सलमान को बेल, इस केस से जुड़ी हर बात जो आप जानना चाहते हैं

Salman Khan verdict in 1998 blackbuck poaching case everything you want to know
सलमान को बेल, इस केस से जुड़ी हर बात जो आप जानना चाहते हैं
सलमान को बेल, इस केस से जुड़ी हर बात जो आप जानना चाहते हैं
हाईलाइट
  • कुछ लोगों का मानना है कि बिश्नोई शब्द विष्णु से निकला है
  • जो बिश्नोई समाज के मुख्य देवता माने जाते हैं।
  • बिश्नोई समाज को प्रकृति प्रेम और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए जाना जाता है।
  • बताया जाता है कि बिश्नोई समाज की स्थापना 1542 में जम्बेश्वर महाराज ने की थी।

डिजिटल डेस्क, जोधपुर। काला हिरण शिकार मामले में जोधपुर की सत्र अदालत से सलमान खान को जमानत मिल गई। कोर्ट ने उन्हें दोपहर तीन बजे जमानत दे दी। शनिवार शाम करीब पांच बजे उनकी रिहाई का आदेश जोधपुर सेंट्रल जेल के अधिकारियों के पास पहुंचा। इसके बाद साढ़े पांच बजे वो जेल से जोधपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। जहां पहले से ही उनको मुंबई ले जाने के लिए चार्टर्ड विमान पहुंचा हुआ था। शाम पौने छह बजे के करीब सलमान जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से वह मुंबई के लिए रवाना हो गए। सलमान रात साढ़े आठ बज के करीब अपने घर मुंबई पहुंच गए। फैंस ने उनके आने की खुशी में गैलक्सी अपार्टमेंट स्थित घर के बाहर जमकर आतिशबाजी की। सलमान गुरुवार को कांकणी हिरण शिकार केस में दोषी करार दिए जाने के बाद से जेल में बंद थे। बिश्नोई समाज के वकील महिपाल बिश्नोई का कहना है, "अदालत ने उन्हें 25-25 हजार रुपये के दो मुचलके जमा करने का आदेश दिया है। वह अदालत की इजाजत के बिना देश नहीं छोड़ सकते और 7 मई को उन्हें निजी तौर पर अदालत में पेश होने पड़ेगा।" बता दें कि इस मामले में बाकी आरोपी सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम को पहले ही बरी कर दिया गया है।

क्या है आरोप
साल 1998 में जोधपुर में "हम साथ-साथ हैं" फिल्म की शूटिंग के दौरान सलमान पर काले हिरण का शिकार करने के आरोप लगे थे। फॉरेस्ट ऑफिसर ललित बोरा ने इस मामले में जोधपुर के लूणी पुलिस स्टेशन में सलमान खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसी मामले में सलमान को पहले भी 5 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था। पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक, सलमान खान ने 1-2 अक्टूबर 1998 की रात कांकाणी गांव में दो काले हिरणों का शिकार किया था। इस मामले में सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम को भी आरोपी बनाया गया था, लेकिन उन्हें इस मामले में जोधपुर कोर्ट ने बरी कर दिया।

सलमान की सजा के तीन आधार

मुख्य चश्मदीद गवाह पूरण सिंह विश्नोई और चोगाराम का था, जिन्होंने सलमान को शिकार करते हुए देखा था। हालांकि, वह सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद नहीं थे। सीजेएम देव कुमार खत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया- इसके लिए काले हिरण की पोस्टमार्टम और डीएनए रिपोर्ट। इसी रिपोर्ट को लेकर हंगामा हुआ था। काले हिरण शिकार की बात सामने आने के बाद हिरणों का पोस्टमार्टम किया गया था। उस वक्त कांकाणी केस में पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट डॉ. नेपालिया ने दी थी।

रिपोर्ट में बताया गया था कि, एक हिरण की मौत दम घुटने से और दूसरे हिरण की मौत गड‌्ढे में गिर जाने और श्वानों द्वारा उसे खाने से हुई थी। लेकिन जब यह रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई तो अभियोजन पक्ष का कहना था कि यह रिपोर्ट सही नहीं थी क्योंकि इसमें गन इंजरी की बात नहीं थी। इस बात को कोर्ट ने गंभीरता से लिया और इस मामले की जांच फॉरेस्ट ऑफिसर ललित बोरा को दी गई। बोरा के मुताबिक काले हिरणों की पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दावा किया गया था कि उनकी मौत ज्यादा खाने और कूदने से हुई। यह अपने आप में बड़ी अजीब बात थी कि कोई भी हिरण ज्यादा खाने और कूदने से कैसे मर सकता है।

इसके बाद मामले की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया। बोर्ड ने दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों काले हिरणों की मौत गन शॉट इंजरी से होने की बात कही। मेडिकल बोर्ड की टीम ने जिप्सी से खून के धब्बों के सैंपल लिए थे। जिनके डीएनए रिपोर्ट में काले हिरण के शिकार की बात का खुलासा हुआ।

2017 में कोर्ट के सामने क्या कहा था सलमान ने
जनवरी 2017 में सलमान ने जोधपुर कोर्ट में अपना बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया था।  इस दौरान मजिस्ट्रेट के द्वारा पूछे गए सवालों में सलमान की झूठ पकड़ी गई थी। उस वक्त उनसे करीब 60 सवाल पूछे गए थे और उनमे से ज्यादातर का जवाब उन्होंने झूठ या गलत कहकर दिया था। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दलपत सिंह राजपुरोहित ने सलमान खान से कहा कि दो लोगों ने उन्हें काले हिरण को मारते हुए देखा है। इस पर सलमान खान ने कहा कि यह गलत है। हालांकि मजिस्ट्रेट के सामने सलमान खान उस समय थोड़ा असहज हो गए जब उन्हें  बतलाया गया कि काले हिरन के खून के निशान और उसके बाल आपकी जीप से मिले हैं।

क्यों खुश है बिश्नोई समाज
सलमान के सजा के बाद जहां कई फैंस नाराज हैं, तो वहीं दूसरी तरफ राजस्थान का बिश्नोई समाज इस फैसले से खुश हुआ, ये समाज प्रकृति प्रेम के लिए जाना जाता है। बिश्नोई समाज ही है जो पिछले 20 सालों से काले हिरण के शिकार मामले में आरोपियों को सजा दिलाने की कोशिश कर रहा था और जब सलमान को सजा दी गई तो ये समाज सबसे जयादा खुश हुआ।

बिश्नोई समाज का इतिहास
बताया जाता है कि बिश्नोई समाज की स्थापना 1542 में जम्बेश्वर महाराज ने की थी। बिश्नोई समाज को प्रकृति प्रेम और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए जाना जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि बिश्नोई शब्द विष्णु से निकला है, जो बिश्नोई समाज के मुख्य देवता माने जाते हैं। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि बिश्नोई शब्द बीस (20) और नोई (9) से मिलकर बना है, क्योंकि इस समाज के लोग 29 नियमों का पालन करते हैं। ये 29 नियम जम्बेश्वर महाराज ने बनाए थे, जिसको बिश्नोई समाज पूरी श्रद्धा से पालन करता है।

बिश्नोई समाज जोधपुर के पास पश्चिमी थार रेगिस्तान से आता है और इस समाज के लोगों को प्रकृति प्रेम के लिए जाना जाता है। बिश्नोई समाज में जानवरों को भगवान के बराबर माना जाता है और जानवरों की रक्षा के लिए ये लोग अपनी जान तक देने के लिए तैयार रहते हैं। कहा जाता है कि प्रकृति के लिए जान देने वाले लोगों को बिश्नोई समाज में शहीद का दर्जा भी दिया जाता है।

सलमान के खिलाफ अन्य केस

आर्म्स केस

जोधपुर में 22 सितंबर, 1998 को सलमान खान के कमरे से पुलिस ने एक रिवॉल्वर और राइफल बरामद की थी। शिकार में इस्तेमाल हथियार की वजह से सलमान खान के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत अलग से केस दर्ज किया गया था। 18 जनवरी 2017 को लोअर कोर्ट ने सलमान को बरी कर दिया था। इसके खिलाफ भी हाईकोर्ट में अपील की गई है।

भवाद गांव केस

इस केस में सीजेएम कोर्ट ने 17 फरवरी 2006 को सलमान खान को दोषी करार देते हुए एक साल की सजा सुनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस मामले में सलमान को बरी कर दिया। इस फैसले के खिलाफ भी राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।

घोड़ा फार्म हाउस केस

इस केस में 10 अप्रैल 2006 को सीजेएम कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद सलमान खान हाईकोर्ट चले गए थे। 25 जुलाई 2016 को हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था, लेकिन राजस्थान सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।

जोधपुर जेल में आसाराम

सलमान खान जिस जेल में रहे उसी जेल में बलात्कार के आरोप में आसाराम बापू पिछले 4 सालों से बंद है। आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साईं पर कई लड़कियों ने बलात्कार का आरोप लगाया था। आसाराम पर जोधपुर के आश्रम में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में 31 अगस्त 2013 को इंदौर के आश्रम से गिरफ्तार किया गया था और तभी से आसाराम जेल में है। आसाराम सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत याचिका दाखिल कर चुके हैं, लेकिन वहां भी उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था। 

Created On :   5 April 2018 6:28 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story