासन के तहत, अमेरिका में अब एक ऐसी सरकार है, जिसने पिछली गलतियों से सीखा है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका और भारत ने व्यापार वार्ता के लिए आधिकारिक तौर पर संदर्भ की शर्तों को अंतिम रूप दे दिया है। मेरा मानना है कि यह राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह हमारे देशों के बीच फाइनल डील की दिशा में एक रोडमैप तैयार करता है।
'AI का भविष्य नहीं'
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि हमारा मानना है कि अमेरिकी ऊर्जा भारत के परमाणु ऊर्जा उत्पादन लक्ष्यों को साकार करने में मदद कर सकती है। संयुक्त राज्य अमेरिका अच्छी तरह से जानता है और मैं जानता हूं कि भारत को पता है कि ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा प्रभुत्व के बिना AI का कोई भविष्य नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि अब हम यह उपदेश देने के लिए नहीं आए हैं कि आप किसी एक खास तरीके से काम करें। अतीत में अक्सर वाशिंगटन प्रधानमंत्री मोदी के पास उपदेश देने के दृष्टिकोण से जाता था। पूर्ववर्ती प्रशासन भारत को कम लागत वाले श्रम के स्रोत के रूप में देखते थे। एक ओर, भले ही वे प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की आलोचना करते थे, जो यकीनन लोकतांत्रिक दुनिया में सबसे लोकप्रिय हैं
Created On :   22 April 2025 6:04 PM IST